
- इस साल 11 अफसरों को मिलेगा आईपीएस का तमगा
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण और उस पर शासन-प्रशासन की लेतलाली के कारण राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस)से आईपीएस के लिए होने वाली डीपीसी अधर में लटकी हुई है। इस कारण एसपीएस से आईपीएस बनने की कतार में शामिल अफसरों का सपना पिछले 10 माह से लटका हुआ है। अफसरों को डर सता रहा है कि उनका इंतजार और लंबा हुआ तो यह साल ही बीत जाएगा।
गौरतलब है कि इस साल एसपीएस के 11 अफसरों को आईपीएस बनाया जाना है। इसके लिए जो अफसर नामित किए गए हैं उनका इंतजार अब लंबा होता जा रहा है। आमतौर पर राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को हर साल जल्द आईपीएस अवार्ड हो जाता है, लेकिन इस साल अक्टूबर बीतने जा रहा है और अब तक इन अफसरों का आईपीएस बनने का प्रस्ताव अटका हुआ है।
इन सभी के नाम यूपीएसएसी को भेजे गए
वर्ष 1995 बैच के प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह पवार का आईपीएस बनना तय है। वहीं वर्ष 1996 बैच के सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन भी आईपीएस बन सकते हैं। इन सभी के प्रस्ताव यूपीएससी को भेजे जा चुके हैं, लेकिन वहां से डीपीसी के लिए डेट तय नहीं हो पाई है। इसके चलते अब तक डीपीसी नहीं हो सकी है।
1995 और 1996 बैच के अफसर कतार में
इस बार एसपीएस के दो बैच 1995 और 1996 के अफसरों को आईपीएस बनाना है। बीते वर्ष 1995 बैच के एसपीएस अफसर को आईपीएस बनने का क्रम वर्ष 2016 से चल रहा है। इस बैच में अफसरों की संख्या ज्यादा होने के चलते इस साल भी इस बैच के अफसर पदोन्नत होकर आईपीएस बनेंगे। हालांकि इस बार आईपीएस बनने वालों में वर्ष 1996 बैच के अफसर भी शामिल है। इस साल 11 अफसरों को आईपीएस बनना है, लेकिन साल के दस महीने बीत जाने के बाद भी डीपीसी नहीं होने से इनका इंतजार लंबा होता जा रहा हैं। पिछले साल राज्य पुलिस सेवा के आठ अफसर आईपीएस बने थे। तब केंद्र ने 28 सितम्बर को आईपीएस बनने के आदेश जारी किए थे। हालांकि यह भी लंबा इंतजार था, आमतौर पर मार्च या अप्रैल तक राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस मिल जाता है।