बिहाइंड द कर्टन/छिंदवाड़ा बना अब मुसीबत

  • प्रणव बजाज
छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा बना अब मुसीबत
भले ही कांग्रेस ने महापौर प्रत्याशी चयन में बाजी मारी ली हो, लेकिन अब यही बाजी उसके लिए प्रदेशध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ में भारी पड़ रही है। इसकी वजह है पार्टी प्रत्याशी के विरोध में उबलने वाला लावा। हालात यह हो गए हैं कि महापौर पद के दो दावेदारों ने खुला विद्रोह कर दिया है। इनमें से एक ने तो कांग्रेस से इस्तीफा देकर हाथ की झाड़ू थाम ली है। अब वह कांग्रेस प्रत्याशी को चुनौती देने के लिए आप के उम्मीदवार तक बन गए हैं।  यहीं नही दूृसरे प्रत्याशी को कांग्रेस के स्थानीय आदिवासी नेताओं ने मिलकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी भी कर ली है। इससे परेशान नाथ ने अब उन्हें मनाने का जिम्मा पार्टी के ही वरिष्ठ आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को  सौंप दिया है। भूरिया अब लगातार फोन कर नाराज आदिवासी नेताओं को मनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद असंतोष थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल इसके पीछे अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह की बहन कामिनी शाह की रणनीति काम कर रही है। अब इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी शुरूआती बढ़त के बाद बैकफुट पर आ गए हैं।

कमलनाथ का श्रीमंत पर तेज कसते हुए बड़ा हमला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला बोला है। नगरीय निकाय चुनाव में श्रीमंत समर्थकों को महापौर का टिकट न मिलने पर नाथ ने तंज कसते हुए हुए ट्वीट किया है कि टाइगर को उसके ही कोर एरिया (ग्वालियर) में ही घेर लिया, दहाड़ समाप्त हुई। भोपाल से दिल्ली तक मिमिया ( रो ) रहा है। मध्यप्रदेश के सभी 16 इलाकों में टाइगर का आतंक पूरी तरह से समाप्त ! उसे अब आज अपने घर की याद सता रही है। इसके साथ ही उनके द्वारा एक शेर भी लिखा गया है। इसमें लिखा है कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरुरी है, जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरुरी है। यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब श्रीमंत की पंसद को दरकिनार कर भाजपा ने ग्वालियर में संगठन और मूल भाजपा के नेताओं की पंसद को ध्यान में रखकर महापौर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

आखिर करना ही पड़ा दो अफसरों का निलंबन
इन दिनों अबकारी महकमे के अफसरों पर शायद शनि भागवान की साढ़ेसाती चल रही है।  इसकी वजह है बीते एक माह में विभाग के तीन अफसरों का निलंबन हो जाना। अन्यथा यह वो विभाग है, जिसमें बड़े से बड़े गुनाहों में निलंबन तो ठीक तबादले तक की सजा नहीं दी जाती है। दरअसल पहले एक सरकारी ग्रुप में पोर्न वीडियो डालने वाले एक अफसर पर निलंबन की गाज गिरी थी और अब शहर के एक बड़े होटल में पहले पार्टी और फिर विवाद करने वाले आबकारी विभाग के दो अफसरों को संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा ने निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले अफसरों में सहायक जिला आबकारी अधिकारी संतोष सिंह कुशवाह और धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के नाम शामिल हैं। इन दोनों को निलंबन के दौरान धार जिला कार्यालय में अटैच किया गया है। दरअसल होटल में अशासकीय कार्य के लिए बुकिंग करवाकर बिल का भुगतान करते समय भदौरिया के पुत्र व उसके साथियों ने स्टॉफ के साथ मारपीट करते हुए बिल का भुगतान नहीं करने के लिए अड़ी डाली थी।

भारी न पड़ जाए फोन न उठाना
इन दिनों राजधानी में पार्षद पदों के दोवदारों को इन दिनों कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी पदाधिकारी मिल नहीं रहे हैं और फोन करने पर वे उसे रिसीव भी  नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से दावेदारों के साथ ही उनके समर्थकों में नाराजगी दिखना शुरू हो गई है। बीते रोज इसी तरह का ही एक मामला पीसीसी के सामने देखने को मिला। दरअसल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर करीब दो दर्जन दावेदार इस बात से नाराज बने हुए थे कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता उन्हें मिल नहीं रहे हैं और नेता जी लगातार प्रयासों के बाद भी उनका  फोन तक अटेंड नहीं कर रहे थे। इस दौरान एक दावेदार ने अपनी भड़ास निकालते हुए यहां तक कहा, कि अपना काम हो तो रात 12 बजे भी फोन पर फरमान सुना देते हैं और अब हमारा काम पड़ा तो फोन तक नहीं उठा रहे। ठीक है उनकी बारी थी, हम भी आगे देख लेंगे। हम भी मौका पड़ने पर उनका फोन नहीं उठाएगें।

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