- प्रणव बजाज

सस्ते की आस कर सकती है आपको निराश
सस्ते लोन दिलाने और आसानी से धनवान बनाने वालों के फेर में पड़ना लोगों के लिए भारी पड़ रहा है। आए दिन लोग ऐसे झांसों में पड़कर अपना बहुत कुछ गंवा रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार ने भी लोगों से असामान्य रूप से रिटर्न या सस्ते लोन देने वाली गैर-वित्तीय संस्थाओं के प्रति सावधान और सचेत रहने का आग्रह किया है। इस संदर्भ में मंत्रालय में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में गैर वित्तीय संस्थाओं के संबंध में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि गैर-वित्तीय संस्थाओं, कंपनियों के जमाकर्ताओं को संभावित आर्थिक धोखाधड़ी से बचाने के लिए जागरुकता अभियान शुरू किया जाएगा। जिला कलेक्टरों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर ऐसी संस्थाओं में मप्र के जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम और अनियमित जमा प्रतिबंध अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। जमाकतार्ओं और आम जनता और सरकार के बीच परस्पर विश्वास बनाने रखने के लिए दोषी संस्थाओं पर सख्ती बरतते हुए कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा बैठक में अनियमित जमा प्रतिबंध अधिनियम- 2019 पर संभाग स्तर पर प्रशिक्षण सत्र या संगोष्ठी आयोजित करने पर भी चर्चा हुई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें। यही नहीं आम लोगों से ऐसी संस्थाओं के पंजीयन के प्रति जागरूक रहने एवं उनकी प्रामाणिकता के संबंध में पहले जांच पड़ताल करने की अपील की गई है। ऐसी संस्थाओं के जमाकर्ताओं के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।
प्रमुख सचिव का दावा नहीं होने दूंगा बिजली कटौती
मध्यप्रदेश में कोयला संकट की वजह से बन रहे बिजली कटौती के आसार के बीच विभाग के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने दावा किया है कि वे जल्द ही प्रदेश में कोयला संकट को समाप्त कर लेगें। उनका कहना है कि हालात कोई भी हों , लेकिन वे बिजली कटौती किसी भी कीमत पर नहीं होने देगें। दरअसल बिजली कटौती की संभावनाए बनने की बड़ी वजह है कोयले की कमी की वजह से सरकारी पॉवर प्लांटों का आधे लोड पर चलना। इसकी वजह से प्रदेश के सरकारी ताप विद्युत ग्रहों में उत्पादन बेहद कम हो पा रहा है। उनका कहना है कि रणनीति बनाना हमारा काम है और हम बना रहे हैं। कोयले की उपलब्धता के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं। बिजली की जितनी मांग है, उसकी पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी। मैं दावा करता हूं कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में बिजली की अघोषित कटौती नहीं होने दी जाएगी। उनका कहना है कि मांग की आपूर्ति करने के लिए राज्य सरकार ने पर्याप्त तैयारी की है। सिंचाई के लिए किसानों को बिजली की कमी नहीं आने दी जाएगी। उनकी मांग पर उन्हें पूरी बिजली दी जाएगी।
जूडो-कराते के माध्यम से कांग्रेस से जोड़ने की मुहिम
कांग्रेस से बेटियों को जोड़ने के लिए अब महिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अर्चना जायसवाल ने नई मुहिम चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वे जल्द ही जूडो कराटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करने जा रही है। उनके इस कदम को भाजपा के कन्या पूजन के उत्तर के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि डॉ. जायसवाल का कहना है कि अब छेड़छाड़ होने पर बेटियां अब चुपचाप नहीं बैठेंगी आत्मरक्षार्थ के लिए मौके पर ही छेड़छाड़ करने वालों को मुंह तोड़ जवाब देंगी। इसके लिए 15 अक्टूबर दशहरा पर्व से महिला कांग्रेस बेटियों को आत्मरक्षार्थ स्वावलंबी बनाने के लिए जूडो कराते प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ करने जा रही है। अभियान के तहत बेटियों को जूडो कराते की बारीकियां से अवगत करागर आत्मरक्षा का गुर सिखाए जाएंगे। उनका कहना है कि वर्तमान में बेटियों पर अत्याचार और अमानवीय घटनाएं बहुत बढ़ गई है। इन्हें रोकने के लिए महिला कांग्रेस पूरे मध्यप्रदेश मे कन्या पूजन के साथ- साथ शक्ति स्वरुप बेटियों को निडर एवं आत्मविश्वास बढाने जूडो कराटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ करने जा रही है।
पीएचक्यू में अब केवल दो दिन सुनी जाएगी अपनों की फरियाद
पुलिस मुख्यालय में प्रदेशभर से अपनी फरियाद लेकर पहुंचने वाले पुलिस कर्मियों की गहमगहमी रोज देखी जाती है। लेकिन अब यह भीड़ केवल दो दिन ही नजर आएगी। इसकी वजह यह है कि डीजीपी विवेक जौहरी ने पुलिस मुख्यालय में पुलिसकर्मियों की फरियादी सुनने के लिए अवकाश के दिनों को छोड़कर मंगलवार और शुक्रवार का दिन तय कर दिया गया है। डीजीपी ने मैदानी अफसरों को निर्देश दिया है कि पुलिसकर्मियों का आवेदन स्पष्ट अनुशंसा के साथ भेजें, ताकि उन पर कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने इस संबंध में सभी पुलिस इकाइयों को पत्र लिखा है। दरअसल पहले पुलिसकर्मी बिना अनुमति पीएचक्यू पहुंच जाते थे। तब पीएचक्यू ने यह निर्देश दिया था कि पुलिसकर्मी आला अफसरों की अनुमति के बाद पीएचक्यू आएं। अब जब आला अफसरों की अनुमति ली जा रही है, तब भी फरियाद सुनाने के लिए मैदानी पुलिसकर्मियों की पीएचक्यू में अच्छी खासी भीड़ जमा हो जाती है। इस कारण नया निर्देश जारी करना पड़ा है। नए निर्देश के अनुसार अब अधिकारी और कर्मचारी प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच पीएचक्यू में अधिकारियों से मिल पाएंगे। डीजीपी ने सभी पुलिस इकाइयों के आला अफसरों को भी निर्देशित किया है कि अनुमति के साथ संबंधित कर्मचारी का आवेदन पत्र और स्थानांतरण की वजह निर्धारित प्रपत्र में जानकारी संलग्न करते हुए स्पष्ट अनुशंसा के साथ मुख्यालय को भेजें, ताकि उन पर समुचित कार्रवाई की जा सके।