मप्र में अब 2028 तक लगेंगे प्री-पेड स्मार्ट मीटर

प्री-पेड स्मार्ट मीटर
  • नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को दी राहत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इनदिनों बिजली उपभोक्तओं के यहां प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगाए जाने की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए बिजली कंपनियों ने समय सीमा बढ़ाने की मांग मप्र विद्युत नियामक आयोग से की थी। नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की मांग स्वीकार करते हुए  स्मार्ट मीटर की स्थापना की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी है। यानी आगामी तीन साल में कंपनियां 1.41 करोड़ प्री-पेड स्मार्ट मीटर स्थापित करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम कर रही है। स्मार्ट मीटर स्थापना में देरी की वजह इसे बनाने वाली कंपनियों द्वारा तय समय सीमा में आपूर्ति नहीं कर पाना भी है। आरडीएसएस योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है। योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने की मूल समय सीमा दिसंबर 2023 से मार्च 2025 तक थी। प्रदेश सहित पूरे देश में धीमी गति से काम होने के कारण मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) की याचिका पर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने की समय सीमा 31 मार्च, 2028 तक बढ़ा दी है। यह छूट नए कनेक्शनों, खराब, जले, रुके हुए मीटरों के बदले मीटर लगाने और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के घरों के विद्युतीकरण पर लागू होगी।
2028 तक लगेंगे 1.41 करोड़ मीटर
 गौरतलब है कि बिजली कंपनियों को प्रदेश में 1 करोड़ 41 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने हैं। पहले चरण में 58 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगने हैं। यह काम समय सीमा में पूरा नहीं हो पा रहा। इसके चलते बिजली कंपनियों ने समय बढ़ाने की मांग करने की याचिका आयोग में जारी की थी। दूसरे चरण में बिजली कंपनियों को 82 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने हैं। इसके लिए आयोग ने बिजली कंपनियों को 31 मार्च, 2028 तक का समय दिया है। इसके चलते बिजली कंपनियों ने आयोग से गुहार लगाई थी कि स्मार्ट मीटर परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। ठेके रद्द होने, टेंडर प्रक्रियाओं में देरी, आपूर्ति की कमी और राष्ट्रीय स्तर पर भारी मांग के कारण समय सीमा पूरी करना संभव नहीं था।
बिजली कंपनियों को पहले चरण में काम करने की टाइम लाइन
आयोग ने प्रदेश की बिजली कंपनियों को पहले चरण में लगाए जाने वाले स्मार्ट मीटर का काम पूरा करने की टाइमलाइन भी तय कर दी है। इसके तहत ईस्ट जोन को जून, 2026, वेस्ट जोन को मार्च, 2026 और मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी को अप्रैल, 2027 तक पहले चरण का काम पूरा करने का समय निर्धारित है। इसके बाद बिजली कंपनियों को दूसरे चरण का काम पूरा करना है। तीनों बिजली कंपनियों को 31 मार्च 2028 तक प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर लगाने होंगे। पहले चरण में ईस्ट डिस्कॉम में 25,90,124,  सेंट्रल डिस्कॉम में 20,99,798, वेस्ट डिस्कॉम में 11,75,450 यानी  पहले चरण में कुल 58,65,372 स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
बिना व्यावधान प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश
आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिए कि मीटरों के बदले अस्थायी रूप से मीटर लगाने का ठोस मैकेनिज्म तैयार करें, ताकि राजस्व सुरक्षा और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 1.37 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत (फेज-1-38.47 लाख, फेज-2-99.22 लाख)हैं। अब तक 54.90 लाख मीटर फेज-1 में अवार्ड हो चुके हैं।  शेष 82.78 लाख मीटर फेज-2 के लिए टेंडर जारी होना बाकी है। ईस्ट डिस्कॉम सबसे ज्यादा 56.5 लाख मीटर स्वीकृत, जिनमें से लगभग 25.9 लाख फेज-1 में टेंडर हुए हैं। सेंट्रल डिस्कॉम 41.3 लाख मीटर स्वीकृत, जिनमें से 21 लाख फेज-1 में टेंडर हुए। वेस्ट डिस्कॉम में 39.8 लाख मीटर स्वीकृत, जिनमें से 11.7 लाख फेज-1 में टेंडर हुए।

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