
- मध्य प्रदेश में खुली स्कूल चलें हम अभियान की पोल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में स्कूल चलें हम और गृह संपर्क जैसे करोड़ों रुपये के विज्ञापनों और अभियानों के दावों की पोल खुल गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के दिसंबर तक के नामांकन ड्रॉपबॉक्स (स्कूल ने पोर्टल पर मैप्ड नहीं किया) और शालात्यागी बच्चों के आंकड़ें सामने आए हैं। विभाग प्रदेश के 7.37 लाख ऐसे बच्चों का पता लगाने में नाकाम रहा है, जो शिक्षा की मुख्यधारा से पूरी तरह बाहर हैं।
हैरानी की बात यह है कि हजारों शिक्षकों को हर साल इन बच्चों को ढूंढने के काम में लगाया जाता है। फिर भी नतीजा शून्य है। विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। ये बच्चे किसी भी स्कूल में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। वहीं करीब 1.23 लाख बच्चे शाला त्यागी की श्रेणी में दर्ज हैं और 1.55 लाख बच्चे विस्थापित होकर यहां से पढ़ाई छोडक़र दूसरे प्रदेश चले गए। इसमें कई जिलों में अनमैप्ड बच्चों की संख्या अधिक है। मप्र में सरकारी स्कूलों से लगातार बच्चे दूरी बना रहे हैं। इसके अनुसार मप्र में केवल एक साल में सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या बीते साल से 7.37 लाख कम रही। इतने बच्चे कहां गए, स्कूल शिक्षा विभाग के पास इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
3500 स्कूल में शून्य प्रवेश
मध्य प्रदेश के 55 जिलों में इस साल साढ़े तीन हजार सरकारी स्कूलों से अधिक में एक भी बच्चे ने प्रवेश नहीं लिया है। वहीं 6500 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 10 से कम बच्चों ने प्रवेश लिया है। जिन स्कूलों में बच्चे नहीं हैं। उन स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। इसे रोकने के लिए विभाग ने प्राचार्यों और शिक्षकों को कहा है कि वे स्कूल छोडऩे वाले बच्चों के नाम की सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें। स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ड्रापबाक्स में शामिल बच्चों को जल्द से जल्द मैप्ड करें।
प्रदेश भर का आंकड़ा
कुल ड्रॉपबॉक्स में शामिल बच्चे-11.38 लाख
कुल शाला त्यागी बच्चों की संख्या-1.23 लाख
स्कूल से अनमैप्ड बच्चों की संख्या-7.37 लाख
विस्थापित बच्चों की संख्या -1.55 लाख
इन जिलों में सबसे अधिक ड्रॉपबॉक्स और शाला त्यागी बच्चे
जिला ड्रापबाक्स शाला त्यागी
भोपाल 44 हजार 2 हजार
धार 42 हजार 7 हजार
इंदौर 40 हजार 730
ग्वालियर 34 हजार 6 हजार
खरगोन 32 हजार 7 हजार
छतरपुर 30 हजार 4 हजार
सागर 29 हजार 2 हजार
झाबुआ 29 हजार 1919
शिवपुरी 29 हजार 5 हजार
