बिहाइंड द कर्टन/बिरला की सदस्यता का फैसला सोमवार को

  • प्रणव बजाज
सचिन बिरला

बिरला की सदस्यता का फैसला सोमवार को
बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला की सदस्यता अभी रहेगी या जाएगी , इस पर सोमवार को फैसला आ सकता है। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सुनवाई पूरी कर चुके हैं, जिसमें दोनों पक्षों के तर्क शामिल हैं। इसके बाद उनके द्वारा अपना फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। दरअसल इस मामले में कांग्रेस विधायक रवि जोशी ने अपनी याचिका के साथ बिरला के बयान का वीडियो और अखबारों में छपी खबरें लगाकर मामले को विस सचिवालय के पास भेजा था। इस मामले में फिलहाल बिरला ने  चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस का कहना है कि जब बिरला कांग्रेस छोड़ चुके हैं तो सदन की सदस्यता क्यों नहीं छोड़ रहे? बिरला ने पांच माह पहले उस समय भाजपा ज्वाइन की थी, जब खंडवा सीट पर लोकसभा के उपचुनाव हो रहे थे, जिसकी वजह से कांग्रेस के चुनावी समीकरण ऐसे बिगड़े थे की कांग्रेस प्रत्याशी की हार हो गई। हालांकि अब तक कहा जा रहा है कि विधायक बिरला ने विस सचिवालय को इस्तीफा नहीं भेजा है।

श्रीमंत का नया ठिकाना होगा उनके पिता का पुराना बंगला
पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से घर खाली कराकर , वह बंगला श्रीमंत को आंवटित कर दिया गया है। यह वो बंगला है जिसमें कभी उनके पिता स्व माधवराव सिंधिया रहा करते थे। यह बात अलग है कि श्रीमंत को इस बंगले के पहले तीन अन्य बंगलों का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्हें यही बंगला रास आया। इसकी वजह से अब सरकार इसमें रह रहे निशंक से बंगले को खाली करा रही है।  नियमानुसार मंत्री पद से हटने के एक महीने के भीतर निशंक को बंगला छोड़ देना चाहिए था। सूत्रों की माने तो घर खाली कराने के लिए सोमवार को संपदा निदेशालय की टीम जाएगी। इस आवास का पता 27, सफदरजंग रोड है। खास बात है कि यह बंगला पहले श्रीमंत के पिता दिवंगत माधवराव सिंधिया को केंद्रीय मंत्री रहते आवंटित हुआ था। इसके बाद साल 2019 तक सिंधिया यहां रहें, लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने जगह छोड़ दी थी। फिलहाल, निशंक के रहने के चलते सिंधिया आनंद लोक स्थित निजी आवास में रह रहे हैं।

पीसी भी नहीं रुकवा पाए गुमठियां हटवाना
दो साल पहले तक जिन पीसी शर्मा के इशारे पर नगर निगम कमिश्नर बंगले पर हाजरी लगाने पहुंच जाते थे , अब उन्हीं अफसर से पीसी छह गुमठियां हटवाने से रुकवाने में  नाकाम रहे हैं। इन गुमठियों को हटवाने के लिए पूर्व की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके उमाशंकर गुप्ता ने दो दिन पहले ही अल्टीमेटम दिया था। यह नर्मदा भवन के पास प्रियदर्शिनी नगर में रखी हुई थीं। इन छह गुमठियों को हटवाने से रोकने में  पीसी सफल नहीं हुए , लेकिन उनके विरोध की वजह से उनके पास ही रखी 16 दूसरी गुमठियां जरुर हटा दी गई हैं। इस दौरान प्रभावित दुकानदारों ने विरोध किया तो अधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर समझा दिया। लिंक रोड नं 2 पर प्रियदर्शिनी नगर में अवैध तौर से दुकानें रखने के साथ ही कुछ पक्की बना ली गई थी। महापौर परिषद के पूर्व सदस्य आशाराम शर्मा ने निगम कमिश्नर से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद पूर्व मंत्री गुप्ता की अगुआई में भाजपा कार्यकर्ताओं और रहवासियों ने बुधवार को  प्रियदर्शिनी नगर में धरना दिया था।

बोले नाथ, शराब पर नहीं पेट्रोल डीजल पर वैट कम करे सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार शराब की कीमतों में कमी करने के बजाय पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करे, जिससे लोगों को राहत मिल सके। नाथ ने  मीडिया से चर्चा के दौरान दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा पर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि आज महंगाई पर चर्चा नहीं होगी। रोजगार पर चर्चा नहीं होगी। बस जनता का ध्यान कैसे मोड़ा जाए, जनता को कैसे गुमराह किया जाए, यही इनका कार्यक्रम चल रहा है और यही चलता रहेगा। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, राशन, खाद-बीज, बिजली सब महंगा, बस शराब सस्ती है। नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी कर जनता को राहत प्रदान करना चाहिए। नाथ ने कहा कि आतंकवादियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि हमको आम जनता को सुरक्षित रखना है। राजस्थान की पुलिस ने अभी रतलाम से जयपुर जा रहे आतंकवादियों को पकड़ा है।

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