दो दर्जन जिलों के गांवों को मिलेगी 1035 सडक़ों की सौगात

सडक़ों की सौगात
  • पांच चरणों में होगा निर्माण

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जन-मन) में केंद्र सरकार प्रदेश के 24 जिलों में निवासरत 3 विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सभी बसाहटों तक एप्रोच रोड तैयार कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा पीएम जन-मन में प्रदेश की चिन्हित कुल 1295 पीवीटीजी बसाहटों में कुल 1284.29 किलोमीटर लंबी 1035 सडक़ें मंजूर की गई हैं। गांव-गांव तक कुल 1050 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इन संपर्क सडक़ों का निर्माण कार्य पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
    पहले चरण में 235 करोड़ रुपये की लागत से 295 किमी लंबी 125 सडक़ें बनाई जा रही हैं। इन पर काम तेजी से जारी है। पहले चरण के ही दूसरे भाग में 150.72 करोड़ रुपये की लागत से 180.29 किमी लंबी 40 सडक़ें बनाई जानी हैं। इनके लिए निर्माण एजेंसी तय कर दी गई है। दूसरे चरण में 112.69 करोड़ रुपये की लागत से 152 किमी लंबी 60 सडक़ें बनाई जाएंगी। तीसरे चरण 162 करोड़ रुपये की लागत से 216 किमी लंबी 86 सडक़ें निर्मित की जाएंगी। चौथे चरण में 187.74 करोड़ रुपये से 254 किमी लंबी 97 सडक़ें तथा पांचवें चरण में 801 करोड़ रुपये की लागत से 1187 किमी लंबी 627 सडक़ें तैयार की जाएंगी।पीएम जन-मन अभियान में गांव-गांव की पहुंच सडक़ें प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन निर्माण एजेंसी मध्य प्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण (एमपीआरआरडीए) द्वारा बनाई जाएंगी। सभी सडक़ें जून 2025 तक निर्मित कर लेने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पांचवें चरण में स्वीकृत सडक़ों का निर्माण कार्य भी हर हाल में वर्ष 2025 के अंत तक पूरा कर लेने के लिए निर्माण एजेंसी ने ठोस तैयारी कर ली है।
    ये हैं तीन विशेष पिछड़ी जनजाति
    मध्यप्रदेश के 24 जिलों में तीन विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया निवास करती हैं। इन जिलों की ऐसी पीवीटीजी बसाहटें चुनी गई हैंं, जहां पर आवागमने के लिए अच्छी सडक़ें नही हैं। इनमें शिवपुरी जिले के कलौथरा, हतौद, चांढ, डबिया, विनेगा, कांकर, कोटा एवं बुद्धा, श्योपुर जिले के टर्राखुर्द, पनवाड़ा, कटीला, किलंगावदी एवं स्यारदा, शहडोल जिले के बंधवावाड़ा, कर्री, मोहतरा, चंदेला एवं कुंदाटोला, अशोकनगर जिले के कोठरखेड़ी, कोहरवास, असपतखेड़ी, थावोन व राजबमोरा, गुना जिले के कोतर, गादेर, सहराना कटर्रा, हिनोतिया व बेलका तथा ग्वालियर जिले के पथरियापुरा, घरसोंदी, बिजली घर (बरई), बनहेरा जैसे गांव शामिल हैं। इसी तरह से मंडला जिले के वोकर, नाकावाल, दातादीन, बैगाटोला एवं देवरीकला, विदिशा जिले के मड़ीपुर, पिपरिया आजीत, ढगरवाड़ा, डिंडोली एवं जरगुंवा, सीधी जिले के एथरेला, टमसार, बकवा, कथार व बरीकोठर, अनूपपुर जिले के मझहौली, टिकराधुधी, गैन्दियामा, इंटूर, कामरान टोला, केलहारी एवं पाड़ौर, बालाघाट जिले के दलदला, धनवार, लगमा, कुंडेकसा एवं मालिया और छिंदवाड़ा जिले के देलाखारी, छिन्दी, आडिटोरिया, घूसावानी, राजढाना, मरकाढाना एवं रोझनी गांव शामिल हैं।

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