बरसों से एक ही थाने में जमे पुलिसकर्मी होंगे रवाना

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  • पुलिसकर्मियों की थानों में पोस्टिंग को लेकर पीएचक्यू का आदेश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लंबे समय से एक ही थानों में जमे आरक्षक से उपनिरीक्षक तक के कर्मचारियों के तबादले की कार्रवाई शुरू हो गई। उनका रिकॉर्ड निकालकर समीक्षा की जाएगी। हर जिले से 16 जून तक प्रतिवेदन भेजना होगा। उसके बाद लंबे समय से जमे ये पुलिसकर्मी हटाए जाएंगे। पीएचक्यू ने भोपाल-इंदौर कमिश्नर, रेल एसपी समेत सभी पुलिस अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जो पुलिसकर्मी (आरक्षक से उपनिरीक्षक तक) किसी एक थाने में 4 साल या उससे ज्यादा समय से तैनात हैं, उनका तबादला 16 जून तक जरूर कर दिया जाए। इन तबादलों की जानकारी पीएचक्यू  इस पर अमल नहीं किया गया है को भी भेजनी होगी। यह निर्देश स्पेशल डीजी (प्रशासन) आदर्श इसलिए निर्देश दोबारा जारी किए जा रहे हैं।  कटियार ने जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि थानों में लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों को हटाना जरूरी है ताकि कामकाज पारदर्शी और जनता के हित में बना रहे। समय-समय पर तबादला होने से काम में भी बदलाव आता है और पुलिस के खिलाफ शिकायतें भी कम होती हैं। पीएचक्यू द्वारा पहले भी इसको लेकर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन कई जिलों में  पीएचक्यू द्वारा निर्देश जारी होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। आरक्षक से लेकर एसआई अपने आकाओं के दरवाजे खटखटाने लगे हैं। राजधानी में ही कई पुलिसकर्मी इस श्रेणी में आते है, जो कई सालों से यही नौकरी कर रहे है। यदि उनका तबादला भी हो जाता है कि वे किसी न किसी तरह से उसी संभाग में आ जाते है या अटैचमेंट करवा लेते हैं। ऐसे कई पुलिसकर्मी है जो आरक्षक से प्रमोशन पाकर उप निरीक्षक बन गए और वही आकर जम जाते हैं। यही हाल इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों का है। यहां पदस्थ पुलिसकर्मी यहां से हटना नहीं चाहते। वे यहां से स्थानांतरित भी होते है तो एक से दो साल में फिर वापस आ जाते है। इस तरह के आदेश पहले भी जारी होते रहे है। इस बार देखना होगा कि पीएचक्यू द्वारा जारी आदेश का राजधानी समेत प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में क्या असर होता है। इससे सुदूर क्षेत्रों की स्थिति का पता लग जाएगा। इससे पुलिसिंग में पारदर्शिता आएगी और पुलिस पर आरोप लगने का गुजाईश कम होगी।
तबादले के लिए गाइडलाइन
पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी पुलिस आयुक्त (इंदौर/भोपाल) और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए थानों में लंबे समय से पदस्थ कर्मचारियों के तबादले सुनिश्चित करने को कहा है। जारी आदेश के अनुसार, किसी भी आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक स्तर के कर्मचारी को एक थाने में अधिकतम 4 वर्ष से अधिक नहीं रखा जाएगा।  साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि किसी कर्मचारी को पदावधि पूर्ण होने के बाद दोबारा उसी थाने में उसी पद पर पदस्थ नहीं किया जाए। यदि किसी को अलग पद पर फिर उसी थाने में लाना हो, तो कम से कम 3 वर्षों का अंतराल जरूरी होगा। इसके अलावा एक ही अनुविभाग में विभिन्न पदों पर किसी कर्मचारी की कुल पदस्थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अटैचमेंट की अवधि भी सेवाकाल में शामिल मानी जाएगी।

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