
- श्रीराम पथ गमन, परिक्रमा पथ और श्रीराम राजा लोक का निर्माण भव्यता के साथ करें पूरा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित समीक्षा बैठक की। बैठक में सीएम ने कहा है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद अब देश-विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं का ध्यान चित्रकूट पर केंद्रित हो रहा है। इसलिए श्रीराम पथ गमन, परिक्रमा पथ और श्रीराम राजा लोक जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक परियोजनाओं का निर्माण कार्य भव्यता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता में रखी जाए और सभी विभाग आपसी समन्वय और तालमेल से योजनाओं को समयसीमा में पूरा करें।
बैठक में चित्रकूट और ओरछा से जुड़े धार्मिक एवं पर्यटन विकास कार्यों की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ मेडिकल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए यहां उच्च कोटि का हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाए, ताकि आने वाले पर्यटकों को सामान्य चिकित्सा से लेकर आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट का विकास केवल निर्माण कार्यों तक सीमित न हो, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आधुनिक सुविधाओं का अनुभव हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समयबद्ध तरीके से कार्य पूरे करें और चित्रकूट को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाएं।
करोड़ों की परियोजनाएं प्रगति पर
बैठक में अपर मुख्य सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शुक्ला ने जानकारी दी कि स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत चित्रकूट में 27.21 करोड़ रुपये, कामदगिरि परिक्रमा पथ विकास के लिए 36.84 करोड़ रुपये और अन्य स्मारक कार्यों के लिए 72 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर 64.77 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य संचालित हैं। वहीं ओरछा में श्रीराम राजा लोक निर्माण के पहले और दूसरे चरण सहित सात परियोजनाओं पर 239.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कार्य चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रीराम पथ गमन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सरकार ने श्रीराम पथ गमन न्यास का गठन किया है। इसमें कुल 33 सदस्य हैं, जिनमें 28 पदेन और 5 अशासकीय सदस्य शामिल हैं। अशासकीय सदस्य श्रीराम के जीवनकाल पर शोध से जुड़े विद्वान होंगे। इसके अलावा पांच विशेषज्ञों की भी नियुक्ति की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण और कनेक्टिविटी पर जोर
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चित्रकूट में घाटों के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिए आसपास की निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। नगर परिषद चित्रकूट और एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा पिछले 10 वर्षों में 25.46 करोड़ रुपये के कार्य पूरे किए जा चुके हैं। वर्तमान में 80.33 करोड़ रुपये के कार्य प्रगतिरत हैं और 34.21 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित हैं। संस्कृति विभाग द्वारा ‘श्रीराम पथ गमन’ स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से समन्वय किया जा रहा है। प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखवीर सिंह ने बताया कि 34.30 किलोमीटर लंबाई की सडक़ों पर 117.79 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रस्तावित हैं। इनमें से 7.5 किलोमीटर मार्गों की स्वीकृति लेकर निविदा जारी की जा चुकी है, जबकि 14 किलोमीटर मार्ग के लिए वित्तीय समिति की स्वीकृति हो चुकी है। पर्यटन विभाग ने बताया कि अमरकंटक में भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत 50 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं। इनका संचालन स्थानीय निकायों और ट्रस्ट समितियों को सौंपा जाएगा।
परिक्रमा पथ को दी प्राथमिकता
सीएम ने निर्देश दिए कि श्रीराम पथ गमन निर्माण से पहले परिक्रमा पथ को प्राथमिकता से तैयार किया जाए। इससे चित्रकूट की व्यापक पहचान देश और विदेश में होगी। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के घाटों पर श्रद्धालुओं को ऐसा आध्यात्मिक अनुभव होना चाहिए, जो उनके मन पर गहरी छाप छोड़े। सरकार के सभी प्रयास इसी दिशा में होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट के समग्र विकास के लिए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा जाए। बड़ी कंपनियों के सीएसआर फंड से भी यहां सेवा गतिविधियां संचालित की जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सोमवती अमावस्या पर उमडऩे वाली भारी भीड़ के प्रबंधन के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए। चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र में नगरीय विकास से जुड़े कार्य प्राथमिकता पर किए जाएं और नगर का सौंदर्यीकरण ऐसा हो कि वह और अधिक सुंदर, नियोजित और व्यवस्थित नजर आए।