तालिबान सरकार का मुखिया बनेगा मुल्ला अखुंद

मुल्ला अखुंद

बिच्छू डॉट कॉम। तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई रहबरी शूरा के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को समूह के शीर्ष नेता मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में नामित किया है। मीडिया की एक खबर में यह दावा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट में कई स्रोतों का हवाला देते हुए बताया है कि दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुस सलाम तालिबान की नई सरकार में मुल्ला हसन के उप प्रमुख के रूप में काम करेंगे, जिसकी घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है। अखुंद को तालिबान का शीर्ष नेता बनाए जाने के पीछे पाकिस्तान कनेक्शन भी बताया जा रहा है।

यह घटनाक्रम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के पिछले हफ्ते अघोषित दौरे पर काबुल जाने के कुछ दिन बाद सामने आया है। अपने दौरे के दौरान आईएसआई प्रमुख ने मुल्ला बरादर और हिज्ब-ए-इस्लामी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी और अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा की थी। खबरों के अनुसार, काबुल में नई सरकार ईरान के नेतृत्व की तर्ज पर बनेगी, जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अफगानिस्तान के सर्वोच्च अधिकारी होंगे। सोमवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिना कोई तारीख बताए जल्द ही एक नई अफगान सरकार की घोषणा की जाएगी। मुजाहिद ने इस बात से भी इनकार किया कि नई सरकार के गठन को लेकर तालिबान नेतृत्व के भीतर कोई असहमति थी। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय ले लिए गए हैं, हम अब तकनीकी मुद्दों पर काम कर रहे हैं।

तालिबानी नेताओं के भीतर मतभेद की चर्चा इसलिए हो रहा है क्योंकि इससे पहले, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम अफगानिस्तान में नई सरकार के नेता के रूप में सामने आया था। बरादार तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के करीबी दोस्त थे। जब तालिबान ने आखिरी बार अफगानिस्तान पर शासन किया था तब उन्होंने उप रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध नोटिस में कहा गया है कि बरादर ने पिछली तालिबान सरकार गिरने के बाद गठबंधन बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के रूप में कार्य किया।

बरादर को 2010 में ISI की ओर से गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तान में कैद कर लिया गया। 2018 में रिहाई के बाद उन्हें दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख बनाया गया। बरादर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ शांति वार्ता में सबसे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। कई रिपोर्टों के अनुसार, समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और अनस हक्कानी के बीच सत्ता संघर्ष की खबरों के बीच तालिबान ने सरकार गठन को कम से कम दो बार टाल चुका है। तालिबान नेताओं के बीच असहमति पंजशीर से निपटने को लेकर थी, जहां प्रतिरोध बलों ने समूह को खदेड़ दिया था।

मुल्ला अखुंद रहबारी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं तालिबान की शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था, जो शीर्ष नेता की मंजूरी के साथ समूह के सभी मामलों को चलाने वाले सरकारी कैबिनेट की तरह कार्य करती है। मुल्ला अखुंद ने रहबारी शूरा के मुखिया के रूप में दो दशकों तक काम किया है और मुल्ला अखुंदजादा के करीबी हैं। मुल्ला अखुंद तालिबान की जन्मस्थली कंधार से ताल्लुक रखता है और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से एक था। मुल्ला अखुंद 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधान मंत्री थे।

Related Articles