शनि अमावस्या पर शनिदेव को प्रसन्न करने के आसान उपाय

शनिदेव

बिच्छू डॉट कॉम। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में एक बार अमावस्या पड़ती है। शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है। शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। तिष शास्त्र में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए शनि अमावस्या का दिन शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। 4 दिसंबर को शनि अमावस्या है। आइए जानते हैं शनि अमावस्या पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट-

पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
शनि अमावस्या पर शनिदेव की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है।
शनिदेव को तेल अर्पित करें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य भी किए जाते हैं।
पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव की आरती जरूर करें।

Related Articles