बिहाइंड द कर्टन/देशी शराब की सस्ती बोतल की शुरुआत विदिशा से

  • प्रणव बजाज
देशी शराब

देशी शराब की सस्ती बोतल की शुरुआत विदिशा से
अगर आप देशी शराब के शौकीन हैं और आप उसके क्वार्टर को नहीं खरीद सकते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल अब सरकार ने देशी शराब को 90 एमएल की बोतल में भी बिक्री शुरू कर दी है। दरअसल यह पूरी कवायद प्रदेश में लगातार हो रही एक के बाद एक जहरीली शराब से मौतों को रोकने के लिए की जा रही है। बीते 15 माह में प्रदेश में एक के बाद एक जिले में अब तक आधा सैकड़ा लोगों की मौत सरकारी रिकार्ड के अनुसार हो चुकी हैं , जबकि कई को अपनी आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी है। इस मामले में प्रदेश का आबकारी, पुलिस और जिला प्रशासन का अमला अब तक पूरी तरह से अक्षम साबित हो चुका है। इसके चलते सरकार स्तर पर 90 एमएल की बोतल में देशी शराब बेचने का फैसला करना पड़ा है। कम मात्रा में शराब होने की वजह से वह सस्ती पड़ेगी, जिसकी वजह से लोग नकली शराब नहीं खरीदेंगे। दरअसल प्रदेश में बीते दो सालों से शराब के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसकी वजह है सरकार की शराब नीति जिसकी वजह से प्रदेश में शराब सिंडिकेट खड़ा हो चुका है।

वीडी ने खोली कमलनाथ के सेवाभावी होने की पोल
सूबे के पूर्व मुखिया और प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ वैसे तो कर्मभूमि मप्र हैं, लेकिन उनका मन दिल्ली में अधिक सुकून पाता है। वे अधिकांश समय दिल्ली में ही गुजारते हैं। अब प्रदेश के ग्वालियर -चंबल अंचल के जिलोंं में लगातार बारिस की वजह से बाढ़ की स्थिति बन गई और लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा। इस मामले में कांग्रेस के साथ ही कमलनाथ भी लगातार सक्रिय तो नजर आए लेकिन पूरी तरह से सोशाल मीडिया पर। वे दौरान चर्चा में अने रहने के लिए हवाई सर्वेक्षण भी कर आए। अब उन्हें कोई क्या बताए की जो पैसा उनके द्वारा हवाई सर्वेक्षण में खर्च किया गया है उतने में पीड़ितों के एक दिन का भोजन का प्रबंध हो जाता। शार्म ने भी इस मामले में नाथ को घेरा है। उनका कहना है कि जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा कार्यकर्ता उन्हें बचाने और मदद देने में लगे थे, तब नाथ ग्वालियर में कुछ लोगों से मिलकर ट्वीट कर इतिश्री कर रहे थे।

नेता व अफसरों ने बहती गंगा में धो लिए हाथ
प्रदेश में भले ही दो बार तबादलों को लेकर तारीखों की अंतिम तिथि घोषित की गई है, लेकिन इस बीच गिने-चुने विभागों की है छोटी-छोटी कुछ सूचियां जारी हों सकीं। नेता व अफसर मिलकर अपने लाभ हानी के गुणा भाग के हिसाब से सूचियों को बनाने और उनमें संशोधन करने में लगे हुए थे। इस बीच मौसम के ऐसे हालात बने के प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विभीषिका आ गई। इस कठिन दौर में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह को पूरा फोकस उनकी मदद पर करना पड़ गया। इसकी वजह से उनके द्वारा कई विभागों को भी अलग-अलग मदद की जिम्मेदारी देकर तबादलों पर रोक लगा दी। इसके बाद कुछ विभाग ऐसे सक्रिय हुए कि उनके द्वारा बैकडेट में तबादलों की सूची जारी कर दीं गईं। जब यह सूचियां जारी हुई तब सभी को आश्चर्य हुआ कि आखिर यह सूचियां जारी कैसे हो रही हैं। खैर सरकार से लेकर संगठन तक इन जारी की गई सूचियों की चर्चा हो रही है। इसे कहते हैं बहती गंगा में हाथ धोना।

ड्रायविंग लायसेंस के लिए नहीं भटकना होगा आरटीओ दफ्तर में
अगर आप मप्र में ड्रायविंग लायसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपको जल्द ही परिवहन विभाग यानि कि आरटीओ दफ्तर में भटकने से मुक्ति मिलने वाली है। इसकी वजह है यह काम अब निजी हाथों में सौंपे जाने की तैयारी कर ली गई है। इसके तहत प्रदेश के सभी संभागों में निजी क्षेत्र में एक्रीडिटेड ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। जहां पर युवाओं को विशेषज्ञों की देखरेख में वाहन चलाने की बारीकियां और ट्रैफिक संबंधी नियमों को लेकर पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन सेंटरों से प्रशिक्षित हुए लोगों को आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा । एक तरह से यह निजी लोगों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की पहल के रूप में ही देखा जा रहा है।  इसके लिए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने एक विस्तृत नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। फिलहाल एक्रीडिटेड ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए आवेदन पत्र मांगे गए हैं।

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