शिशु मृत्यु दर में डेढ़ दशक बाद भी नहीं सुधर रहे हालात

शिशु मृत्यु

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शासन प्रशासन और सरकार के दावों की कलई सरकारी आंकड़े स्वयं खोल रहे हैं। मामला प्रदेश में शिशु मृत्यु दर का है। इस मामले में मप्र ऐसा प्रदेश बना हुआ है , जहां पर देश में बीते डेढ़ दशक से सर्वाधिक शिशु मृत्यु दर बनी हुई है। अब इस मामले में बेहतर काम हो सके इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक कर दिया गया है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बजट 10 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष से अधिक है। इसके बाद भी स्थिति यह है कि प्रदेश में मात्र 120 अस्पतालों में ही सीजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध हो सकी है। अगर इस सुविधा का विस्तार ही कर दिया जाता तो शिुशु मृत्यु दर में सुधार हो सकता है। यही नहीं ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में तो चिकित्सकों का अभाव भी बना हुआ है। यही वजह है कि इस मामले में प्रदेश फिसड्डी बना हुआ है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम यानि की एसआरएस द्वारा जारी होने वाले बुलेटिन के अनुसार एक हजार बच्चों में से 43 की मृत्यु जन्म से एक वर्ष के भीतर हो जाती है। 28 दिन तक के बच्चों की मृत्यु दर भी प्रदेश में सर्वाधिक है। देश की औसत दर 20 तो प्रदेश की 31 प्रति हजार है। शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ होने पर ही सीजर डिलीवरी कराई जा सकती है। तीनों डॉक्टर नहीं होने के कारण इस सुविधा का विस्तार नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिलाकर प्रदेश के 177 अस्पतालों को इसके लिए चिह्नित किया है, पर 120 अस्पतालों में ही ऑपरेशन से प्रसव कराने की सुविधा है। इनमें भी कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के चलते 24 घंटे सुविधा प्रसूताओं को नहीं मिल पा रही है।
यह हैं कुछ जिलों में हालात
सिंगरौली में सिर्फ जिला अस्पताल में यह सुविधा है। इसी तरह से आलीराजपुर, अशोकनगर, बुरहानपुर, दतिया, डिंडौरी, उमरिया हरदा और श्योपुर में दो-दो अस्पतालों में ही सीजेरियन प्रसव हो रहा है। प्रदेश में 52 जिला अस्पताल, 161 सिविल अस्पताल और 348 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं। तीनों तरह के अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ के पद होते हैं। ऐसे में इन सभी को मिलाकर 547 अस्पतालों में यह सुविधा होनी चाहिए पर लगभग 22 प्रतिशत में ही है।

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