24 सप्ताह तक के भ्रूण का हो सकेगा गर्भपात, बोर्ड गठन की तैयारी

भ्रूण

भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। गर्भपात कराने की अवधि में अब एक माह की वृद्वि करने की तैयारी मध्यप्रदेश में शुरू कर दी गई है। यह तैयारी केंद्र शासन द्वारा जारी किए गए न्यू अबॉर्शन रूल्स के तहत की जा रही है। अब तक इसके लिए 20 सप्ताह की ही सीमा तय थी, जिसमें एक माह की वृद्धि कर उसे 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह (पांच महीने की जगह छह माह ) कर दी गई है। इसे लागू करने के लिए अब एक राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाना है।
इस बोर्ड को आवेदन मिलने के बाद पांच दिन के अंदर मामले का निराकरण करना होगा। पुराने नियमों के मुताबिक 12 सप्ताह (तीन महीने) तक के भ्रूण का गर्भपात कराने के लिए एक डॉक्टर की सलाह की जरुरत होती थी और 12 से 20 सप्ताह  (तीन से पांच महीने) के गर्भ के मेडिकल समापन के लिए दो डॉक्टरों की सलाह आवश्यक होती थी। अब 24 सप्ताह (छह महीने) के बाद गर्भपात के संबंध में फैसला लेने का अधिकार राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड के पास होगा। गौरतलब है कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक 2021 मार्च में संसद में पारित हुआ था। इसके बाद हाल ही में केन्द्र सरकार ने संशोधित कानून के अनुसार नियम बनाकर राज्यों को भेजे गए हैं।
इन्हें होगी पात्रता
गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक 2021 के नियमों के मुताबिक इसकी पात्रता उन महिलाओं को होगी जो यौन उत्पीड़न, बलात्कार या पारिवारिक व्यभिचार की शिकार, नाबालिग, विधवा और तलाक शुदा महिलाएं समेत दिव्यांग गर्भवती महिलाएं हों। इसके अलावा मानसिक रूप से बीमार महिलाओं, भ्रूण में ऐसी कोई विकृति या बीमारी हो जिसके कारण उसकी जान को खतरा हो या फिर जन्म लेने के बाद उसमें ऐसी मानसिक या शारीरिक विकृति होने की आशंका हो जिससे वह गंभीर विकलांगता का शिकार हो सकता है। सरकार ने नए नियमों में आपदा स्थिति में गर्भ धारण करने वाली महिलाओं को भी शामिल किया है।
तीन दिन में मिलेगी गर्भपात की अनुमति
नए नियमों के तहत अब मेडिकल बोर्ड को गर्भपात का आवेदन आने पर तीन दिन में अनुमति देनी होगा। पांच दिन के अंदर मामले का निराकरण करना जरूरी है। आवेदन मिलने पर उसके रिपोर्ट की जांच करना और तीन दिनों के भीतर गर्भपात की अनुमति देने या नहीं देने के संबंध में फैसला सुनाना अनिवार्य किया गया है। बोर्ड का काम यह ध्यान रखना भी होगा कि अगर वह गर्भपात कराने की अनुमति देता है तो आवेदन मिलने के पांच दिनों के भीतर पूरी प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से पूरी की जाए और महिला की उचित काउंसलिंग की जाए।

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