
- खुफिया एजेंसियों की निगहबानी में विवादित इस्लामिक संगठन
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। विवादित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई)मप्र में तेजी से पैर पसार रहा है। प्रदेश सरकार को फीडबैक मिला है कि पीएफआई एनजीओ के जरिए मप्र में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल यह संगठन मप्र में सिमी की जगह लेना चाहता है। सरकार का फीडबैक मिलते ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और पीएफआई सहित एनजीओ की निगरानी शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की जांच में यह तथ्य सामने आया है की पीएफआई सहित कई एनजीओ विदेशों से चंदा प्राप्त करने देश में धर्म परिवर्तन सहित कई देश विरोधी अभियान चला रहे हैं। ऐसे मामलों की जांच का आदेश होने के एक दिन बाद प्रदेश के गृह मंत्री व राज्य सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार को धर्म परिवर्तन की गतिविधियों में शामिल पीएफआई और अन्य एनजीओ द्वारा विदेशी धन के इस्तेमाल की शिकायतें मिली हैं। इससे साफ है कि पीएफआई एनओजी के जरिए मप्र में अपना वजूद बनाने की कोशिश कर रहा है।
दुश्मनी फैलाने और धर्म परिवर्तन की साजिश
खुफिया एजेंसियों के अनुसार मप्र सहित देशभर में विदेशी फंड के सहारे समाज में दुश्मनी फैलाने और धर्म परिवर्तन की साजिश की जा रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को विदेशी धन प्राप्त करने वाले एनजीओ के साथ समाज में दुश्मनी फैलाने वाले और धर्म परिवर्तन में लिप्त लोगों की जांच करने का निर्देश दिया है। गृहमंत्री का कहना है कि एनजीओ को विदेशों से चंदा मिलने का मुद्दा गंभीर है। पिछले कुछ दिनों में पीएफआई और धर्म परिवर्तन में शामिल संगठनों द्वारा विदेशी कोष के इस्तेमाल की शिकायतें मिली हैं। यह निश्चित रूप से जांच का विषय है कि धन कहां से आ रहा है और कैसे खर्च किया जा रहा है।
सिमी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में पीएफआई की सक्रियता
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के जो क्षेत्र सिमी का गढ़ हुआ करते थे अब वहां पीएफआई की सक्रियता बढ़ रही है। अक्टूबर की शुरूआत में त्रिपुरा में हिंसा को लेकर उज्जैन में स्थानीय प्रशासन को सौंपे गए एक ज्ञापन में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में पीएफआई के छह सदस्यों को मप्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। अफसरों की माने तो खरगोन और झाबुआ जिलों में धर्म परिवर्तन के दो मामलों में राजस्थान और गुजरात के सात लोगों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। पीएफआई इस्लामिक संगठन है और झारखंड की सरकार ने उसे प्रतिबंधित किया है।