- एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचना पड़ा भारी
- गौरव चौहान

प्रदेश में शराब ठेकेदारों की मनमानी चरम पर है। शराब ठेकेदार कानून व सरकारी नियमों से बेखौफ एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेच रहे हैं। इससे सरकार व आम जनता को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे में लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए आबकारी विभाग ने प्रदेशभर में कार्रवाई की है। जिन लाइसेंसी शराब दुकानों पर एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेची जा रही थी, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2.31 करोड़ रूपए का जुर्माना वसूला गया है।
गौरतलब है की राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है। आश्चर्य की बात तो यह कि आबकारी आयुक्त ने 1 अप्रैल से हर शराब दुकान पर रेट लिस्ट चस्पा करने का आदेश दिया, कीमत भी तय कर दी, पर इसका पालन नहीं किया जा रहा था। प्रदेशभर में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचने वाले लाइसेंसी ठेकेदारों के खिलाफ आबकारी विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। आबकारी अमले ने पिछले दिनों राजधानी के बरखेड़ी में शराब दुकान पर कार्रवाई की। यहां महंगी शराब बेचने की शिकायत थी। अधिकारियों ने एक कर्मचारी को 500 का नोट देकर शराब खरीदने भेजा। एक टीम दुकान के आसपास तैनात रही, जिसके पास उस नोट का नंबर और फोटो था। सेल्समैन ने उसे 450 रु. की शराब 460 रु. में दी। इस बीच टीम दुकान पर पहुंची और नोट जब्त कर टेस्ट परेचज का पंचनामा बनाया। एक अन्य पंचनामा भी बनाया गया, जिस पर सेल्समैन के हस्ताक्षर थे। विभाग ने दुकान संचालक को नोटिस देकर कार्रवाई की। इसी तरह की कार्रवाई सभी जगह की जा रही है।
सबसे अधिक जबलपुर में जुर्माना
मप्र में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचने को लेकर आबकारी विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। पिछले 10 दिनों में आबकारी विभाग ने सबसे अधिक जबलपुर से जुर्माना वसूला है। आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार जबलपुर की 32 शराब दुकानों से 1,10,88,968 रूपए इंदौर की 19 दुकानों से 51,00,000 रूपए, भोपाल की 7 दुकानों से 24,03,169 रूपए, रीवा की 5 दुकानों से 13,70,024 रूपए, सागर की 4 दुकानों से 10,76,017 रूपए, टीकमगढ़ की 7 दुकानों से 5,38,266 रूपए, बुरहानपुर की 3 दुकानों से 4,61,079 रूपए, शिवपुरी की 11 दुकानों से 3,24,205 रूपए, छिंदवाड़ा की 3 दुकानों से 3,00,000 रूपए, पन्ना की 4 दुकानों से 1,97,118 रूपए, छतरपुर की 3 दुकानों से 1,73,286 रूपए, दमोह की 1 दुकानों से 1,33,394 रूपए और नीमच की 3 दुकानों से 59,011 रूपए की वसूली की गई है।
क्यूआर कोड से खरीदी जा रही शराब
गौरतलब है कि महंगी शराब की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए आबकारी विभाग ने सभी लाइसेंसी दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने के निर्देश दिए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इन 10 दिनों में 50 हजार से अधिक लोगों ने क्यूआर कोड से पेमेंट कर शराब खरीदी। ग्राहकों का कहना है कि भोपाल में दो शराब ठेकेदारों की मोनोपॉली चल रही है। इस कारण वे एमआरपी से ज्यादा दरों पर शराब बेच रहे हैं। दुकान वालों से इस बारे में बात की जाती है, तो उनका कहना होता है कि जहां एमआरपी पर बिक रही है, वहां से खरीद लो। अन्य दुकानें दूर होने के कारण महंगी शराब खरीदनी पड़ती है। आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि एमआरपी से ज्यादा या एमएसपी से कम पर शराब बेचने वाले लाइसेंसी ठेकेदारों पर कार्रवाई की जा रही है। शिकायत मिलने और जांच करने पर 106 लाइसेंसियों पर कार्रवाई करते हुए दो करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया है।
10 दिन में 106 लाइसेंसी शराब दुकानों पर जुर्माना
जानकारी के अनुसार विभाग बीते 10 दिन में 15 जिलों की 106 लाइसेंसी शराब दुकानों पर 2.31 करोड़ रुपए का जुर्माना कर चुका है। इस तरह की सबसे ज्यादा कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। दरअसल, एक अप्रैल से नए ठेके होने के बाद मनमानी कीमतों पर शराब बेचे जाने के मामले सुर्खियों में हैं। मामला मप्र हाईकोर्ट तक भी पहुंच चुका है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और आबकारी विभाग से पूछा है कि प्रदेश में एमआरपी से महंगी शराब क्यों बेची जा रही है? इससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी महंगी शराब बेचे जाने के मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए सरकार और आबकारी विभाग से दखल देने की मांग की थी।