
- बदलते समय के साथ बदलेगी पुलिस की ट्रेनिंग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अब पुलिसकर्मियों को हाईटेक बनाया जाएगा। इसके लिए पुलिस जवानों को हर तकनीक में पारंगत बनाया जाएगा। बदलते समय और आज की जरूरतों को देखते हुए प्रशिक्षण का स्वरूप भी बदलेगा। साइबर अपराध से निपटने के गुर समेत उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) में भी दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद से विशेष कोर्स तैयार कराया गया है। एआई से जुड़े नवाचारों की जानकारी भी रिक्रूट आरक्षियों की दी जाएगी। शारीरिक दक्षता के साथ आरक्षियों को बदले जमाने की पुलिसिंग के अनुरूप तैयार किया जाएगा। एआई के तकनीकी उपयोग का प्रशिक्षण दिए जाने के साथ ही उन्हें एआई के माध्यम से विभिन्न विषयों का व्यावहारिक ज्ञान कराया जाएगा।
गौरतलब है कि बदलते दौर के साथ पुलिस की चुनौतियां भी बदलने लगी है। परंपरागत अपराधों की जगह अब साइबर अपराधों के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में आने वाले पुलिस के जवानों को नई तकनीक के मुताबिक तैयार करने के लिए पहली बार पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में साइबर का विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। जिसको लेकर प्रशिक्षण शाखा द्वारा राज्य साइबर सेल के साथ मिलकर पाठ्यक्रम के दो विशेष मॉड्यूल तैयार किए हैं। जिन्हें सभी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पढ़ाने के लिए लागू कर दिया गया है। इसमें बेसिक कम्प्यूटिंग से एआइ और डार्क वेब की भी जानकारी दी जाएगी। साइबर के पाठ्यक्रम को खासतौर पर पुलिस में शामिल होने वाले नवआरक्षकों के लिए तैयार किया गया है। ट्रेनिंग सेंटर से तीन-तीन मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए। जिन्हें राज्य साइबर मुख्यालय में विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया। इसमें बनाने में साइबर एसपी प्रणय नागवंशी सहित अन्य शामिल रहे। ट्रेनिंग के बाद कोर्स को लागू किया गया है।
जरूरत के हिसाब कोर्स तैयार
प्रशिक्षण ले रहे नए रंगरूटों के लिए तैयार किए दोनों मॉड्यूल को रिसर्च कर तैयार किया गया है। जिसके पहले मॉड्यूल में बेसिक कम्यूटर के बारे में बताया गया है। जिसमें एक्सल, पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के के कम्प्यूटर के बुनियादी हार्ड वेयर पार्ट और सॉफ्टवेयर की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए साथ <बकायदा चैप्टर ग्राफिक्स के साथ दूसरे भाग को हाईटेक रखा गया है। इसमें साइबर से जुड़ी तमाम छोटी बड़ी जानकारी जैसे हैकिंग, सुरक्षा, डार्क वेब सहित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल किया गया है। पुलिस में भर्ती होने वाले जवानों को ट्रेनिंग में साइबर सुरक्षा की बारीकियां सिखाने पर जोर दिया है। ताकि नए जवान तकनीकी रूप से दक्ष हों और आधुनिक अपराध पर नियंत्रण पाया सकें। एडीजी प्रशिक्षण शाखा राजाबाबू सिंह का कहना है कि नव आरक्षकों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने कोर्स डिजाइन किए। एसआई से डार्कवेब की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे आगे चलकर ऐसे अपराधों से लड़ सकें।
हर जवान बनेगा साइबर वॉरियर
साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मध्य प्रदेश के पुलिस कर्मियों को भी इससे निपटने के लिए साइबर फाइटर बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती हो रहे सभी पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों से निपटने की बारीके से अध्ययन कराया जाएगा। इसमें न सिर्फ डीएसपी स्तर के अधिकारी होंगे, बल्कि सिपाही भी शामिल होंगे। इन सभी को पुलिस ट्रेनिंग के दौरान साइबर अपराधों की विवेचना के तमाम पहलुओं के बारे में अध्ययन कराया जाएगा। इसके लिए पुलिस ट्रेनिंग के साइबर में सायबर अपराधों को भी जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश सहित देश भर में अपराधों का चेहरा बदल रहा है। अब फिजिकल अपराधों के अलावा साइबर अपराधों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी होती है। इन अपराधों में दूर-दराज के छोटे जिलों और गांवों से लेकर देश के दूसरे कोने में बैठे शातिर भी शामिल हैं, जो लगातार लोगों को साइबर अपराध से लोगों को निशाना बना रहे हैं।