बिहाइंड द कर्टन/बिजली मंत्री को रातभर गुजारनी पड़ी जनरेटर में रात

  • प्रणव बजाज
बिजली मंत्री

बिजली मंत्री को रातभर गुजारनी पड़ी जनरेटर में रात
सूबे में दो मंत्रियों के बीच हुए बिजली संकट का वीडियो वायरल होने के बाद भले ही सरकार दावे कर रही है की प्रदेश में बिजली संकट नहीं है, लेकिन वास्तविकता यही है की प्रदेश में बिजली का बड़ा संकट बना हुआ है। इसका दूसरा बड़ा उदाहरण है बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का हिलगना गांव में रात्रि विश्राम करना। इस दौरान विभाग के मंत्री के लिए अफसरों ने पूरी रात जनरेटर चलाकर बिजली का इंतजाम किया। यह व्यवस्था अफसरों ने बत्ती गुल होने के डर से की थी। उनका यह डर सही भी साबित हुआ। इसकी वजह रही मंत्री जी जिस गांव में रुके हुए थे उसके समीप रात में शहर के लगभग आधे हिस्से की बिजली 3 से 4 घंटे तक गुल रही। इस बीच तोमर ने गांव में ग्राम चौपाल भी लगाई। इसमें भी सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली को लेकर ही आईं। तोमर ने इसके लिए प्रकृति को ही जिम्मेदार बता दिया। फिलहाल स्थिति तो यह हो गई है की जनता को डेढ़ दशक पहले की याद आने लगी है।

सूबे के तीन अफसर भी बनेगें केंद्र में अतिरिक्त सचिव
मध्यप्रदेश का केन्द्र सरकार में प्रशासनिक स्तर पर जलवा बढ़ता ही जा रहा है। पहले ही मप्र कैडर के एक अफसर की पदस्थापना प्रधानमंत्री कार्यालय में हो चुकी है। अब प्रदेश के ही 1996 बैच के तीन अफसरों के नाम केंद्र सरकार में अतिरिक्त सचिव के लिए इम्पैनल हो गए हैं। इसमें खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, आयुष विभाग में प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार देशमुख व नीतेश कुमार व्यास शामिल हैं। इसके साथ अन्य राज्यों के आईएस अधिकारी भी अतिरिक्त सचिव पद के लिए इम्पेनल हुए। माना जा रहा है की इन तीनों ही अफसरों की जल्द ही केन्द्र में जाने के लिए रवानगी दे दी जाएगी।

देर रात तक खुलने वाली दुकानों को लेकर भिड़े विधायक  
राजधानी का पुराने शहर के कई इलाकों में आधी रात के बाद भी कई दुकानें खुली रहती है, लेकिन मजाल है की प्रशासन उन्हें बंद कराने की जहमत उठाता हो, जबकि नए शहर में रात के 11 बजते ही पुलिस सख्ती दिखनी शुरू कर देती है। इन दुकानों को लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा व कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के बीच जमकर जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में बहस हो गई। यह बहस समीक्षा बैठक के समय हुई। शर्मा का कहना था की शहर में समय सीमा का उल्लंघन करते हुए मीट की दुकानें देर रात तक खोली जा रही हैं। इनका समय भी तय हो और यह एक निश्चित समय पर बंद की जाएं। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि उन्होंने कहा था शहर में कुछ खान-पान की दुकानें रात 11 से 12 बजे तक बंद हो जाती हैं, जबकि भारत टाकीज रोड स्थित जम- जम मीट की दुकान सहित अन्य दुकानें रात डेढ़ से दो बजे तक खुली रहती हैं। यह पूरी तरह से गलत है। जब भोपाल एक है, कलेक्टर एक है और पुलिस कमिश्नर एक है तो जम-जम सहित इन दुकानों के बंद होना का समय भी एक ही होना चाहिए। इसके नियम कानून बनाए और इसका पालन भी कराया जाए।  

बोले नरोत्तम,जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी। उनका कहना है की आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने ही पेंच फंसाया और पिछड़ा वर्ग को हर कदम पर धोखा दिया। 2022 के परिसीमन के आधार पर पंचायत चुनाव हों इसके लिए सरकार ने अतिरिक्त समय मांगा है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में एक सवाल पर कहा कि भाजपा ने 3 पिछड़े व्यक्तियों को मुख्यमंत्री बनाया। कांग्रेस ने किसी को मौका नहीं दिया। ब्राह्मण-वैश्य की बात हुई तो उनका कहना था कि पार्टी ने कैलाश जोशी और सुंदरलाल पटवा को भी सीएम बनाया। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दी गई है। 17 मई को सुनवाई होगी। उधर उनके द्वारा प्रदेश के मदरसों में भी राष्ट्रगान को अनिवार्य किए जाने के संकेत दिए हैं।

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