
महाकुंभ के लिए ब्राह्मण बांट रहे पीले चावल
भोपाल में अगले माह की 4 तारीख को होने वाले ब्राह्मण समाज के महाकुंभ में 5 लाख लोगों के शामिल होने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए ब्राह्मण समाज की महिला विंग घर घर जाकर पीले चावल देकर समाज जनों को आमंत्रित करेगी। इसके साथ ही युवा मोर्चा हर शहर में रैली निकालेंगे। ताकि, ज्यादा से ज्यादा संख्या में समाजजन इस महाकुंभ में शामिल हो सकें। इस महाकुंभ को विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। महाकुंभ के दौरान समाज अपनी मांगें भी सरकार और राजनीतिक दलों के सामने रखेंगे। यह महाकुंभ पूरी तरह से गैर राजनीतिक रहेगा। इस कार्यक्रम में राजनीति से जुड़े लोग भी समाज के व्यक्ति के तौर पर मौजूद रहेंगे। ब्राह्मण समाज की कुल 11 सूत्रीय मांगें हैं। इसके साथ ही एट्रोसिटी एक्ट, पुजारियों के मानदेय, जमीन का आवंटन आदि मांगें भी शामिल हैं। जिसमें ब्राह्मण आयोग के गठन की प्रमुख मांग है।
दीपक जोशी के बेटे जयवर्धन ने किया विद्रोह
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे व पूर्व मंत्री दीपक जोशी तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद अब कांग्रेसी बन चुके हैं, लेकिन उनके बेटे जयवर्धन अपने पिता से जुदा राह पर चल रहे हैं। दीपक से उलट जयवर्धन ने फेसबुक पोस्ट कर भाजपा की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, अंत्योदय का संकल्प है, भाजपा ही विकल्प है। इसके साथ ही उसने भाजपा नहीं छोड़ने का फैसला किया है। ऐसे में दीपक के कांग्रेस में शामिल होने के सियासी अभियान को भी झटका माना जा रहा है। उधर, दीपक जोशी से जब पूछा गया कि क्या आप अपने सम्मान के लिए कांग्रेस में जा रहे हैं? उन्होंने कहा नहीं, मैं अपने पिता के सम्मान के लिए कांग्रेस में जा रहा हूँ। मैं अपने पिता का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। मेरे पिता का बनने वाला स्मारक अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। मेरी पिछले दो साल से भाजपा में घोर उपेक्षा हो रही है।
चौके छक्के मारना पड़ सकता है भारी
पुलिस के एक आला अफसर इन दिनों चौके छक्के मारने के चक्कर में बुरी तरह से उलझ गए हैं। दरअसल इन बड़े साहब का कार्यकाल थोड़ा सा ही बचा है साहब ने नौकरी से बाहर होने के पहले क्रिकेटर सूर्यकुमार की स्टाइल में बल्लेबाजी करने की मंशा पाल रखी है। फिर क्या था साहब ने एक मामले में फ्रंट फुट पर आकर बल्लेबाजी शुरु कर दी। इसके चक्कर में उनके द्वारा एक बड़ी कंपनी को टेंडर से बाहर करवाकर अपनी चहेती कंपनी को टेंडर देने का रास्ता साफ कर दिया गया। इससे खफा बाहर होने वाली कंपनी ने कोर्ट की शरण ले ली। अब कोर्ट ने बंद लिफाफों में टेंडर के रेट मांग लिए हैं। इसके बाद से साहब अपना विकेट बचाने की जुगत में हैरान परेशान बने हुए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि साहब का विकेट भले नहीं गिरे , लेकिन उनके हिट विकेट होने का खतरा तो बना ही रहेगा।
दस आईएफएस अफसरों को एक साल की मिलेगी वरिष्ठता
भारतीय वन सेवा के दो बैच के प्रमोटी आईएफएस अफसरों के लिए अच्छी खबर है। उनकी वरिष्ठता में एक साल की वृद्धि की जा रही है। इसमें वर्ष 2002 और 2003 बैच के 10 अफसर शामिल हैं। हाल ही में हुई डीपीसी में कैडर आवंटन वर्ष में हुई इस गलती को ठीक करने का फैसला कर लिया गया है। इसमें वन मंत्रालय में पदस्थ अतिरिक्त सचिव अतुल कुमार मिश्रा, बजेंद्र झा, देवेंद्र पालीवाल 2003 बैच के हैं, जिन्हें 2002 बैच आवंटन हो जाएगा। वही 2002 बैच के एके बंसल, राजीव मिश्रा, महेंद्र सिसोदिया, लखनलाल उइके, अनिल सिंह, शिव सिंह उद्देश्य, प्रीतम पाल टिटारे शामिल हैं, जिन्हें एक वर्ष पीछे का कैडर मिलेगा। ये सभी वे अफसर हैं, जो राज्य वन सेवा से भर्ती होने के बाद भारतीय वन सेवा में पदोन्नत हुए थे। इस बदलाव के बाद सभी अफसरों को एक वर्ष पहले ही वेतनवृद्धि और आगामी प्रमोशन के अधिकार मिल जाएंगे।