हैप्पी बर्थडे ड्रीम गर्ल…. जब हेमा मालिनी अड़ गयीं…..काम जाए पर नाम न जाई….

हेमा मालिनी

मुंबई/बिच्छू डॉट कॉम।  सपनों के सौदागर की ड्रीम गर्ल यानी हेमा मालिनी का आज जन्मदिन है……  उन्होंने तमाम दर्शकों तक बॉलीवुड पर राज किया है और आज भी कर रही हैं…. लेकिन एक समय ऐसा था जब फिल्म मेकर को उनके नाम से तकलीफ थी और वे चाहते थे कि हेमा अपना नाम बदल लें….. लेकिन हेमा मालिनी ने ऐसा नहीं किया और वे अडिग रहते हुए यही कहती रहीं…. काम जाए पर नाम न जाई…फिल्म इंडस्ट्री की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी  के सफलता की कहानी भी किसी ड्रीम से कम नहीं है. बॉलीवुड में सफल एक्ट्रेस हेमा अब राजनीति के गलियारों में अपनी धमक दिखा रहीं हैं. नृत्य में पारंगत हेमा की सफलता से किसी को भी रश्क हो जाए. हेमा ने सिल्वर स्क्रीन पर हर तरह के किरदार को बखूबी निभाया है. ‘सीता और गीता’  में डबल रोल निभाती हेमा हो या ‘शोले’ की बसंती, अपनी दमदार अदाकारी से उन्होंने दर्शकों के दिलों पर लंबे समय तक राज किया है. कम लोगों को ही पता होगा कि हेमा ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तो उनको नाम बदलने का सुझाव दिया गया था. आइए बताते हैं दिलचस्प किस्सा. हेमा मालिनी की मां चाहतीं थीं कि नृत्य में पारंगत उनकी बेटी बड़ी डांसर और हीरोइन बने. मां के सपने को पूरा करने के लिए हेमा ने जब फिल्मी दुनिया में करियर बनाने का सोचा तो उनका नाम फिल्ममेकर को रास नहीं आया. मीडिया की खबरों की माने तो उनसे कहा गया कि हेमा मालिनी नाम ग्लैमरस नहीं है, इसलिए नाम बदलकर सुजाता रख दिया जाए. इतना ही नहीं तमिल फिल्म डायरेक्टर श्रीधर ने उन्हें यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया कि इनमें स्टार वाली बात नहीं है, न ही चेहरे में स्टार अपील है. इससे हेमा मालिनी और उनकी मां बेहद दुखी हो गईं. हेमा मालिनी को इस रिजेक्शन से दुख तो हुआ लेकिन खास असर नहीं पड़ा. बल्कि खुश हुईं थीं कि उनकी नृत्य साधना चलती रहेगी. लेकिन अपनी मां को दुखी देख, हेमा ने ठान लिया कि फिल्मों में हीरोइन भी बनेंगी और अपना नाम भी नहीं बदलेंगी. तमिल की कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे रोल निभाने के बाद जब हेमामालिनी ने मायानगरी में कदम रखा तो एक ऐसे फिल्मी जौहरी से मुलाकात हुई जिन्होंने समझ लिया था कि हेमा एक हीरा हैं, जिनकी चकाचौंध में सब फीके पड़ जाएंगे. दरअसल, फिल्म निर्माता और शो मैन राज कपूर से हेमा मालिनी की मुलाकात हुई और फिल्म डायरेक्टर महेश कौल के लिए स्क्रीन टेस्ट में हेमा ने इतना सटीक अभिनय किया कि उन्हें फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ में बतौर हीरोइन कास्ट कर लिया गया. हालांकि ये फिल्म ठीक ठाक ही चली, लेकिन हेमा को इसके बाद पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. हेमा को पहली सक्सेस मिली फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ से. इस फिल्म में देव आनंद के साथ उनकी जोड़ी को बेहद पसंद किया गया. रमेश सिप्पी ने 1971 में हेमा को लेकर ‘अंदाज’ फिल्म बनाई, जिसमें शम्मी कपूर और राजेश खन्ना थे. यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई. इसके बाद तो फिल्म इंडस्ट्री को कई सफल फिल्में देकर हेमा मालिनी ने अपने नाम का सिक्का जमा दिया।

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