दमोह पैटर्न पर उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जमावट कर रहे हैं नाथ

कमलनाथ
  • हर जिले में छिंदवाड़ा की तर्ज पर किया जाएगा संगठन का विस्तार …

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। 
    मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने विकास के छिंदवाड़ा मॉडल को आधार बनाकर लड़ा और जीता। वहीं कांग्रेस ने दमोह उपचुनाव में छिंदवाड़ा कांग्रेस मॉडल को अपना कर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ खंडवा लोकसभा के साथ ही पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट विधानसभा क्षेत्र में छिंदवाड़ा कांग्रेस मॉडल को लागू करके चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पार्टी को भरोसा है की इससे कांग्रेस चारों उपचुनाव वाले क्षेत्रों में इससे भाजपा को मात दे सकती है।  कांग्रेस सूत्रों के अनुसार दमोह उपचुनाव में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा मॉडल को हुबहू लागू किया था, इसके चलते यहां कांग्रेस को जीत भी मिली। अब इसी तर्ज पर तीनों विधानसभा उपचुनाव और खंडवा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस छिंदवाड़ा मॉडल को लागू कर रही है। इसके लिए पार्टी ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। जल्द ही छिंदवाड़ा मॉडल के अनुसार उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी देकर सक्रिय किया जाएगा।
    25 साल से छिंदवाड़ा मॉडल कारगर
    कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछले 25 साल से कांग्रेस छिंदवाड़ा में इसलिए मजबूत है, क्योंकि वहां पर कमलनाथ द्वारा तैयार मॉडल के आधार पर संगठन काम कर रहा है। छिंदवाड़ा में छह भागों में जिला कांग्रेस को विभाजित कर बूथ स्तर तक जिम्मेदारी बांट रखी है। वहां जिला कांग्रेस अध्यक्ष, पर्यवेक्षक, ब्लॉक अध्यक्ष, 8-12 बूथ पर एक क्षेत्रीय अध्यक्ष, 2-3 बूथ पर एक समन्वयक, 1 बूथ पर संयोजक बनाकर ग्राउंड स्तर पर कांग्रेस काम करती है। इसी आधार पर काम करते हुए कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले की सातों सीटों पर कब्जा जमाया था।
    प्रदेशभर में लागू होगा मॉडल
    मप्र में कमजोर होती कांग्रेस और कांग्रेस संगठन को मजबूती देने के लिए अब कमलनाथ  छिंदवाड़ा जिला कांग्रेस का मॉडल पूरे प्रदेश में लागू करने जा रहे हैं। फिलहाल यह मॉडल चारों उपचुनाव वाले क्षेत्रों में लागू किया जाए, जिसके बाद उसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। दरअसल, जब कमलनाथ को पीसीसी चीफ बनाया गया, तब उन्होंने एआईसीसी के सामने यह मॉडल पेश किया था, जिसे प्रदेश में लागू करने की सहमति बन गई थी। लेकिन तब इसे लागू नहीं किया जा सका।
    कुछ बदलाव के साथ लागू होगा मॉडल
    कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि छिंदवाड़ा कांग्रेस मॉडल को अब इसके नामों में बदलाव करके प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में लागू करने की योजना बना ली गई है। कांग्रेस प्रवक्त सैय्यद जाफर का कहना है कि छिंदवाड़ा में पूर्व में बूथ के क्षेत्रीय अध्यक्ष को जोन अध्यक्ष व बूथ समन्वयक को सेक्टर प्रभारी कहा जाता था। अब मॉडल यही लिया गया हैं, लेकिन पदनाम अलग रहेंगे। चारों उपचुनावों में कांग्रेस इसी मॉडल के आधार पर चुनाव में उतरेगी। ज्ञात हो कि भाजपा भी संगठन मजबूती के लिए बूथ स्तर पर गहरी पकड़ के साथ चुनाव में उतरती है। वहीं कांग्रेस संगठित रूप से इस मॉडल पर प्रदेशभर में काम नहीं कर रही थी। जिसकी कमी कमलनाथ ने देखी थी और इसे पूर्व में भी लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अमल नहीं हो पाया। चारों उपचुनाव से इस पर प्रदेशभर में अमल शुरू कर दिया जाएगा।
    बूथ पर मजबूती के लिए होगा बदलाव
    मप्र कांग्रेस कमेटी के संगठन महामंत्री राजीव सिंह कहते हैं कि छिंदवाड़ा में बूथ स्तर तक प्रभारी बनाकर कांग्रेस काम करती थी। कमलनाथ भी इसे तरजीह देते हैं और यही वजह है कि छिंदवाड़ा जिले की सीटों पर कांग्रेस विधायक जीत पाए हैं। अब इस मॉडल को हम प्रदेशभर में लागू कर रहे हैं। शुरुआत चारों उपचुनावों से होगी। अब हर जिला कांग्रेस कमेटी में जिला अध्यक्ष, पर्यवेक्षक, ब्लॉक अध्यक्ष, बूथ क्षेत्रीय अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी, संयोजक होंगे। छिंदवाड़ा कांग्रेस संगठन में वर्तमान में 18 ब्लॉक अध्यक्ष है और 125 क्षेत्रीय अध्यक्ष है। वहीं हमेशा यहां पन्ना प्रभारी भी सक्रिय भूमिका में होता है। जबकि संगठन की दृष्टि से अन्य जगह चुनाव के समय ही पन्ना प्रभारी सक्रिय होता है। इसी तरह अब प्रदेशभर में ये दायित्व दिया जाएगा, ताकि संगठन मजबूत हो सकें और कांग्रेस ग्राउंड स्तर पर लोगों से जुड़ सकें।

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