बिहाइंड द कर्टन/साइकिल आज हो गई है पंक्चर !

  • प्रणव बजाज
कमलनाथ

साइकिल आज हो गई है पंक्चर !
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं। उन्होंने सरकार को घेरने का पूरा जतन कर लिया है। इसी कड़ी में गतदिनों उन्होंने रतलाम में सरकार और मुख्यमंत्री पर जमकर हल्ला बोला। नाथ ने कहा कि महंगाई के खिलाफ चलने वाली शिवराज जी की साइकिल आज पंक्चर हो गई है। क्योंकि आज महंगाई चरम पर है लेकिन शिवराज जी इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान बंटाने घोषणाओं का पहाड़ खड़ा किया जा रहा है। प्रदेश का युवा रोजगार चाहता है, ठेके नहीं चाहता लेकिन प्रदेश को सिर्फ घोषणाएं मिल रही हैं। रोजगार मंदिर-मस्जिद नहीं कारखाने देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी 15 महीने की सरकार में 11 महीने हमें काम करने को मिले, इस दौरान हमने 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया, बीज-खाद की समस्या खत्म की। नौजवानों के लिए कई नए अवसर प्रदान किए। शुद्ध के लिए युद्ध हमने चलाया। हमने माफिया की कमर तोड़ी। लेकिन भाजपा सरकार में मप्र का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।  प्रदेश में योजनाओं का आधा हिस्सा भ्रष्टाचार में जाता है, इसलिए यहां का युवा, किसान, महिलाएं और गरीब परेशान हैं।

क्या कांग्रेस में और मचेगी भगदड़
करीब दो साल पहले मची भगदड़ के बाद सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस का कहना था कि पार्टी में जो कुड़ा-कचरा था वह बाहर निकल गया है। लेकिन जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस में गुटबाजी जोर पकड़ते जा रही है। शायद यही वजह है कि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक बार फिर कुछ और कांग्रेस विधायकों के टूटने का दावा किया है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक और नेता भाजपा का दामन थामने को तैयार बैठे हैं। पार्टी जब भी चाहेगी उन्हें अपने पाले में कर लेगी। एक चर्चा के दौरान मंत्री भूपेंद्र सिंह से जब चुनाव और कांग्रेस को लेकर सवाल किया गया तो वे बोले कांग्रेस चुनाव तक बची रहे यही बहुत है क्योंकि कांग्रेस के कई विधायक और नेता हमारे संपर्क में हैं। वे सभी भाजपा में आना चाहते हैं, पार्टी को यह निर्णय करना है कि उन्हें लेना है या नहीं। सिंह के बयान पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपाइयों को इसी तरह की राजनीति आती है क्योंकि उनके पास कुछ बचा नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई कांग्रेस में और भगदड़ मचने वाली है।

विधायकों की कार्यप्रणाली पर चिंता
सत्ता पक्ष हो या विपक्ष समय-समय पर अपने विधायकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते रहते हैं। अब विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी विधायकों की कार्यप्रणाली पर चिंता जताई है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधायकों से जनता के लिए समय निकालने और सामाजिक- गंभीर विषयों पर पढ़ने-लिखने की नसीहत दी है। दरअसल, गौतम गत दिवस विधानसभा की समितियों की पहली संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधायकों को विभिन्न समितियों के कामकाज की जानकारी भी होना चाहिए। गौतम ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे समिति की बैठकों में शामिल अवश्य हों। यह नाराजगी भी जताई कि समिति के कुछ सदस्य बैठकों में शामिल नहीं होते हैं, यह उचित नहीं है। गौरतलब है कि गौतम जब से विधानसभा अध्यक्ष बने हैं विधायकों की कार्यप्रणाली बदलने और विधानसभा में उनकी उपस्थिति तथा सहभागिता के लिए प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने विधायकों की समस्याओं का भी समाधान किया है ताकि वे जनता के बीच अपनी उपस्थिति निरंतर जारी रखें।

विधानसभा की अनूठी पहल
पिछले दो साल से मप्र विधानसभा अपने नवाचारों के कारण देशभर के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। इसी कड़ी में अब विधानसभा ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके अनुसार अब जिला प्रशासन और राज्य सरकार के स्तर पर आम जनता की सुनवाई न होने पर इनका समाधान विधानसभा की याचिका समिति करेगी। इसके लिए लोग विधानसभा को आवेदन कर सकते हैं, जहां मामले की सुनवाई के बाद उसका निराकरण किया जाएगा। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 208 में राज्यों की विधानसभाओं को नियम और कार्य प्रक्रिया से संबंधी व्यवस्था तय करने के अधिकार दिए गए हैं। वहीं अनुच्छेद 194 में विधानसभा की समितियों को विशेषाधिकार दिए गए हैं। जब विधानसभा सत्र तय समय सीमा से पहले खत्म हो रहे है, ऐसे में समितियों की भूमिका निर्णायक हो गई है कि वे नियमित सुनवाई कर मामलों का निराकरण करें। विधानसभा की लोक लेखा समिति को जनता से भी वित्तीय गड़बड़ियों के प्रमाणित आवेदन आने पर उनका निराकरण करने का अधिकार है। इसके साथ ही याचिका समिति जिला और शासन स्तर पर समस्याओं का निराकरण न होने पर आम जनता की शिकायतों का निराकरण कर सकेंगी। समिति को वे अधिकार हैं, जो सदन को होते हैं।

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