खाद को लेकर एक्शन मोड में शिव सरकार

शिव सरकार
  • कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    सरकार का दावा है कि प्रदेश के लिए अक्टूबर माह में 2 लाख 12 हजार मीट्रिक टन खाद का आवंटन मंजूर हुआ है। बावजूद इसके किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। इससे संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी हो रही है। ऐसे में प्रदेशभर से आ रही शिकायतों के बाद सरकार एक्शन मोड में आ गई है। कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी।
    गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे अधिक मुरैना, भिंड सहित कुछ अन्य जिलों में डीएपी खाद के वितरण को लेकर समस्या आ रही है। इसकी वजह से किसानों को खाद लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नकद खाद विक्रय केंद्रों पर भीड़ लगने की वजह से अव्यवस्था भी फैल रही है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के सख्त निर्देश मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिए हैं।
    ग्वालियर-चंबल में खाद के लिए संघर्ष
    बाढ़ के बाद अब खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। खाद की समस्या ग्वालियर चंबल अंचल में दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को बिना खाद के ही निराश होकर लौटना पड़ रहा है। पिछले 10 दिन से खाद संकट और गहरा गया है। खाद के लिए किसानों को संघर्ष करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं खाद के लिए वितरण केंद्रों पर मारामारी तक की स्थिति बन रही है। आक्रोशित किसान खाद लूटने के लिए मजबूर हो रहे हैं। खाद को लेकर भटक रहे किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। सबलगढ़ में हजारों किसान खाद के लिए लाइनों में लगे रहे लेकिन देर शाम तक आधे किसानों को ही खाद बांटा जा सका। अंबाह, पोरसा में भी आधे किसानों को खाद मिला, आधे मायूस लौट गए। कैलारस में डीएपी के बजाय यूरिया बांटा गया, जिसकी वजह से सिर्फ 89 किसान ही खाद लेने पहुंचे।
    कहीं खाद नहीं तो कहीं कम
    प्रदेश में सरकार के दावों के विपरीत स्थिति यह है कि किसी केंद्र पर खाद ही नहीं है तो कहीं कम है। इसका असर यह देखने को मिल रहा है की किसान परेशान हो रहे हैं। ग्वालियर के लक्ष्मीगंज स्थित भंडारण केंद्र पर पुलिस के पहरे में घाटीगांव, तिघरा, बरई क्षेत्र के गांव के किसान खाद लेने सुबह 7 बजे से लाइन में लग रहे हैं और दोपहर 2 बजे तक उनका नंबर आ पा रहा है। घाटीगांव क्षेत्र से आए किसान बलबीर सिंह ने बताया कि वे सुबह 7 बजे से लाइन में लगे हैं, लेकिन दोपहर 2 बजे उनको खाद मिल पाई है। पंच का पुरा से आए रामप्रसाद ने बताया कि खाद के लिए हम लोग एडवांस में ही रसीद कटा रहे हैं, ताकि आज न भी मिले तो कल हमको खाद मिल जाए। कृषि विस्तार अधिकारी गजेंद्र दंडोतिया ने बताया कि एक दिन में 400 से 500 किसान खाद के लिए आ रहे हैं, लेकिन मिल सिर्फ 100 को ही रही है। वहीं पुतलीघर भंडारण केंद्र पर सन्नाटा है। यहां पर मंगलवार से ही खाद का स्टॉक नहीं है।
    सिंधिया बोले 15 हजार मीट्रिक टन खाद
    उधर, खाद को लेकर प्रदेशभर में मचे बवाल पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से बात करके खाद की व्यवस्था करा रहे हैं। अगले 10 दिन में खाद के 15 रैक से 14 हजार 700 मीट्रिक टन खाद ग्वालियर चंबल संभाग के लिए आएगी।
    डीएपी सब्सिडी 438 रु. बोरी
    आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने फास्फेट, पोटाश उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने तय किया है कि वह डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाकर 438 रुपए प्रति बोरी करेगी, ताकि बढ़े हुए दाम का असर किसान पर न पड़े और उसे पहले की तरह उसी कीमत पर खाद मिलती रहे।

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