आज खत्म हो जाएगी… तबादले की समय-सीमा

तबादले
  • अब पुरानी तारीख में विभाग निकालेंगे तबादला आदेश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों की समय-सीमा आज खत्म हो रही है। बावजूद इसके विभागों के प्रमुख सचिवों, आयुक्तों और मंत्रियों के बीच तबादला सूची पर आम राय नहीं बन पाई है। इससे कई विभागों की लिस्ट जारी नहीं हो सकी है। कर्मचारियों से बातचीत और विभागीय पोर्टल पर जारी किए जाने वाले आदेशों की पड़ताल के अनुसार वन, राजस्व, जनजातीय कार्य, उच्च शिक्षा जैसे विभागों में तबादले ही नहीं किए। वहीं कुछ विभागों ने तबादला सूची जारी की है लेकिन उसमें भी नाम मात्र स्थानांतरण किए गए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि विभाग अब पुरानी तारीख में तबादला आदेश निकालेंगे। उधर तबादलों के बाद विवाद और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्थिति को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के बाद और जनजातीय कार्य विभाग ने भी हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है।  बताया जाता है कि मंत्रियों, प्रमुख सचिवों और आयुक्तों के बीच तालमेल न होने के कारण सूची बार-बार मंत्री के बंगलों और अफसरों की टेबिल तक पहुंंच रही है। राजस्व विभाग, वन विभाग, खनिज विभाग, परिवहन विभाग, किसान कल्याण, ऊर्जा, पंचायत और ग्रामीण विकास, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, सहकारिता विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, महिला और बाल विकास विभाग में तबादलों की सूची पेंडिंग है। वित्त मंत्री के विभाग के आबकारी, कमर्शियल टैक्स और पंजीयन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के मामले में भी सूची जारी होने का इंतजार है। मोहन सरकार में यह पहली तबादला नीति है। इसे एक मई से लागू किया गया। इसके पहले जब नीति नहीं आई थी तब कुछ मंत्रियों ने कार्यकर्ता और कर्मचारियों द्वारा तबादला नीति की मांग किए जाने का हवाला देकर सत्ता व संगठन के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। कर्मचारी भी एक तरह से चिढ़े हुए थे, क्योंकि बीते चार वर्षों से तबादले नहीं हुए थे। जब सरकार ने तबादला नीति जारी कर दी, तब भी कई मंत्री और अफसर कर्मचारियों के आवेदन अंतिमसमय त दबाकर बैठे रहे।
मंत्रियों-अफसरों की लेटलतीफी से कर्मचारी परेशान
जिस बहु प्रतीक्षित तबादला नीति का मंत्री और कर्मचारी इंतजार कर रहे थे, उसकी समयसीमा 40 दिन तक खुली रही। सोमवार दोपहर तक जनजातीय कार्य समेत कई विभागों और रतलाम-झाबुआ जैसे 75 प्रतिशत जिलों ने एक भी तबादले नहीं किए। यहां तक कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर बेशर्मी वाला बयान देने वाले मंत्री विजय शाह के विभाग और प्रभार वाले जिलों में मिले आवेदनों को रोककर रखा गया। डेडलाइन के दो दिन पहले शाह ने थोकबंद अनुशंसा की, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए। मंत्रियों और अफसरों की लेटलतीफी के कारण कर्मचारी परेशान रहे। एक से दूसरे नेताओं, मंत्रियों व अफसरों तक चक्कर काटते रहे।
जनजातीय कार्य विभाग ने दायर की केविएट
आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने तबादलों की समय सीमा बीतने के पहले जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर हाईकोर्ट में केविएट दायर की है। विभाग की ओर से कहा गया है कि विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षकों के स्थानांतरण प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में किए गए हैं। स्थानांतरण को लेकर अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षकों द्वारा संभावित न्यायालयीन रिट याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए विभाग ने उच्च न्यायालय जबलपुर के साथ खंडपीठ इंदौर और ग्वालियर में शासन के पक्ष में केविएट दायर की गई है। विभाग ने अधिकारी-कर्मचारी एवं शिक्षकों को विधिवत सूचित किया है कि उनके द्वारा दायर किये जाने वाले संभावित न्यायालयीन प्रकरणों में शासन का पक्ष प्रभावी ढंग से रखा जायेगा।

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