
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए विकास और सततता के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। वे संसद भवन परिसर में 2023-25 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए आयोजित ‘पार्लियामेंट्री प्रोसेस और प्रोसिजर्स’ कोर्स के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत मिशन लाइफ जलवायु परिवर्तन चुनौती से निपटने में सबसे आगे है। बिरला ने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में प्रकृति का आदर किया जाता है, जहां हम पेड़ों की पूजा करते हैं और पृथ्वी को अपनी मां मानते हैं। इस गहरे सम्मान ने हमारे पर्यावरण संरक्षण की नीतियों और प्रथाओं को आकार दिया है।’
उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण वन क्षेत्र और पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि संसद में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय असंतुलन पर नियमित रूप से चर्चा होती है। लोकसभा अध्यक्ष ने युवा अधिकारियों से यह भी कहा कि वे संसद में पारित कानूनों का अध्ययन करें और उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहें। साथ ही यह सलाह भी दी कि वन उत्पादों का वैज्ञानिक तरीके से उपयोग किया जाए और उचित मूल्य पर बेचा जाए। बता दें, इस कोर्स में 112 अधिकारी प्रशिक्षु, जिनमें 22 महिलाएं और 90 पुरुष हैं, शामिल हैं। दो अधिकारी भूटान से भी इस कोर्स में भाग ले रहे हैं।