राजा के गढ़ में…महाराजा की सेंध

दिग्विजय सिंह

-वीडी ने भी महेन्द्र और संघ के साथ जमाए जमावट के तीर

भोपाल/प्रणव बजाज/ बिच्छू डॉट कॉम
। गुना जिले की सियासत में अब तक राजा यानि की दिग्विजय सिंह का ही राजनैतिक राज चलता रहा है लेकिन, अब यही राज भाजपा के निशाने पर आ गया है। कांग्रेस में रहकर व्यक्तिगत अदावत के बाद भी श्रीमंत और उनके समर्थकों ने कभी भी राघौगढ़ की राजशाही और राजनैतिक राज को उनके ही गढ़ में चुनौती नहीं दी है, लेकिन अब स्थिति और परिस्थति बदल गई है। यही वजह है कि अब महाराजा जहां राजा के गढ़ में सेंध लगाने जा रहे हैं, जबकि प्रदेश भाजपा के मुखिया वीडी शर्मा ने भी महाराज के सिपहसलारों में शामिल महेन्द्र सिंह सिसौदिया व संघ की मदद से राजा के गढ़ को ढहाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद श्रीमंत आज शनिवार को गुना में पहला बड़ा दौरा करने पहुंच रहे हैं। इसे राजा के गढ़ में महाराजा द्वारा सेंध लगाने के रुप में ही देखा जा रहा है। दरअसल कांग्रेस में रहने के दौरान राजा और महाराजा में कभी भी एक ही पार्टी में होने के बाद भी पटरी नहीं बैठी। इन दोनों ही बड़े नेताओं को पार्टी में दो विपरीत धु्रव के रुप में देखा जाता रहा है। अब दोनों ही नेताओं के दल अलग-अलग हैं सो वे एक दूसरे को उनके ही गढ़ में मात देने के लिए राजनीतिक रुप से चौसर बिछा रहे हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने अगस्त माह में यहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था। 4 दिसंबर को सिंधिया भोपाल से गुना पहुंचेंगे। उनके दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है।  यह झटका उनके द्वारा दिग्विजय सिंह समर्थक हीरेन्द्र सिंह (बंटी बना) को भाजपा में लाने के रुप में देने की तैयारी कर ली गई है। इसमें उनकी मदद मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य और भाजपा नेता रुद्रदेव सिंह द्वारा की जा रही है।

सिसौदिया भी दे चुके हैं चुनौती
श्रीमंत के बेहद करीबी सिपहसलारों में शामिल शिव मंत्रिमंडल के सदस्य महेंद्रसिंह सिसौदिया इसके पहले राजा के गढ़ में अपनी विजयी रैली और विजयी सभा का आयोजन कर उन्हें चुनौती दे चुके हैं। बताया जाता है कि सिसौदिया की इस चुनौती में अप्रत्यक्ष रुप से श्रीमंत की पूरी सहमति थी। यह रैली उनके द्वारा बम्हौरी से उपचुनाव में मिली बढ़ी जीत के बाद आयोजित की गई थी। रैली कितनी बढ़ी थी इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसका एक छोर राघौगढ़ में था तो दूसरा छोर गुना में था। इस रैली के बाद उनके द्वारा दिग्विजय सिंह के गढ़ में पहली बार किले के परकोटे से तीन किमी दूर रानी मंदिर में विशाल सभा का आयोजन कर चुनौती दी गई थी। दिग्गी के रियासतकाल से लेकर राजनीतिक जीवन में यह पहली ऐसी सभा थी, जब महाराजा के समर्पित लोगों ने राघौगढ़ में पहुंचकर हुंकार भरी थी। गौरतलब है कि बमोरी विधानसभा उपचुनाव के पूर्व महेंद्रसिंह सिसौदिया ने घोषणा की थी कि वे अगर बमोरी से चुनाव जीते, तो राघौगढ़ में विजयी जुलूस निकालेंगे। उनका यह विजयी जुलूस गुना से रुठियाई, धरनावदा, सनोतिया, बालाभेंट, विजयपुर, दौराना, सांडा कॉलोनी होते हुए राघौगढ़ तक निकाला गया था।

श्रीमंत के रोड शो के लिए बांटे गए पीले चावल
श्रीमंत आज शनिवार को शिवपुरी पहुंच रहे हैं। वहां पर उनके भव्य स्वागत की तैयारी की गई है। उनके इस प्रवास को यादगार बनाने के लिए उनके समर्थक कई दिनों से सक्रिय हैं। खास बात यह है कि श्रीमंत के रोड शो में लोगों को बुलाने के लिए पीले चावल दिए गए हैं। यह पीले चावल बांटने का काम शिव कैबिनेट के पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा द्वारा स्वयं किया गया है। दरअसल मंत्री बनने के बाद श्रीमंत पहली बार शिवपुरी आ रहे हैं। इस दौरान शिवपुरी नगर में प्रवेश के साथ ही विशाल रैली के रूप में उनका स्वागत किया जाएगा। श्रीमंत के स्वागत के लिए शिवपुरी नगर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। हालत यह है कि शहर के विभिन्न चौराहों और रास्तों को बैनर पोस्टरों से पाट दिया गया है।

राघौगढ़ इलाके में है प्रभाव
हीरेन्द्र सिंह का भी अपना राजनैतिक पारिवारिक इतिहास है। इसकी वजह से उनका राजा की रियासत में बड़ा प्रभाव है। वे दिग्विजय सिंह के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। उनके पिता मूलसिंह दादाभाई राघौगढ़ से दो बार विधायक के अलावा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। वे लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। इसकी वजह से ही उनकी  दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह से भी दूरियां बढ़ चुकी हैं। यही वजह है कि अब उनकी राह भाजपा की होने वाली है। बतौर रुद्रदेव सिंह का कहना है कि श्रीमंत के इस दौरे में हीरेन्द्र सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपाई हो सकते हैं। दरअसल कुछ समय पहले ही हीरेन्द्र सिंह और रुद्रदेव सिंह के बीच भेंट हुई थी, जिसमें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की रणनीति बनाई गई थी। रुद्रदेव सिंह को श्रीमंत का बेहद करीबी माना जाता है। अगर हीरेन्द्र उर्फ बंटी बना भाजपाई बनते हैं तो राघौगढ़ रियासत के साथ ही कांग्रेस को बड़ा झटका लग जाएगा। इसे भाजपा के लिए दिग्विजय सिंह के इलाके में बड़ी सेंधमारी के रुप में देखा जा रहा है।

वीडी और दिग्गी के बीच बढ़ चुकी है खाई
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और दिग्विजय सिंह के बीच इन दिनों राजनैतिक रुप से खाई बेहद बढ़ चुकी है। बीते लंबे समय से सिंह द्वारा व्यक्तिगत रूप से वीडी पर निशाना साधा जा रहा है। इन आरोपों के बाद से वीडी भी उन पर हमलावर बने हुए हैं। यही वजह है कि अब सिंह को उनके ही गढ़ में घेरने के लिए शर्मा ने संगठन स्तर से लेकर संघ की मदद से उनके खिलाफ मजबूत घेरा बनाने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। यह रणनीति सिंह और उनके विधायक पुत्र को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में घेरने के लिए बनाई गई है।

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