खुलासा: अब नकली नोटों के कारोबारी भी बने नक्सली

नक्सली
  • गिरफ्तार किए गए युवकों ने बताया कि उन्हें नकली नोटों की सप्लाई महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से होती है…

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    पड़ौसी राज्य महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से लगे मप्र के जिलों में तमाम निगरानी के बाद भी नक्सलवादियों की आमदरफ्त बढ़ती ही जा रही है। हालांकि उन पर सुरक्षाबलों के बड़ रहे दबाब और लोगों की मदद न करने की बढ़ रही प्रवृत्ति की वजह से वे आर्थिक रुप से परेशान भी बताए जा रहे हैं।
    यही वजह है कि अब उनके द्वारा वसूली के अलावा नकली नोट चलाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसका खुलासा हाल ही में बालाघाट में पकड़े गए पांच करोड़ के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार दस लोगों से पूछताछ में हुआ है। खास बात यह है कि इनके द्वारा इसके लिए मप्र के आदिवासी बाहुल्य जिलों को चुना गया है। इस काम में नक्सलियों द्वारा स्थानीय युवकों की मदद ली जा रही है। यह बात अलग है कि पुलिस को सही समय पर इसकी भनक लग गई और नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़कर नक्सलियों के बड़े मनसूबे पर पानी फेर दिया गया है। आश्चर्यजनक बात यह है कि बरामद हुए नोटों में 10, 20, 50 से लेकर 2 हजार रुपए तक के नोट हैं।
    यह शायद जिले में पहला मौका है जब छोटी कीमत के नकली नोट बरामद हुए हैं। पुलिस का मानना है कि छोटी कीमत के नोटों पर लेनदेन के समय अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसकी वजह से ही दस और बीस रुपए कीमत के नकली नोटों का चलाने के लिए चयन किया गया होगा। इन नोटों का कारोबार प्रदेश के बालाघाट के अलावा महाराष्ट्र के गोंदिया में मिलकर एक ही गिरोह द्वारा किया जा रहा था। पकड़े गए आरोपियों में 6 बालाघाट और 2 महाराष्ट्र के गोंदिया के रहने वाले हैं। अब पुलिस द्वारा उनके नक्सली कनेक्शन की जांच की जा रही है। दरअसल बीते कुछ दिनों से बालाघाट पुलिस को बैहर और बालाघाट में नकली नोटों के चलाए जाने की जानकारी मिल रही थी, जिसके बाद ऑपरेशन चला कर बालाघाट के छह आरोपियों को 8 लाख रुपए के साथ पकड़ा गया। उनसे पता चला कि उन्हें यह नकली नोट महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से सप्लाई होती है।
    इसके बाद उनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने गोंदिया पुलिस की मदद से दो और आरोपियों को धरदबोचा। अब इन सभी आरोपियों से नकली नोट की सप्लाई और उससे जुड़े तथ्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है। गौरतलब है कि इसी साल दो माह पहले मार्च में भी पुलिस द्वारा बैहर थाना क्षेत्र अंतर्गत मुकी रोड स्थित बहनी चौराहे से 4.94 लाख कीमत के नकली नोटों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
    मुख्य सरगना की तलाश जारी  
    नकली नोट के पूरे कारोबार का नेटवर्क बालाघाट जिले के किरनापुर और गोंदिया जिले से जुड़े होने की जानकारी सामने आयी है। इसके अलावा उनसे कुछ अन्य जानकारियां भी मिली हैं। इसके आधार पर पुलिस इसके मुख्य सरगना तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस यह भी पता करने का प्रयास कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में नकली नोटों की छपाई कहां पर और कैसे की गई है। पुलिस का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नकली नोट बनाने में स्कैनर या कलर प्रिंटर का या अन्य कोई मशीन का इस्तेमाल किया गया होगा। 

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