
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। अफगानिस्तान में चारों ओर तबाही मचा रहे तालिबानियों ने अफगान क्रिकेट बोर्ड के आफिस पर भी कब्जा कर लिया है…… खास बात यह है कि हाथों में एके 47 लेकर बोर्ड के दफ्तर में घुसे आतंकियों के साथ अफगानिस्तान का एक पूर्व क्रिकेटर भी शामिल है जो राशिद खान का साथी बताया जा रहा है। तालिबानी आतंकियों के साथ पूर्व अफगानी क्रिकेटर अब्दुल्लाह मजारी भी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हेड ऑफिस पहुंचा। सभी आतंकी हथियारों से लैस थे. . अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान ने वहां के क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में भी घुसपैठ कर ली है. तालिबानी आतंकी काबुल में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हेड ऑफिस में घुस गए।सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें तालिबान के आतंकी एके-47 लेकर क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में घुसे हैं और उनके साथ पूर्व स्पिनर अब्दुल्लाह मजारी भी है. अब्दुल्लाह मजारी बाएं हाथ के स्पिनर हैं और उन्होंने अफगानिस्तान के लिए 2 वनडे मैच भी खेले हैं. इसके अलावा ये खिलाड़ी 21 फर्स्ट क्लास मैच, 16 लिस्ट ए और 13 टी20 मुकाबले भी खेल चुका है. बता दें अब्दुल्लाह मजारी काबुल ईगल्स का खिलाड़ी रह चुका है जो शपागीजा टी20 लीग की टीम है. राशिद खान भी अब्दुल्लाह मजारी के साथ काबुल ईगल्स के लिए मैच खेल चुके हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब उसकी क्रिकेट टीम का भविष्य भी संकट में पड़ गया है. इस टीम ने बहुत ज्यादा मेहनत कर टेस्ट टीम का रुतबा हासिल किया है और राशिद खान और मुजीब जैसे स्पिनर पूरी दुनिया में अपनी फिरकी की धमक दिखा चुके हैं लेकिन अब तालिबान के सत्ता में आने से अफगानी क्रिकेट टीम का क्या होगा कोई नहीं जानता. वैसे अफगान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शेनवारी का दावा है कि तालिबान से अफगानी क्रिकेटरों और उनके परिवार को कोई खतरा नहीं है. शेनवारी ने कहा कि तालिबान को क्रिकेट पसंद है और टीम टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेगी. यही नहीं अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड 10 से 25 सितंबर तक शपगीजा क्रिकेट लीग को आयोजित करने का दावा भी कर रहा है. राशिद खान भी अब्दुल्लाह मजारी के साथ काबुल ईगल्स के लिए मैच खेल चुके हैं बता दें तालिबान महिलाओं की आजादी के खिलाफ है और अब अफगानिस्तान में उसकी सत्ता आते ही इस मुल्क की महिला क्रिकेट टीम का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. पिछले साल ही अफगानिस्तान ने 25 महिला खिलाड़ियों को पहली बार सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया था. अगर अफगानिस्तान की महिला टीम तालिबान की वजह से टूटती है तो ये देश आईसीसी का पूर्ण सदस्य नहीं रह पाएगा क्योंकि इसके लिए आपकी दोनों टीमें होनी जरूरी हैं।फिलहाल अफगानिस्तान के अहम खिलाड़ी इंग्लैंड में द हंड्रेड टूर्नामेंट खेल रहे थे और अब वो यूएई में आईपीएल में भी खेलते दिखेंगे लेकिन इन खिलाड़ियों को अपने परिवार की चिंता सता रही है।