- नगीन बारकिया

तीसरी लहर को हल्के में न लें- सरकार की चेतावनी
आजकल कोरोना की तीसरी लहर की आम चर्चा है। कोरोना की दूसरी लहर ने जो आतंक फैलाया था उससे लोग उबरने की तैयारी कर ही रहे थे कि इसकी तीसरी लहर ने भय का रूप ले लिया, लेकिन ऐसा लगता है इसकी चर्चा करते करते हम इतने सहज हो गए हैं कि हम उसे हल्के में लेने लग गए हैं। हिल स्टेशनों पर बढ़ते सैलानी और बाजारों में बढ़ती भीड़ इस बात की ओर संकेत करती है कि कोरोना का भय अब जाता रहा है। लोगों की इसी प्रवृत्ति पर पीएम मोदी ने भी चिंता जताई है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी। इन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि थर्ड वेव को हल्के में न लें। जब आप कोरोना की तीसरी लहर के बारे में बात करते हैं तो आप यह समझें कि यह कोई वेदर अपडेट नहीं है, यह बहुत ही गंभीर बात है। हमें यह समझना होगा कि हम एक गंभीर मसले पर बात कर रहे हैं और हमारी यह जिम्मेदारी है कि किसी तरह कोरोना के थर्ड वेव को रोका जाये और अगर हम इसे न रोक पाए, तो यह प्रयास करें कि इससे कम से कम नुकसान हो। वैश्विक स्तर की बात करें तो कई देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम ऐसा कोई काम न करें जो थर्ड वेव को निमंत्रण दे। देश में कई पर्यटक स्थल और बाजारों में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हो रहा है। अगर यही स्थिति रही तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
डेढ़ साल बाद फिर पॉजिटिव पाई गई मेडिकल छात्रा
देश की पहली कोरोना संक्रमित केरल निवासी मेडिकल छात्रा एक बार फिर कोरोना पॉजिटिव हो गयी है। त्रिशूर के जिला चिकित्सा अधिकारी के अनुसार वह कोरोना संक्रमित है। उसका आरटी-पीसीआर पॉजिटिव है। हालांकि, एंटीजन नेगेटिव है। जानकारी के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला केरल में ही आया था, जब चीन के वुहान में मेडिकल की पढ़ाई करनेवाली छात्रा की रिपोर्ट 30 जनवरी, 2020 को आई थी। केरल के त्रिशूर स्थित गृहनगर आने पर 27 जनवरी को कोरेंटिन किया गया था। जांच में वह कोरोना संक्रमित पाई गई थी। दो बार कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे 20 फरवरी को मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई। उसके बाद से वह चीन के वुहान नहीं गई और घर पर रह कर ही आॅनलाइन पढ़ाई कर रही थी। करीब डेढ़ साल बाद वह दिल्ली की यात्रा करना चाहती थी। दिल्ली की यात्रा से पूर्व उसकी कोरोना जांच की गई। एंटीजन रिपोर्ट उसकी नेगेटिव रही। लेकिन, आरटी-पीसीआर जांच में वह कोरोना संक्रमित पाई गई है। छात्रा के परिजनों के हवाले से कहा गया है कि उसने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
कैप्टन-सिद्धू मामले में पीके की एंट्री…।
आजकल राजनीति में जो शख्स सबसे अधिक छाया हुआ है वह है पीके यानी प्रशांत किशोर। बिहार हो, बंगाल हो, पंजाब हो या दिल्ली, नीतीश कुमार हो या केजरीवाल हर मामले में पीके को शामिल पाया जा सकता है। पीके भी वन मैन आर्मी के रूप में किसी भी मामले में अपनी टांग फंसा ही देते हैं। इसमें भी खास बात यह कि देश के बड़े माने जाने वाले नेता भी पीके के सामने नतमस्तक होते देखे गए। इस समय पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर तथा नवजोत सिद्धू का मामला गर्माया हुआ है और लगता है कि सोनिया, राहुल और प्रियंका से भी बात नहीं बन रही है इसलिए यहां भी पीके की एंट्री हुई है। बताया गया है कि पीके ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि प्रशांत किशोर इन दिनों कैप्टन अमरिंदर के भी सलाहकार हैं। राहुल गांधी के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद उत्तराखंड के कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने संकेत दिए हैं कि पंजाब के लिए अच्छी खबर है। बैठक में हरीश रावत भी शामिल थे।
महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं
कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक प्रदेश में कलह खत्म नहीं होती कि दूसरे में विवाद शुरू हो जाता है। महाराष्ट्र कांग्रेस का झगड़ा भी अब बढ़ता जा रहा है। वहां झगड़े की जड़ में उनके अपने प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हैं जिनकी बयानबाजी से उनके नेता ही परेशान हैं। पटोले ने जब से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है, वह लगातार सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम पटोले के बयानों से परेशान हो गए हैं। हमने पार्टी नेतृत्व से समय मांगा है। नेतृत्व से मुलाकात में साफ कर देंगे कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार चलानी है, तो पटोले को पद से हटाना होगा। क्योंकि, अपने बयानों के जरिए वह लगातार भाजपा को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे रहे हैं।