
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। बीते आम विधानसभा चुनाव के बाद सरकार से बाहर होने को मजबूर हुई भाजपा ने सबक लेते हुए अब अपने विधायकों की कार्यशैली पर भी नजर रखने का फैसला ले लिया है।
दरअसल बीते चुनाव में पार्टी के कई दिग्गज नेता और पावरफुल मंत्री खेत रहे थे। इससे सबक लेते हुए अब प्रदेश में सरकार की और से नई व्यवस्था की जा रही है, जिसके तहत अब हर विधायक के कामकाज के साथ ही आमजन की समस्याओं की स्थिति की पूर पूरी नजर स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा रखेंगे। इसके तहत हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक डैश बोर्ड बनाया जा रहा है, जिसमें वहां की समस्याओं की शिकायत, मुद्दों की जानकारी और समाधान का पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के डैशबोर्ड से कनेक्ट रहेगा। इसके माध्यम से हर विधानसभा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों की मॉनिटरिंग सीधे अब मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा ही पहल की गई है। इसके लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन को नये कलेवर में ढालने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही उसमें कई तरह की कई नई सुविधाओं को जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह से व्हाट्सएप चैट बोर्ड की सुविधा को भी तेजी के साथ अमल में लाने की तैयारी है। जिसके बाद लोगों की व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतों का समाधान किया जाएगा साथ ही फोन कॉल के जरिए मिलने वाली सेवाओं को भी बढ़ाने पर सरकार द्वारा मंथन किया जा रहा है।
यह भी किया जाएगा बदलाव
सीएम हेल्पलाइन में किए जाने वाले बदलावों के तहत अब कई स्तरों पर उसकी मॉनिटरिंग करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके बाद नई व्यवस्था में स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा भी मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके अलावा विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है कि उनके विभाग से जुड़ी शिकायतों को लंबित ना रखा जाए। जहां पर भी जिस स्तर पर लापरवाही होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत समाधान के दस्तावेज भी पहुंचेंगे घर
फिलहाल प्रदेश में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 44 विभागों की 560 सेवाओं को शामिल किया जा चुका है। इसके बाद भी लोगों को परेशान होना पड़ता है। इसकी वजह से ही अब सरकार बदलाव कर उन्हें इस तरह से बनाना चाहती है , जिससे की लोगों को इसका आसानी से फायदा मिल सके। इसी के तहत अब सीएम हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायतों के समाधान और जुड़े दस्तावेजों को अब सीधे संबंधित व्यक्ति के घर तक पहुंचाने की भी तैयारी की जा रही है। फिलहाल अभी इसके लिए प्रदेश के चारों महानगर वाले जिलों में शामिल भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर का चयन किया गया है। लोगों को शिकायतों के समाधान और दस्तावेजों की जानकारी स्पीड पोस्ट के जरिए भेजी जाएगी। यह बात अलग है कि स्पीड पोस्ट की राशि का भुगतान संबंधित व्यक्ति को देना होगा।
डैस बोर्ड के फायदे
सीएम हेल्पलाइन में कई नए बड़े बदलावों के अलावा विधायकों के डैश बोर्ड बनने के बाद विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी शिकायतें और उनके समाधान की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। खास बात यह है कि इस डैश बोर्ड पर स्थानीय लोग उस पर आवेदन अपलोड करने और अपने दस्तावेज हासिल करने के लिए आवेदन दे सकेंगे। इसकी वजह से उन्हें इधर -उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इस व्यवस्था की वजह से लोगों को सरकारी सेवा का लाभ लेने के लिए पैसों का लेन देन नहीं करना पड़ेगा।