- प्रणव बजाज

रामबाई के सच से फिर बवाल
ए क सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत लेने के मामले में बयान को लेकर हाल ही में चर्चित हुई पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह परिहार अब फिर चर्चा मे हैं। इस बार भी उनका इसी तरह के मामले में ए क नया वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे कड़वा सच बता रही है कि देश से लेकर पंचयात स्तर तक का ऐसा कोई कर्मचारी नही है जो रिश्वत नहीं लेता है। उनका कहना है कि इसकी जानकारी सभी सीनियर अधिकारियों को भी रहती है, लेकिन सभी चुप्पी साधे रहते हैं। फिलहाल इस तरह का कड़वा सच कम जनप्रतिनिधि ही सार्वजनिक करते हैं। इसके पहले भी उनका एक इसी तरह का रिश्वत के मामले में वीडियो वायरल हुआ था , जिसमें वे कह रहीं थीं कि आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है। सवा लाख के आवास पर हजार-पांच सौ लेना ठीक, लेकिन 10 हजार लेना गलत है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के शाहपुर ग्राम पंचायत के सतउआ गांव के लोग उनके पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। पीएम आवास के नाम पर सचिव रिश्वत ले रहे हैं। जब मुझे ग्रामीणों ने सचिव और रोजगार सहायक के सामने इसका खुलासा किया। इसके बाद उन्होंने कुछ लोगों के पैसे वापस कराए यह कोई एक गांव या मध्य प्रदेश की नहीं पूरे देश की स्थिति है।
जब स्वास्थ्य मंत्री को आया गुस्सा
नेताओं को हमेशा भीड़ पसंद रहती है। अगर उन्हें भीड़ नहीं दिखे तो उनका मन नहीं लगता है। घर हो या कोई कार्यक्रम सभी में उन्हें भीड़ पसंद होती है। अगर भीड़ आसपास न हो ते नेताओं को गुस्सा आना स्वाभाविक है। ऐसा ही कुछ बीते दिन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के साथ हुआ। वे सेहत को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए मानस भवन में आयोजित दो दिवसीय ईट राइट मेले का शुभारंभ करने गए तो वहां पर भींड़ नदारत थी, फिर क्या था मंत्री जी का स्वास्थ्य बिगड़ गया। उन्हें भीड़ नहीं मिली तो ऐसे खफा हुए की मौके पर मौजूद मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे पर जमकर बरस उठे। यही नहीं हॉल में खाली कुर्सियां देखकर अधिकारी से पूछा-कहां से आये हो। क्या मालूम नहीं कार्यक्रम कैसे होते हैं। क्या इस तरह बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उसके बाद वे आनन-फानन में निकल गए। यह बात अलग है कि उन्होंने कुछ देर में ही गिने-चुने बच्चों को पुरस्कृत किया और बच्चों की तरफ से लगाई गईं स्टॉल का निरीक्षण किया और फिर रवानगी डाल दी।
बैंस और दीप्ती गौड़ को कोर्ट की नाफरमानी पड़ सकती है भारी
प्रदेश के दो आला अफसरों को इन दिनों प्रशासनिक अराजकता भारी पड़ती नजर आ रही है। दरअसल पूरा मामला रीवा में संभागायुक्त के अलावा कई अन्य बेहद महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापना नहीं किए जाने का है। यहां पर राजस्व विभाग के कई बेहद अहम पदों पर लंबे समय से किसी की पदस्थापना ही नहीं की जा रही है। इसकी वजह से एक याचिका पर न्यायालय द्वारा रिक्त पदों पर एक माह के अंदर पदस्थापना के आदेश दिए थे, लेकिन इन पर अब तक कोई नियुक्ति ही नहीं की गई। इससे खफा कुछ वकील मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की शरण में चले गए। इस मामले में अब न्यायाधीश विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने रीवा में संभागायुक्त आदि की नियुक्ति न किए जाने के रवैये को चुनौती देने वाली अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस व प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन दीप्ति गौड़ मुखर्जी को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब कर लिया है। पूर्व में याचिका के जरिये पद भरे जाने की मांग की गई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से शीघ्र रिक्त पद भर लिए जाने की अंडरटेकिंग दी गई। उच्च न्यायालय ने 30 दिन के भीतर आदेश का पालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक हालत पूर्ववत बने हुए हें।
भोपाल के दिलीप सूर्यवंशी मप्र के सबसे बड़े रईस
आईआईएफएल हुरुन द्वारा जारी की गई ताजी अमीरों की सूची में मप्र के भोपाल निवासी दिलीप सूर्यवंशी को भी स्थान मिला है। इस सूची में देया के 956 उन अमीरों के नाम शामिल किए गए हैं जिनकी संपत्ति एक हजार करोड़ से अधिक है। इस सूची में मप्र के सबसे अमीर व्यक्ति के रुप में भोपाल के दिलीप सूर्यवंशी का नाम बताया गया है। वे बीते साल जारी की गई इस सूची में 353वें नंबर पर थे और उनकी नेटवर्थ 2800 करोड़ रुपए थी। वे इस बार सूची में 377 नंबर पर रहे , जबकि उनकी संपत्ति 4100 करोड़ रुपए बताई गई है। खास बात यह है कि इस सूची में सूर्यवंशी के पार्टनर देवेंद्र जैन का भी नाम शामिल है। उनका नाम बीते साल भी इस सूची में 1600 करोड़ के नेटवर्थ के साथ 537वें नंबर पर था। इस बार उनकी संपत्ति 2300 करोड़ की बताई गई है।