केंद्र सरकार के पत्र के बाद भी हजारों पेंडिंग शिकायतों पर अफसर बेपरवाह

केंद्र सरकार


भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर लगभग हर विभाग में शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। शिकायतों के निराकरण के लिए जहां आमजन को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं वहीं उन्हें इसमें सुधार या निदान के लिए अपने समय और पैसे की भी बर्बादी भी करनी पड़ रही है। बता दें कि इनमें अधिकांश वे शिकायतें शामिल है जो जनता से सीधे जुड़े विभागों की हैं। जिनमें बिजली, पानी, सड़क व शहरी विकास और निर्माण कार्यों में गड़बड़ी से संबंधित है। यही नहीं कई विभागों में अफसरों की लापरवाही सामने आ चुकी है। इसके बावजूद भी शिकायतों का निराकरण नहीं हो पाया है। ऐसे में करीब 90 हजार से अधिक शिकायतें दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचीं हैं। यही नहीं अब इन शिकायतों का निराकरण करने के लिए डीओपीटी ने मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा है। इसके बाद से मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों में हड़कंप मच गया है।
वहीं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने सभी अफसरों व जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर इन शिकायतों का निराकरण करने के लिए 45 दिन की समय सीमा निर्धारित की है। जो शिकायतें डीओपीटी के पास पहुंची है उनमें अधिकांश पुलिस की प्रताड़ना के मामलों में कार्यवाही को लेकर है वह इसके साथ ही उपचार के नाम पर मची लूट, खनिज के अवैध परिवहन, भंडारण, खनन, पेंशन नहीं दिए जाने संबंधी, स्कूल शिक्षा, बिजली, पानी, शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी, चिकित्सकों की कमी और  उद्योग व रोजगार की अनदेखी, हवाई सेवाओं में कमी, आरक्षण का लाभ नहीं मिलना, प्रमोशन में देरी आदि से जुड़ी शिकायतें शामिल है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने डीओपीटी से शिकायतों के संबंध में लिखे गए पत्र पर कहा कि इनके निराकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। संबंधित विभाग से इनका निराकरण जल्द कराया जाएगा।
अफसरों को रुचि लेकर काम करने के दिए निर्देश
केंद्र सरकार द्वारा शिकायतों के निराकरण संबंधी रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अब मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों और विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र लिखकर इनका निराकरण डेढ़ महीने के भीतर करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं अधिकारियों से केंद्र में पेंडिंग शिकायतों को खत्म कराने में रुचि लेकर काम करने को कहा गया है।
किस जिले की कितनी शिकायतें हैं पेंटिंग
जिला पेंडिंग शिकायतें
इंदौर 4480
रीवा 3443
भोपाल 2513
सतना 2362
ग्वालियर 1937
उज्जैन 1880
मुरैना 1251
शिवपुरी 1245
देवास 1228
राजगढ़ 1113
विदिशा 1084
भिंड 1053
90 हजार से अधिक शिकायतें पहुंचीं दिल्ली
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों से संबंधित 90 हजार से ज्यादा शिकायतें दिल्ली में केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में दर्ज है। इनमें से ग्यारह हजार से अधिक शिकायतें जिला स्तर की है। यही नहीं कई शिकायतें मंत्रालय और प्रमुख सचिव स्तर से संबंधित भी है। जिनका निराकरण करने में अधिकारी बेपरवाह बने हैं। यही वजह है कि अब केंद्र सरकार द्वारा इनके निराकरण की रिपोर्ट मांगी है। यदि प्रदेशभर की विभागवार शिकायतों की स्थिति पर नजर डालें तो गृह विभाग की लगभग 13 सौ, स्कूल शिक्षा की चार हजार, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के तीन हजार आठ सौ, नगरीय विकास की तीन हजार सात सौ, उच्च शिक्षा विभाग की ढाई हजार, राजस्व विभाग के ढाई हजार, स्वास्थ्य विभाग की ढाई हजार, वित्त से संबंधित दो हजार, पुलिस मुख्यालय की एक हजार चार सौ, तकनीकी शिक्षा विभाग की एक हजार दो सौ पैंसठ, ऊर्जा विभाग की एक हजार एक सौ नब्बे, श्रम विभाग की एक हजार एक सौ नब्बे, लोक निर्माण विभाग की एक हजार, इस तरह कुल पचास हजार से ज्यादा शिकायतें अब तक पेंडिंग है।

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