बिहाइंड द कर्टन/शिव के सुराज के बहाने नाथ का सरकार पर हमला

  • प्रणव बजाज
कमलनाथ

शिव के सुराज के बहाने नाथ का सरकार पर हमला
शिव के सुराज की परिभाषा के बहाने अब कमलनाथ ने उनकी सरकार पर हमला किया है। दरअसल दो दिन पहले ही कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस में जिस तरह से शिव ने अफसरों को सुराज की परिभाषा समझाई उसी को हमले का हथियार नाथ द्वारा बनाया गया है। नाथ ने कहा है कि शिवराज सरकार में सुराज का मतलब है, यहां बिना लिए-दिए कोई काम नहीं होता है। इसलिए सारे काम लेट लतीफी का शिकार होते हैंं। उनका कहना है कि आश्चर्य व शर्म की बात है कि 16 साल से मुख्यमंत्री रहने के बाद अब उन्हें कहना पड़ रहा है कि मुझे पता है किन लोगों ने पैसे खाए हैं, पैसे लेने वालों को मैं छोड़ूंगा नहीं। कमलनाथ ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि विकास और जनकल्याण के लिए अब हमें फुल फॉर्म में आना पड़ेगा तो आप पिछले 16 वर्ष तक किस तरह की फॉर्म में थे। उनका कहना है कि हमारी सरकार में माफिया को नेस्तनाबूद किया गया था, जिसे जनता भी जानती है। आपको अधिकारियों से माफिया, महिला सुरक्षा व अपराधियों पर कार्रवाई की गुहार लगानी पड़ रही है।

फिर पलटने की पुरानी राह पर उमा भारती
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए बयान के बाद मचे बवाल के बाद वे अपनी पुरानी आदत के मुताबिक एक बार फिर पलट गई हैं। उनके द्वारा अब पुराने बयान को लेकर एक नया बयान दिया गया है। इसके लिए उनके द्वारा एक के बाद एक कई ट्वीट का सहारा लिया गया है। इसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि  आप नौकरशाह शासन के अधिकारी- कर्मचारी हैं। किसी राजनीतिक दल के घरेलू नौकर नहीं हैं। देश के विकास एवं स्वस्थ लोकतंत्र के लिए तथा गरीब आदमी तक पहुंचने के लिए आप इस जगह पर बैठे हैं। इसका ध्यान रखिए। इसके पहले सुश्री भारती के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ब्यूरोक्रेसी को औकात बताने और चप्पल उठाने वाले बयान के बाद खेद जताया था। अब इन नए ट्वीट में उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स से अपील करते हुए कहा कि आपको अपने पूर्वजों, माता-पिता, ईश्वर की कृपा एवं योग्यता से यह स्थान मिला है। आप भ्रष्ट अफसर एवं निकम्मे सत्तारूढ़ नेताओं के गठजोड़ से हमेशा दूर रहें।

नए अस्पतालों के पक्ष में गोपाल भार्गव के तर्क आए काम  
बीते रोज कैबिनेट बैठक में जब स्वास्थ्य महकमे द्वारा भेजे गए नए अस्पताल खोलने का प्रस्ताव आया तो इसके पक्ष में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को तर्क देने पड़े। तर्क भी ऐसे थे कि सभी को उनसे सहमति जतानी पड़ी। इसके बाद इस विभाग के तमाम प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। इनमें खासतौर पर अस्पतालों के उन्नयन से लेकर नए खोलने तक के मामले शामिल हैं। दरअसल उनके द्वारा दिए तर्क में कहा गया कि नए उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने के लिए जितनी आबादी बताई जा रही है, वह जनगणना 2011 की है, जबकि इस समय गांवों में आबादी बहुत अधिक बढ़ चुकी है। उनके इस तर्क के बाद नए अस्पतालों को खोलने की मंजूरी दे दी गई। इस दौरान 263 अस्पतालों के उन्नयन को मंजूरी दे दी गई। इनमें 7 जिला अस्पतालों के बिस्तरों की संख्या में वृद्धि, 21 सिविल अस्पतालों का उन्नयन, 49 सामुदायिक केंद्रों में उपकरणों में वृद्धि, 73 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 113 उप स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन को मंजूरी दी गई।

बुलाने की जगह जाना ही बेहतर  
बीते कुछ समय से आईएएस व आईपीएस अफसर मप्र में अपने पारिवारिक साथी को बुलाने की जगह उसे आवंटित प्रदेश में जाना ही बेहतर मानते हैं। इनमें एक नया नाम और अब जुड़ गया है। यह नाम है आशीष सांगवान का। उन्होंने अपना कैडर संशोधन कराकर तेलंगाना करा लिया है। वे 2016 बैच के. आईएएस अफसर हैं। तेलंगाना राज्य आवंटित होने के बाद वे बीते रोज मप्र से कार्यमुक्त भी हो गए हैं। दरअसल उप सचिव स्तर के आईएएस सांगवान का विवाह तेलंगाना में पदस्थ अधिकारी वेल्लोर कांति से हुआ है। इसी को आधार बनाकर डीओपीटी ने आशीष सांगवान को मप्र कॉडर के स्थान पर तेलंगाना कॉडर आवंटित किया है।

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