
दोनों डोज के बाद कोरोना होने की आशंका को 93% कम करती है कोविशील्ड
वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना होने की खबरों से परेशान लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। खासतौर पर एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों के लिए। हाल ही में देश के सशस्त्र बलों के 15.9 लाख से ज्यादा हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स पर हुई स्टडी के मुताबिक कोविशील्ड के दोनों डोज लेने के बाद होने वाला कोरोना यानी ब्रेक-थ्रू इन्फेक्शन 93% कम पाया गया है। यानी कोविशील्ड लगवाने वालों में वैक्सीनेशन के बाद होने वाले ब्रेक-थ्रू इन्फेक्शन 93% कम होंगे। ब्रेक-थ्रू इन्फेक्शन को लेकर देश में हुई अब तक की सबसे बड़ी स्टडी के अनुसार देश में वैक्सीनेशन के बावजूद कोरोना होने की दर तकरीबन 1.6 है। यानी देश में पूरी तरह वैक्सीनेटेड 1000 लोगों में 16 लोगों को दोबारा कोरोना हो सकता है। किसी शख्स को वैक्सीन की दोनों डोज लगने के दो सप्ताह के बाद ही पूरी तरह वैक्सीनेटेड माना जाता है। ब्रेक थ्रू इन्फेक्शन की दर का अंदाज लगाने वाली यह स्टडी चंडीगढ़ पीजीआई ने की है और यह मशहूर द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई है।
ओबीसी की पहचान का राज्यों को फिर दिया जाएगा अधिकार
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर राज्यों को मिले अधिकार बहाल होंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए अब संसद का रास्ता चुना है। इसे लेकर बुधवार को कैबिनेट में विधेयक को लाने की तैयारी है। वहां से मंजूरी के बाद इसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से अगले एक-दो दिनों में पारित कराने की योजना है। केंद्र सरकार ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद उठाया है, जिसमें ओबीसी की पहचान करने और सूची बनाने के राज्यों के अधिकार को अवैध बताया था। कोर्ट का कहना था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद राज्यों को सामाजिक व आर्थिक आधार पर पिछड़ों की पहचान करने और अलग से सूची बनाने का कोई अधिकार नहीं है। सिर्फ केंद्र ही ऐसी सूची बना सकता है। वही सूची मान्य होगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया था, क्योंकि मौजूदा समय में ओबीसी की केंद्र और राज्यों की सूची अलग-अलग है। राज्यों की सूची में कई ऐसी जातियों को रखा गया है, जो केंद्रीय सूची में नहीं है।
क्या यूपी चुनाव से पहले नीतीश की नाराजगी का जोखिम उठा सकती है बीजेपी?
बिहार में बीजेपी और जेडीयू भले ही मिलकर सरकार चला रही हों, लेकिन दोनों दलों के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत आधार पर जनगणना और पेगासस जासूसी मामले की जांच कराने की मांग उठाई है। नीतीश और उनकी पार्टी जेडीयू एक के बाद एक कई ऐसे मुद्दों को हवा दे रहे है, जो बीजेपी और मोदी सरकार की असहज करते हैं। सीएम नीतीश कुमार की दोनों ही डिमांड से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि वह एनडीए के सहयोगी दल के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने पेगासस मामले में जांच और जातिगत जनगणना कराने की मांग की है। वहीं, जेडीयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम मैटेरियल हैं। इतना ही नहीं जातिगत जनगणना की मांग पर नीतीश और तेजस्वी यादव एक मत हैं और दोनों ही नेताओं के बीच हाल ही में मुलाकात हुई है। बीजेपी नेता संजय पासवान ने जातिगत जनगणना की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है तो बिहार के मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि इस गठबंधन सरकार में काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
जब शमा ने झेला यौन उत्पीड़न, डायरेक्टर ने कहा था- यहां तुम्हें कोई नहीं छोड़ेगा
एक्ट्रेस शमा सिकंदर 4 अगस्त को अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। शमा सोशल मीडिया पर अपनी ग्लैमरस फोटोज शेयर कर कहर बरपाती हैं। शमा की इंस्टा प्रोफाइल उनके ग्लैमरस होने के सबूत कई बार दे चुकी हैं। शमा की गॉर्जियस तस्वीरें खूब वायरल होती हैं। शमा अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को लेकर चर्चा में रहती हैं। शमा अपने बेबाक अंदाज के लिए फेमस हैं। चाहे वो मीटू मूवमेंट पर बोलना हा या प्लास्टिक सर्जरी कराने की खबरों पर रिएक्ट करना। शमा ने कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। शमा ने एक बार खुलासा किया था कि उन्हें 14 साल की उम्र में यौन उत्पीड़न झेलना पड़ा था। शमा ने बताया था कि उन्हें एक डायरेक्टर ने मोलेस्ट किया था। उनकी जांघ पर हाथ रखा था। ये भयावह वाकया आज भी शमा को झकझोर देता है। शमा ने इंटरव्यू में कहा था- करियर के शुरुआती दिनों में जब में 14 साल की थी, एक डायरेक्टर ने मेरी जांघ के ऊपर हाथ रखा था। मैंने तुरंत ना कहा और उसे हटा दिया। डायरेक्टर ने शमा से कहा था- तुम्हें लगता है कि तुम स्टार बनोगी। यहां कोई नहीं छोड़ेगा तुम्हें। अगर डायरेक्टर नहीं तो एक्टर, वो नहीं तो प्रोड्यूसर तो तुम्हारा शोषण करेगा ही। तुम इससे बच नहीं सकती हो। शमा कहती हैं कि उस वक्त वे 14 साल की थीं और उनके सपने काफी बड़े थे।