धर्माचरण को ही अपने जीवन का परम कर्तव्य बनाएं: स्वामी शाश्वतानंद सरस्वतीजी महाराज

प्रधानमंत्री आवास योजना (मल्टी) ट्रांसपोर्ट नगर कोकता में जारी है नौ दिवसीय श्रीमद् वाल्मीकि रामायण महाज्ञान यज्ञ कथा

भोपाल (बिच्छू डॉट कॉम)। ट्रांसपोर्ट नगर कोकता में जारी नौ दिवसीय श्रीमद् वाल्मीकि रामायण महाज्ञान यज्ञ कथा के संगीतमय प्रस्तुति के चतुर्थ दिवस में सैकड़ों श्रद्धालुओं को कथावाचक स्वामी शाश्वतानंद सरस्वतीजी महाराज (बद्रिकाश्रम उत्तराखंड) द्वारा श्रीराम सहित चारों भाइयों के विवाह एवं बारात का अयोध्या आगमन तथा सीता सहित चारों बहुओं का अयोध्या में दिव्य स्वागत की कथा सुनाई गयी, सतीत्व धर्म का पालन ही प्रमुख नारी धर्म है। इसी तारतम्य में माता अनसूया के चरित्र का बखान किया गया साथ ही श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी एवं कपटी कुटिल मंथरा द्वारा श्रीराम के युवराज बनने में बाधा डालने हेतु कैकई को समझाना तथा कैकेई के द्वारा राजा दशरथ से वरदान मांगने की अद्भुत एवं दिव्य कथा सुनाई। धर्म करने से ही भाग्य के विषाद और कलुष धुलते हैं अत: किसी भी परिस्थिति में मानव को अपने धर्म को त्याग नहीं करना चाहिए अत: धर्माचरण को ही जीवन का परम कर्तव्य बनाना चाहिए।
श्रीराम कथा सुनने मात्र से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। आयोजक शंकराचार्य सेवक मंडल के अध्यक्ष उमेश कुमार पांडे ने जानकारी में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ट्रांसपोर्ट नगर कोकता के रहवासियों के सहयोग आयोजित कथा में रोज सैकड़ों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं और कोकता नगर में ही नहीं, अपितु पूरे भोपाल में श्रीमद् वाल्मीकि रामायण महाज्ञान यज्ञ का यह पहला आयोजन है। कोकता समिति के अध्यक्ष यशवंत कंसोटिया, समिति कार्यकर्ता महेश कुशवाहा, पवन मिश्रा, कमलेश सराठे, दीपचंद गोस्वामी, मोहन शर्मा, शैलेन्द्र कुमार गुप्ता, नर्मदाप्रसाद पटेल, संतोष साहू आदि के सहयोग से कार्यक्रम लगातार सफलता की ओर अग्रसर है।

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