ऑफ द रिकॉर्ड/भाड़ में जाए प्रोटोकाल, इन्हें तो अपनी नेतागिरी की पड़ी है

  • नगीन बारकिया
कोरोना

भाड़ में जाए प्रोटोकाल, इन्हें तो अपनी नेतागिरी की पड़ी है
ऐसा लगता है कि कोरोना तो अब अपने घर लौटना चाहता है लेकिन हमारे देश की राजनीति उसे जाने ही नहीं देना चाहती। वह तो तीसरी लहर को अपने घर बुलाने का न्योता देती नजर आ रही है और यही कारण है कि देश में तीसरी लहर सिर पर आ गई है तथा कई राज्यों में खतरे की घंटी बज चुकी है। ऐसा नहीं है कि इस बुलावे का पत्र कोई एक राजनीतिक दल के लोग लेकर खड़े है, जिधर और जिस दल में देखो वही निमंत्रण बांटता नजर आता है। किसान आंदोलन में शामिल नेता तो यह मानकर चल रहे हैं कि कोरोना उन्हें छुएगा भी नहीं, वे तो महीनों से डटे हुए हैं। केंद्र में मंत्री बनने के बाद स्वागत की वही परंपरा शुरू हो गई जो पहले हुआ करती थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर पहुंचने पर जो भव्य स्वागत हुआ उससे ऐसा लगा मानो कोरोना दुम दबाकर भाग गया हो। कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल बंगाल चुनाव प्रचार से यह कहकर अलग हो गए थे कि कोरोना के कारण प्रचार बंद कर रहे हैं। उन्होंने सभी को सीख भी दी थी, लेकिन उन्हीं की पार्टी के नेता नवजोत सिद्धू अपने को पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर अमृतसर में भारी भीड़ के साथ शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए। आखिर यह क्या है। जिन पर स्थितियों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी है यदि वे ही उन परिस्थितियों को उत्पन्न करने का कारण बन जाएं तो फिर तीसरी लहर को आने से कौन रोक सकता है। फिर कोरोना प्रोटोकाल की स्वयं ही धज्जियां उड़ाते नजर आने वाले नेताओं को कुंभ और ईद की भीड़ को रोकने का कोई नैतिक आधार नहीं है। अब तो जनता को तीसरी लहर से बचना है तो स्वयं को ही सतर्क और जागरूक होना होगा तथा इन निमंत्रण देते लोगों को भी सबक सिखाना होगा।

तीसरी लहर का कई राज्यों में दिखाई दिया खतरा
तीसरी लहर के बारे में फिलहाल राहत की बात यह है कि इसके भारत में भयावह होने की संभावना कम ही है। इसका कारण सीरो सर्वे में 68 फीसदी लोगों का सीरो पॉजिटिव पाया जाना है। टीकाकरण के बावजूद ब्रिटेन, रूस समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भारत की चिंताएं भी अवश्य बढ़ा दी हैं। चिंता पिछले एक माह से नए केस की संख्या 40 हजार बनी रहने को लेकर है। विशेषज्ञों का कहना है कि आंकड़े स्थिर होने के बाद इनमें बढ़ोत्तरी हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के 13 राज्यों में कोरोना के सक्रिय रोगियों में बढ़ोत्तरी का रुझान है। केरल,  आंध्र प्रदेश, ओडिशा के अलावा पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में कोरोना के दैनिक मामलों की दर ऊंची बनी हुई है। मानना यह है कि जिस प्रकार तेजी से मामले घट रहे थे और वह 40 हजार पर स्थिर हो गए हैं, यह तीसरी लहर की आहट हो सकती है। कई देशों में ऐसा ही हुआ है। वह अब तक कई लहर का सामना कर चुके हैं। कई प्रदेशों में भी दो से अधिक लहर आ चुकी हैं।

सिद्धू की आक्रामक बल्लेबाजी, अमरिंदर पर बढ़ा दबाव
अपने स्वभाव के अनुरूप क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिद्धू ने आक्रामक अंदाज में अपनी पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की पारी की शुरूआत कर दी है। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर की सिद्धू से माफी मांगने की पहली ही गेंद को फ्रंट फुट पर जाकर 65 विधायकों को अपने खेमे में दिखाकर सीमा रेखा के बाहर भेज दिया जिससे शुरू से ही कैप्टन दबाव में दिखाई दिए। मतलब माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू ने अमरिंदर सिंह को अपनी ‘ताजपोशी’ के लिए न्योते के साथ 65 विधायकों के हस्ताक्षर भेज दिए हैं। माना जा रहा है कि सिद्धू के इस कदम से दोनों खेमों में तनातनी और बढ़ सकती है। कैप्टन की आपत्तियों के बावजूद कांग्रेस हाईकमान की ओर से पंजाब में पार्टी की कमान सौंपे जाने के बाद से सिद्धू लगातार अपनी टीम मजबूत करने में जुटे हैं। वह कांग्रेस के एक-एक विधायकों, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से जाकर मुलाकात कर रहे हैं। बुधवार को जब वह 65 विधायकों के साथ स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे तो संदेश साफ था कि उन्होंने कैप्टन के खेमे में सेंध लगा दी है। सिद्धू 23 जुलाई शुक्रवार को नए अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे।

येदियुरप्पा क्या सोमवार को इस्तीफा देंगे…।
दिल्ली के गलियारों के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अब यह तय हो गया है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद पर किसी अन्य की ताजपोशी होने वाली है। यह बात येदियुरप्पा के पिछले दिल्ली प्रवास के दौरान ही तय हो गई थी जो लीक हो जाने के बाद रोक ली गई थी। तब बताया गया था कि येदि ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने की पेशकश की है लेकिन कुछ ही देर बाद उस खबर को खारिज कर दिया गया था। लेकिन येदि का हटना तय था जिस पर संभवत: सोमवार 26 जुलाई को मुहर लग सकती है। सोमवार को येदि ने बैंगलोर में कैबिनेट तथा पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है जिसमें वे कुछ विशेष घोषणा करने वाले हैं।

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