
- एक ही दुकान से मिलेगी देशी एवं विदेशी मदिरा….
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में किए गए प्रावधानों के अनुसार अब प्रदेश के 55 जिलों में से महज 17 जिलों में ही नए वित्त वर्ष के लिए शराब की दुकानों की नीलामी की जाएगी, जबकि शेष 38 जिलों में पुराने ठेकों का ही नवीनीकरण कर दिया जाएगा, बशर्ते ठेकेदार सरकार द्वारा तय की गई राशि पर सहमत हों। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारियों शुरू कर दी गई है। दरअसल प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष के लिए 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो जाएगी। नई आबकारी नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति के साथ ही घर पर रखी जाने वाली शराब रखे जाने की सीमा में वृद्धि की गई है। इसके अलावा विदेशी शराब सस्ती करने के लिए भी कई कदमों का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा जिस शख्स की सालाना आय 1 करोड़ रु. है, वो तो घर पर बार भी खोल सकेगा। नई शराब नीति का राजपत्र में प्रकाशन होने के साथ ही उसका लागू होना तय हो गया है। इस नई आबकारी नीति में वर्ष में 2022-23 के लिए प्रदेश की सभी शराब दुकानों की एकल समूहों में नीलामी 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 की अवधि के लिए किए जाने का उल्लेख है। नए वित्त वर्ष के लिए प्रदेश के 35 जिलों में जहां देशी एवं विदेशी शराब दुकानों की नीलामी बीते साल छोटे समूहों में हुई थी, वहां निर्धारित आरक्षित मूल्य पर इन समूहों का नए वर्ष लिए नवीनीकरण करने का प्रावधान किया गया है। इन जिलों में अपडेट प्राइस से 15 प्रतिशत ज्यादा राशि पर अंग्रेजी शराब दुकान और 25 प्रतिशत ज्यादा राशि पर देशी शराब दुकानों नवीनीकरण किया जा सकेगा। इसी तरह से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत 17 जिलों में मौजूदा समूहों का नवीनीकरण न करते हुए 2019-20 में प्रचलित समूह के अनुसार दुकानों को सीधे ई-टेंडर के माध्यम से नीलाम किया जाएगा। इन जिलों में छोटे समूह बनाकर शराब दुकानों की नीलामी की जाएगी। यह कदम बड़े शराब ठेकेदारों की मोनोपॉली समाप्त करने के लिए उठाया जा रहा है। इसी तरह से प्रदेश में शराब की नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी।
अवैध कारोबार रुकेगा, बढ़ेगा राजस्व
युक्तियुक्तकरण फार्मूले से प्रदेश में शराब तो सस्ती होगी ही, सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। अधिकतम खुदरा मूल्य में कमी होने से लोग पड़ोसी राज्यों से सस्ते में शराब खरीदने की जगह प्रदेश की दुकानों से लेंगे। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और अवैध कारोबार रुकेगा। वहीं पिछले तीन-चार साल से शराब की बिक्री में 5 रुपए का गुणांक सिस्टम है। यानि किसी बॉटल की कीमत 451 रुपए है तो ग्राहक को 455 रुपए देने होते हैं। इससे ठेकेदार को फायदा होता है लेकिन अब गुणांक एक रुपए में लाया जा रहा है। यानी 60 पैसे होने पर अधिकतम एक रुपए ही देना होगा। प्रदेश में अंग्रेजी की अपेक्षा देशी शराब दुकानें अधिक हैं। इसलिए अब देशी दुकान का सिस्टम खत्म करके मदिरा दुकानें होंगी। इससे जहरीली और अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगेगी और अंग्रेजी शराब की बिक्री बढ़ने से सरकार का खजाना भरेगा। सरकार एक अप्रैल से देशी-विदेशी शराब ठेकों के लिए लाइसेंस फीस 15 प्रतिशत बढ़ाने जा रही है। लाइसेंस फीस और अन्य उपायों से राजस्व में दो हजार करोड़ की वृद्धि होने की संभावना है। वर्ष 2021-22 का टारगेट 12 हजार करोड़ है इसके पहले यह 10 हजार करोड़ था।
युक्तियुक्तकरण फार्मूले से मप्र में सस्ती होगी शराब
प्रदेश में नए वित्त वर्ष में सस्ती शराब लोगों को मिलेगी। इसके लिए सरकार ने देशी और विदेशी शराब में टैक्स की कमी नहीं की है। बल्कि दूसरे उपायों से राजस्व बढ़ाने की नीति तैयार की है। इनमें से एक है युक्तियुक्तकरण फार्मूला। इस फार्मूले के तहत सरकार एमएसपी (न्यूनतम खुदरा मूल्य) और एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के बीच का गैप कम (युक्तियुक्तकरण) करने जा रही है। इससे प्रदेश में शराब सस्ती हो जाएगी। दरअसल, सरकार शराब के दामों में कमी करने नहीं जा रही है बल्कि दो साल पहले कोरोना के कारण एमएसपी और एमआरपी के बीच बढ़ाई गई कीमतों के अंतर को वापस कम कर रही है। विभाग की इस नीति से ग्राहकों को लगभग 15 प्रतिशत कम कीमत में शराब मिल सकेगी। वहीं पांच रुपए के राउंडिंग आॅफ को खत्म किया जा रहा है।
धरोहर राशि भी की गई तय
नई आबकारी नीति में वर्ष 2022-23 की ठेका अवधि के लिए ई-टेंडर द्वारा नीलाम की जाने वाली शराब दुकान के एकल समूह के लिए धरोहर राशि 10 करोड़ वार्षिक मूल्य तक के समूह के लिए आरक्षित मूल्य का 2 प्रतिशत और 10 करोड़ से अधिक के समूह के लिए आरक्षित मूल्य राशि का 1 प्रतिशत होगी। शराब दुकानें कंपोजिट होंगी। यानी एक ही दुकान में देशी-विदेशी शराब बेची जाएगी।