
- फॉर्मर रजिस्ट्री की वजह से सर्वर पर बढ़ा लोड
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री किसानों और अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गई है। सर्वर की परेशानी से फार्मर रजिस्ट्री की गति तेज नहीं हो पा रही है। वहीं वेबसाइट की दिक्कतों के चलते पोर्टल पर ऑनलाइन सेवाएं रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही उपलब्ध हो पा रही हैं। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। गौरतलब है कि सामान्यत: गर्मियों के सीजन में ही किसान जमीनों से जुड़े लंबित प्रकरणों का निराकरण कराते हंै, लेकिन इन दिनों किसानों को भू-अभिलेख पोर्टल से जमीनों के दस्तावेज ही नहीं मिल रहे हैं। जिससे उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। चूंकि भू-अभिलेख की सेवा रात में चालू होती है, जबकि ज्यादातर किसान गांव में रहते हैं। जहां प्रिंट निकालने जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं रहती है। रात में दुकानें भी बंद हो जाती हैं। हाल ही में किसानों की ये समस्याएं सीएम हेल्पलाइन से लेकर अधिकारियों तक पहुंच रही हैं। गौरतलब है कि मप्र सरकार द्वारा किसानों की जमीनों से जुड़े दस्तावेजों को ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन शर्त यह है कि ये दस्तावेज रात के अंधेरे में ही ऑनलाइन उपलब्ध हैं। दिन के समय जमीनों से जुड़ा कोई भी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। आयुक्त भू-अभिलेख ने यह अजीब व्यवस्था लागू की है, जिससे प्रदेश भर के किसान एवं आम लोग परेशान हो रहे हैं। दरअसल, आयुक्त भू अभिलेख के पोर्टल पर भू-अभिलेख से जुड़ी से ऑनलाइन सेवा रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही उपलब्ध है। यानी दिन में यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज निकलवाना चाहे या जमीन से जुड़ी जानकारी सर्च करना चाहे तो, पार्टल पर यह सेवा उपलब्ध ही नहीं रहती है। हालांकि रात 8 बजे के बाद भू-अभिलेख पर दस्तावेजों के सर्च एवं रिपोर्ट निकालने की सुविधा शुरू हो जाती है। इस संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय से बताया गया कि फॉर्मर रजिस्ट्री की वजह से सर्वर पर लोड ज्यादा है। इसलिए मुफ्त में जो सुविधा बंद थी, वह अस्थाई रूप से बंद कर दी गई है। हालांकि लॉगिन करके सुविधा ली जा सकती है। राजस्व अधिकारी या बैंक काम कर सकते हैं।
कार्यालयीन समय में सेवा गायब
आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा पोर्टल से दिन के समय जमीनों के दस्तावेज गायब करने को लेकर भू-अभिलेख से जुड़े अधिकारी ने बताया कि भू-अभिलेख सेवा फिलहाल सिर्फ रात 8 से सुबह 6 बजे तक ही उपलब्ध है। हालांकि पोर्टल पर उपलब्ध ग्राहक सेवा नंबर से ज्ञात होता है कि भू- अभिलेख की सेवा कार्यालयीन दिवस में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक ही उपलब्ध है। जबकि इस दौरान यह सेवा अनुपलब्ध रहती है। इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि प्रदेश में फॉर्मर रजिस्ट्री अभियान चल रहा है। इस अभियान के तहत किसानों की फार्मर आईडी बनाई जा रही हैं। जिसमें किसान, उनकी जमीन, आमदनी एवं अन्य व्यक्तिग एवं फसलों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध रहेगी। फॉर्मर रजिस्ट्री अभियान की वजह से भू-अभिलेख की सेवा दिन में नहीं मिलती है।