जापान ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी: वांग यी

वांग यी

बीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने ताइवान में संभावित सैन्य दखल का सुझाव देकर लक्ष्म रेखा पार कर दी है। इस महीने की शुरुआत में ताकाइची ने कहा था कि अगर चीन ताइवान के खिलाफ नौसैनिक नाकाबंदी या कोई अन्य कार्रवाई करता है, तो यह जापान की सैन्य प्रतिक्रिया के लिए आधार हो सकता है।

वांग ने इसे ‘चौंकाने वाला’ करार दिया और कहा कि जापान के मौजूदा नेताओं ने ताइवान मामले में सैन्य दखल का गलत संदेश सार्वजनिक रूप से दिया और ऐसी बातें कहीं जिन्हें नहीं कहनी चाहिए थी। चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी बयान में वांग ने कहा, जापान के नेताओं ने लाल रेखा को पार किया, जिसे छूना नहीं चाहिए था। चीन को जापान की कार्रवाइयों का दृढ़ता से जवाब देना चाहिए और सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे जापानी सैन्य ताकत बढ़ाने से रोकें।

ताकाइची के बयान ने पिछले कुछ हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। बीजिंग ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र भेजकर ताकाइची के बयान को अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक मानदंडों का गंभीर उल्लंघन करार दिया। चीन ने चेतावनी दी कि अगर जापान ने उसके और ताइवान के बीच में सशस्त्र दखल की कोशिश की, तो यह आक्रमण माना जाएगा। चीन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा का अधिकार प्रयोग करेगा और अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ रक्षा करेगा।

बीजिंग ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और इसे बलपूर्वक अपने अधीन करना चाहता है। चीन किसी अन्य देश के ताइवान मामले में दखल का विरोध करता है, खासकर अमेरिका। ताकाइची का रुख पिछले जापानी प्रधानमंत्रियों की तुलना में अधिक सख्त माना जा रहा है, जिन्होंने ताइवान पर चीन के खतरे पर चिंता जताई थी, लेकिन सार्वजनिक रूप से यह नहीं कहा कि जापान कैसे प्रतिक्रिया देगा। प्रधानमंत्री ने बाद में अपने बयानों को वापस लेने से इनकार किया। लेकिन कहा कि भविष्य में वह खास परिस्थितियों के बारे में बात करने से बचेंगी।

Related Articles