बिहाइंड द कर्टन/दिग्विजय सिंह के ट्वीट से फिर गरमाई सियासत

  • प्रणव बजाज
दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह के ट्वीट से फिर गरमाई सियासत
पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के हाल के एक ट्वीट से फिर सियासत गरमा गई है। दरअसल उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने तो उन्हें मौन वृत धारण करने तक की सलाह दे दी है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के ट्वीट और बयान समाज में द्वेष फैलाने वाले तथा लोगों को पीड़ा पहुंचाने वाले होते हैं। उनसे आग्रह है कि वह मौन रहेंगे तो सामाजिक सद्भाव भी बना रहेगा और वैमनस्यता भी नहीं फैलेगी। यह सभी के लिए अच्छा होगा। डॉ मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह के द्वारा गांधी जी के करो या मरो के नारे के साथ शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन के दिन को चुनते हुए यह ट्वीट किया जाना कि भारतीय नफरत छोड़ो देश को जोड़ो, बहुत दुखद और पीड़ा दायी है।

कानून होने के बाद भी नहीं रुके लव जिहाद के प्रकरण
मध्यप्रदेश में लव जिहादियों और जबरन मत परिवर्तन कराने वालों पर नकेल कसने के लिए कानून बनाया गया है। यही नहीं नाम बदलकर प्यार करने के नाम पर धोखा देने और धर्म परिवर्तन करवाने वालों के साथ ही इसमें सहयोगियों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है लेकिन इसके बावजूद भी लव जिहाद और जबरिया मत परिवर्तन के मामलों की संख्या चिंताजनक है। हाल ही में विधानसभा में आए एक सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की ओर से बताया गया कि पिछले पांच महीने में इस तरह के 28 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिनमें 37 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से छह को जमानत मिली है बाकी 31 जेल में हैं। बता दें कि गोविंदपुरा से भाजपा विधायक कृष्णा गौर की ओर से लिखित सवाल में जानकारी मांगी गई थी कि मार्च 2021 से अब तक पांच माह में लव जिहाद और मत परिवर्तन के कितने प्रकरण दर्ज हुए और कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

स्ट्रीट वेंडर्स को हाईटेक बनाने की योजना
पांच लाख शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस दिए जाने के बाद सरकार अब उन्हें हाईटेक भी बनाएगी। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन लेनदेन के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्हें बैंकों के जरिए क्यूआर कोड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही नगरीय निकाय द्वारा उन्हें अगले माह से इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। खास बात है कि स्ट्रीट वेंडर्स को अनुदान और शासकीय योजनाओं के लाभ भी इसी आधार पर उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि आॅनलाइन भुगतान का काम वेंडर्स और ग्राहकों के लिए ऐच्छिक होगा लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसे आदत में लाना पड़ेगा क्योंकि बैंकों से उन्हें खुल्ले देने पर भी अंकुश लगाया जाएगा। सूत्रों की मानें तो सरकार इसके जरिए छोटे कारोबारियों के हिसाब-किताब पर नजर रखेगी। जिनका कारोबार तय मानदंड से ज्यादा पाया जाएगा तो उन्हें अपात्र होने पर गरीबी रेखा के साथ ही अन्य तमाम शासकीय योजनाओं के दायरे से बाहर किया जाएगा।

नहीं सुधरी महिला अपराधों को लेकर प्रदेश की छवि
मध्यप्रदेश की महिला अपराधों को लेकर अच्छी छवि नहीं है। इस बात को बीते रोज गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने स्वयं विधानसभा में स्वीकार किया है। डॉ मिश्रा ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को दिए लिखित उत्तर में  आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले चार साल में महिलाओं से बलात्कार के 26,708 केस व गैंगरेप के बाद हत्या के 37 केस दर्ज हुए हैं। इस अवधि में 27,827 नाबालिगों के अपहरण और 854 महिलाओं के अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं। गृहमंत्री डॉ मिश्रा ने यह भी बताया कि महिला अपराधों को लेकर पुलिस अफसर भी आरोपी बनाए गए हैं। इसमें दस निरीक्षक, नौ निरीक्षक, छह सहायक उपनिरीक्षक व चार प्रधान आरक्षकों पर कार्रवाई की गई है। वहीं 16,038 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। हालांकि इनमें से 1,353 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।

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