
- अब सुरक्षा निधि से कटेगी उपभोक्ताओं की जेब
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जुलाई से बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में सुरक्षा निधि की राशि बढ़ जाएगी। वर्तमान निधि 1500 रुपए बढक़र 2200 रुपए हो जाएगी। यानि 750 रुपए की बढ़ी राशि का समायोजन 250 रुपए प्रति माह के हिसाब से तीन किश्तों में काटा जाएगा। इस समायोजन का असर बिजली बिल पर आएगा। विभाग का मानना है कि बीते तीन साल में प्रत्येक उपभोक्ताओं की करीब 20 फीसदी बिजली खपत बढ़ी है। ऐसे में अब अगले तीन माह इसी बढ़ी खपत को तीन किस्तों में कंपनी वसूलेगी। अधिकारियों के अनुसार बिजली कंपनी 45 दिन की औसत खपत के बराबर की राशि सुरक्षा निधि में जमा कराती है। कंपनी उपभोक्ता के पिछले 12 महीनों के बिलों का विश्लेषण करती है और कुल खपत का औसत निकाला जाता है। निकाली गई औसत मासिक खपत को वर्तमान टैरिफ (बिजली दरों) से गुणा करके मासिक औसत बिल की गणना की जाती है। इसमें फिक्स्ड चार्ज (स्थिर प्रभार), एनर्जी चार्ज और अन्य लागू शुल्क शामिल होते हैं।
ऐसे समझें सुरक्षा निधि का गणित
उदाहरण के तौर पर एक उपभोक्ता की 12 महीनों की औसत मासिक खपत 200 यूनिट है। वर्तमान टैरिफ के अनुसार, 200 यूनिट का मासिक बिल लगभग 1500 आता है। प्रतिदिन 50 रुपए की खपत हो गई। 45 दिनों में ये 2250 रुपए बनती है। अभी उपभोक्ता की 1500 रुपए सुरक्षा निधि जमा है तो अतिरिक्त 750 रुपए की तीन किस्तों यानि अब 250 रुपए तीन माह तक अतिरिक्त जुडक़र आएंगे।
सुरक्षा निधि क्यों बढ़ाई?
बिजली कंपनी के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस बार बिजली खपत 20 प्रतिशत बढ़ी है। इसी औसत के आधार पर सुरक्षा निधि में भी बढ़ोतरी की गई है। 45 दिन की औसत बिजली खपत को वर्तमान टैरिफ रेट से गुण करने पर जो राशि बनती है, वह सुरक्षा निधि होती है।
बिल में 4.67 प्रतिशत सरचार्ज भी बढ़ा
अधिकारियों के अनुसार कंपनी फ्यूल एंड पॉवर परचेस एडजस्टमेंट के नाम पर 4.67 फीसदी चार्ज जुड़ेगा। जुलाई से बिजली बिलों में उपभोक्ताओं को यूल एंड पॉवर परचेस एडजस्टमेंट चार्ज भी बिल में देना होगा। बिजली बिल में ऊर्जा शुल्क का 4.67 फीसदी ये सरचार्ज जुड़ेगा। इससे 100 यूनिट पर करीब 50 रुपए अतिरिक्त राशि बिल में बढ़ जाएगी।
इनका कहना है..
बिजली बिल में सुरक्षा निधि 1500 की जगह 2250 रुपए कर दी गई है। अतिक्ति एरियर राशि 750 रुपए का समायोजन नियमों के अनुसार अगले तीन बिलों में ही किया जाएगा। मानसून को देखते हुए बिजली उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए ही यह निर्णय लिया गया है।
– मनोज द्विवेदी, जनसंपर्क अधिकारी, मप्र बिजली वितरण कंपनी भोपाल