
- लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की तय की जा रही जिम्मेदारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल के ऐशबाग में बने 90 डिग्री आरओबी ने देशभर में प्रदेश की किरकिरी कराई है। मामला सीएम डॉ. मोहन यादव के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस ब्रिज को दोबारा सुधरने के बाद ही शुभारंभ की बात कही है। वहीं सीएम के सख्ती के बाद इस ब्रिज की डिजाइन पास करने वाले और मॉनीटरिंग करने वाले 2 मुख्य अभियंता समेत 8 इंजीनियरों पर कार्रवाई हो चुकी है। उधर, सूत्रों का कहना है कि 90 डिग्री वाले आरओबी की भेंट अब लोक निर्माण विभाग के अफसर भी चढ़ेंगे।
भोपाल को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने उद्देश्य से बनाए गए ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का डिजाइन देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। 18 करोड़ रुपए की लागत से करीब 8 साल के लंबे अर्से के इंतेजार के बाद बनकर तैयार हुए इस ब्रिज की टॉप हाईट पर 90 डिग्री के खतरनाक टर्न दे दिया है, जिसने लोगों को असमंजस में डाल दिया है। लोग इस ब्रिज को भविष्य में भोपाल में होने वाले हादसों का सबसे बड़ा केंद्र बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की ‘टेकनोलॉजिया’ कहकर मीम बना रहे हैं।
6 महीने से प्रभार पर लोक निर्माण विभाग
दरअसल, प्रदेश सरकार ने पिछले साल 7 दिसंबर को लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को हटाकर राजभवन भेज दिया था। तब से लोक निर्माण विभाग का प्रभार ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई के पास है। इस बीच प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के कई बड़े प्रोजेक्ट में खामी सामने आ चुकी है। जिसमें भोपाल का डॉ भीमराव अंबेडकर सेतु लोकार्पण के दो दिन बाद ही उखडऩे लगा था। जबलपुर के सबसे लंबे ओवर ब्रिज में निर्माण पूरा होने से दरार पडऩेे लगी थी। खास बात यह है कि इन दोनों पुलों की खामी की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलाई मौके पर पहुंचे थे और क्लीनचिट दी। राजधानी के कोलार सिक्सलेन मार्ग के निर्माण में भी कई खामी सामने आ चुकी हैं। शिवपुरी जिले में 80 करोड़ की लागत से बन रहा रेलवे ओवर ब्रिज अचानक गिर गया था। जिसमें 6 मजदूर घायल भी हुए। जबकि विभाग ने सरकार तक यह रिपोर्ट पहुंचाई थी कि स्लैब को लोनिवि ने खुद गिराया था। इस मामले में विभाग ने मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री को भी गुमराह किया।
कुछ अफसरों पर गिर सकती है गाज
इंजीनियरों पर कार्रवाई के बाद अब विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। पिछले 6 महीने से अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई से लोक निर्माण विभाग वापस लिया जा सकता है। साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा स्मार्ट सिटी एवं मेट्रो परियोजना में देरी एवं लापरवाही भी जिम्मेदारों पर गाज गिर सकती है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पिछले हफ्ते 50 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले निर्माण कार्यों को लेकर लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन पूर्व विकास विभाग समेत भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत आधा दर्जन जिलों के जिलाधीशों के साथ वीडियो कॉफ्रेंस की थी। मुख्य सचिव ने भोपाल के 90 डिग्री पुल मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होने पर अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही इंदौर नगरीय क्षेत्र में निर्माणीधीन बड़े प्रोजेक्ट में देरी एवं लापरवाही भी नगरीय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला से सवाल-जवाब किया था। बताया गया कि मुख्य सचिव ने 90 डिग्री पुल मामले में अपर मुख्य सचिव को कहा कि एक हफ्ते के भीतर जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो जाना चाहिए।