शिव के निशाने पर रही एक बार फिर अफसरशाही

शिवराज सिंह चौहान
  • हकीकत बताकर लापरवाहों को चेताकर दी नसीहत

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में अफसरशाही की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं, यही वजह है कि उन्हें बार-बार उन्हें चेताना पड़ रहा है। इसकी वजह है प्रदेश के कई अफसरों का मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे सुशासन के प्रयासों के साथ कदमताल नहीं कर पाना। बीते रोज जब सीएम प्रदेश के कलेक्टर-कमिश्नर, आईजी और एसपी से वर्चुअल बैठक में शामिल हुए तो उनके तेवर एक बार फिर सख्त नजर आए। मुख्यमंत्री इस दौरान न केवल पूरी तरह से अपडेट थे, बल्कि कई जिलों के बारे में ऐसी जानकारी लेकर आए थे कि संबंधित जिलों के अफसर भी भौंचक रहे गए। इस दौरान तमाम तरह के माफियाओं पर कार्रवाई में ढिलाई और राशन वितरण के मामलों में लापरवाही पर सीएम बेहद नाराज हुए और चेताते हुए उन्हें कार्यप्रणाली सुधारने की भी नसीहत दी। सीएम ने इस दौरान मुरैना, इंदौर और भिंड एसपी पर तो व्यक्तिगत रूप से नाराजगी जताई। दरअसल सह वे अफसर हैं जिनकी कार्यप्रणाली बेहद लापरवाह वाली पायी गई।
    भिंड जिले में एक बार फिर से चार लोगों की अवैध शराब पीने से हुई मौत के मामले में चौहान बेहद गुस्से में दिखे। यही वजह है की उनके द्वारा यहां पदस्थ अफसर को तो यहां तक कह दिया गया कि पहले भी आप को खरगोन में खराब कामकाज की वजह से हटाया गया था, लेकिन अब भी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब खराब काम करने वाले और जनता की योजनाओं में कोताही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे अपना इंटेलिजेंस तैयार करें, ताकि जिले की हर जानकारी उन्हें मिल सके। उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि 29 दिन काम करें और एक दिन समीक्षा करें। शराब के मामले में उनके द्वारा कहा गया कि नई आबकारी नीति में शराब की कीमतें इसलिए कम की हैं कि अवैध शराब की बिक्री रुके। इसी तरह से डकैत और डकैती को पनपने नहीं देने और शुरू में ही कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में अपराध पर अकुंश लगना चाहिए। शिवराज ने कहा कि माफिया, गुंडे और बदमाशों को नेस्तनाबूद करना है।
    वहीं सामान्य आदमी ने कब्जा कर रखा है तो दोनों को एक साथ नहीं तोलना है। कार्रवाई दोनों पर करना है, लेकिन दोनों में अंतर रखें। इस दौरान उनके द्वारा जिलों में चल रहे अवैध उत्खनन के कई मामलों पर भी नाराजगी जताई गई। खास बात यह है कि उनके द्वारा इस दौरान भू-माफियाओं व अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई करने वाले अच्छे जिलों में शामिल  भोपाल, इंदौर, गुना, सिवनी और सीहोर के अफसरों को शाबाशी भी दी गई।
    कोरोना रोकथाम में लापरवाही पड़ी भारी
    मुख्यमंत्री ने देवास में वैक्सीनेशन की अच्छी स्थिति न होने पर नाराजगी जताई। बड़वानी में आईसीयू/एचडीयू बेड्स के कॉन्ट्रेक्टर के खिलाफ एक्शन लेकर उसे ब्लैकलिस्ट करने को कहा। बोले, उसका पेमेंट रोका जाए। शाजापुर के कॉन्ट्रेक्टर को भी ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए।
    यह भी दिए निर्देश
    सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री भू- अधिकार आवासीय योजना में पात्रों को पट्टे देना है। थानों की रैंकिंग करें, जो अच्छा कर रहे हैं, उसका श्रेय भी देना चाहिए। अगली बैठक में यह चार्ट चाहिए कि किन-किन चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई हुई। 25 फरवरी को फिर रोजगार मेले का आयोजन करेंगे। अफसरों से कहा, जिन जिलों में गड़बड़ है, उन्हें वेरीफाई करूंगा। अधीनस्थ यदि गड़बड़ कर रहा है तो आप भी जिम्मेदार हैं।
    मिलावट-राशनखोरी पर चेतावनी
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद्य पदार्थों में मिलावट व राशन खोरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि गरीब का राशन किसी को नहीं खाने दूंगा। 10 दिन गांवों में जाऊंगा और राशन दुकानों का निरीक्षण करूंगा। कलेक्टर गड़बड़ियां देखें। चोर बाजारी अधिनियम में कार्रवाई करें। सीएम ने कहा, मैं राजगढ़ और अशोकनगर गया था, वहां लोगों ने शिकायत की। दो तरह का राशन मिल रहा है केंद्र व राज्य का, कुछ जगह शिकायत आई कि एक राशन मिल रहा है, यह बर्दाश्त नहीं होगा। राजगढ़ कलेक्टर बताएं कि मेरे कहने के बाद क्या कार्रवाई हुई। जहां गड़बड़ी हुई, उन्हें सजा तक छोड़ना नहीं है। अशोकनगर कलेक्टर, आप पूरी दुकानों को देखिए। जहां गड़बड़ है, वहां कार्रवाई कीजिए। शिवराज ने कहा, सतना कलेक्टर बताएं कि दुकानें सस्पेंड की हैं तो वहां क्या गड़बड़ी थी? रीवा में शिकायतें हैं, कलेक्टर बताएं कि उन पर कार्रवाई क्या और क्यों की है। झाबुआ कलेक्टर बताइए कि जो राशन वितरण हो रहा है, उससे क्या आप संतुष्ट हैं। सीएम हेल्पलाइन में मुझे राशन से सम्बंधित शिकायतें मिली हैं। जैसा भोपाल कमिश्नर ने सब दुकानों का निरीक्षण किया है, वैसा ही आप करें।
    यह वजह रही नाराजगी की
    शिवराज ने इंदौर, भिंड, रीवा और मुरैना एसपी के कामकाज पर नाराजगी जातई। उन्होंने इस दौरान मुरैना एसपी से पूछा कि सिर्फ 11.11 पतिशत को ही सजा क्यों हुई। एसपी दूसरे जवाब देने लगे तो सीएम ने कहा कि जो पूछा जाए वही बताइए। वहीं इंदौर के मामले में इंदौर कमिश्नर से कहा कि चिह्नित अपराधों में सजा न हो पाना हमारी विफलता है। रीवा एसपी को सीएम ने कहा कि अपराधों में सजा को लेकर होने वाली बैठकों की जानकारी नहीं देने के मामले को गंभीर बाताया। वे भिंड एसपी पर अवैध शराब की बिक्री को लेकर नाराज हुए। उन्होने पूछा की ऐसी लापरवाही क्यों हुई। आपने पहले उन्हें क्यों नहीं पकड़ा।

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