मप्र में अब ईको फ्रेंडली वस्तुओं से बनेंगी सडक़ें

  • सडक़ निर्माण में दिखेगा तकनीक और पर्यावरण संरक्षण

गौरव चौहान
मध्य प्रदेश में जल्द ही सडक़ें और मजबूत बनेंगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास खराब सडक़ों की समस्या से निपटने के लिए व्हाइट टॉपिंग तकनीक अपना रहा है। सडक़ें ईको फ्रेंडली वस्तुओं से बनाई जाएंगी। इसके लिए निर्माण में फाइबर रेनफोर्समेंट का उपयोग होगा। यानी लोहे की सरिया की जगह फाइबर की लगेगी। इस तकनीक से बनी सडक़ें ज्यादा टिकाऊ होती हैं और लंबे समय तक चलती हैं। वहीं सडक़ों के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए सडक़ों के किनारे पौधारोपण भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि मप्र में तेजी से सडक़ों का निर्माण हो रहा है। लेकिन जिस तेजी से सडक़ें बन रही हैं , वे उसी तेजी से खराब भी हो रही हैं। इससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहते हैं। इसको देखते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास ने अब नई तकनीक से सडक़ें बनाने का निर्णय लिया है। प्रदेश की सडक़ें अब 30 साल तक नहीं टूटेंगी। सडक़ों की व्हाइट टापिंग की जाएगी यानी सडक़ बनाने में सीमेंट का उपयोग होगा। सडक़ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ ईको फ्रेंडली सिस्टम का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। सडक़ों के किनारे खाली जगह उपलब्ध होने पर पौधारोपण एवं लैंड स्केपिंग का कार्य किया जाएगा। पौधारोपण के साथ सडक़ के किनारे मिनी गार्डन डेवलप किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त  संकेत भोड़वे का कहना है कि हम शहरी विकास एवं नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर प्रतिबद्धत है। नवीन एसओआर-2025 केवल तकनीकी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह हमारी विकास नीति और हरित शहरीकरण की सोच का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश की सडक़ें न केवल आधुनिक हों बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित और टिकाऊ भी बनें।
निर्माण के लिए बनेगी एसओआर
सडक़ निर्माण में तकनीक और पर्यावरण संरक्षण के लिए मप्र में अब ईको फ्रेंडली वस्तुओं से सडक़ें बनेंगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शहरी अवसंरचना विकास को नई दिशा देने की मंशा के साथ सडक़ एवं पुलों के लिए मानक अनुसूची दर (एसओआर)-2025 का ड्राफ्ट जारी किया जा रहा है। इस एसओआर में वर्ष 2021 के बाद श्रम दर एवं मूलभूत सामग्रियों जैसे सीमेंट, स्टील, रेत, एग्रीगेट्स, मशीनरी, ईंधन आदि के दरों का पुनरीक्षण किया गया है। एसओआर में विभाग द्वारा विशेष रूप से सडक़ सुरक्षा, प्रीकास्ट आइटम तथा अल्ट्रा हाई परफार्मेंस कांक्रीट (यूएचपीसी) से संबंधित प्रविधानों को शामिल किया गया है, जिससे गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित अधोसंरचना विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस एसओआर के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सभी हितधारकों, विशेषज्ञों, संविदाकारों, इंजीनियरों एवं नागरिकों से सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा विभाग द्वारा शीघ्र ही लैंडस्केपिंग एवं पौधारोपण के लिए अलग एसओमार भी जारी किया जाएयात इस एसओआर की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल लागत और दरों का ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता, सुरक्षा एवं पर्यावरणीय संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
सडक़ सुरक्षा और तकनीकी नवाचार
सडक़ें ईको फ्रेंडली वस्तुओं से बनाई जाएंगी। इसके लिए निर्माण में फाइबर रेनफोर्समेंट का उपयोग होगा। यानी लोहे की सरिया की जगह फाइबर की लगेगी। पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री पर जोर दिया जाएगा। जिसमें फाइबर रीइन्फोर्ड कंक्रीट, फ्लाई ऐश, प्लास्टिसाइजर जैसी नई सामग्री रहेगी। ठोस अपशिष्ट से प्राप्त निष्क्रिय सामग्री के उपयोग का प्रविधान किया गया है। इससे निर्माण अधिक टिकाऊ, लागत प्रभावी और पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल होगा। सडक़ बनाने में सडक़ सुरक्षा और तकनीकी नवाचार का भी ध्यान दिया जाएगा। अल्ट्रा हाई परफार्मेंस कंक्रीट (यूएचपीसी) और प्रीकास्ट आइटम का समावेश किया जाएगा। सडक़ व पुलों की गुणवत्ता और आयु में वृद्धि के साथ ही सुरक्षा मानकों में सुधार किया जाएगा। हरित विकास (ग्रीन डेवेलपमेंट)पर फोकस रहेगा। रोड की उपलब्ध चौड़ाई (आरओडब्ल्यू) जहां अनुमति दें, वहां हरित पट्टियां (ग्रीम बेल्ट्स) विकसित किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण, सौंदर्गीकरण और स्वास्थ्य सुधार के लिए यह कदम ऐतिहासिक साबित होगा। भविष्य की दृष्टि से मास्टर प्लान के अनुरूप रोड बनाई जाएगी। मास्टर प्लान की सडक़ों पर यूटिलिटी डक्ट की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। इससे बार-बार खुदाई की आवश्यकता नहीं होगी और नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।

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