
पेंशनर्स को 1 मार्च से मिलेगा 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता
- गौरव चौहान
प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने के चौबीस घंटे बाद राज्य सरकार ने साढ़े पांच लाख पेंशनर्स को भी इतना ही भत्ता दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश में पेंशनर्स को 1 मार्च 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने के आदेश दिए गए हैं। अब अप्रैल की पेंशन में इसका भुगतान किया जाएगा। इस भत्ता आदेश में छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति एक मार्च 2024 से दिए जाने के कारण पेंशनर्स को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। वित्त विभाग के सचिव अजीत कुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार के सचिव अंकित को पत्र लिखकर कहा था कि मप्र के पेंशनर्स और परिवार पेंशनरों को छत्तीसगढ़ राज्य की सहमति से एक जुलाई 2023 से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। एमपी सरकार कर्मचारियों की तरह पेंशनर्स को भी एक जुलाई 2023 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देना चाहती है। इसलिए छग सरकार की सहमति जरूरी है। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सहमति तो दी गई लेकिन राज्य के सेवानिवृत कर्मचारियों को जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत का लाभ न देते हुए मार्च 2024 से 46 प्रतिशत करने के लिए पत्र जारी किया गया।
प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष एलएन कैलासिया का कहना है कि राज्य के साढ़े पांच लाख सेवानिवृत कर्मचारियों को 8 महीने के नुकसान के साथ महंगाई राहत में वृद्धि दी जा रही है। राज्य के सेवानिवृत कर्मचारियों को जनवरी 2023 में 42 फीसदी महंगाई राहत की गई थी, तब से अभी तक उनकी पेंशन में कोई वृद्धि नहीं हुई है जबकि, वृद्धावस्था में घरेलू एवं कई बीमारियों के कारण आर्थिक परेशानी इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर बनी रहती है। प्रोग्रेसिव पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश बुधौलिया का कहना है कि राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारी जो वरिष्ठ जन की श्रेणी में आते हैं, उन्हें 8 महीने देरी से 4 फीसदी महंगाई राहत प्रदान करना न्यायोचित नहीं है। कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी राज्य के कर्मचारियों की तरह जुलाई 2023 से 46 फीसदी महंगाई राहत प्रदान की जाए।
यह नियम बनता है हर बार बाधक
प्रदेश के पेंशनर्स के मामले में महंगाई राहत के लिए हर बार मध्यप्रदेश पुर्नगठन अधिनियम की धारा 49 के प्रावधान बाधक बनते हैं। इसके अनुसार पेंशनरों व परिवार पेंशनर्स को महंगाई राहत में वृद्धि के लिए व्यय भार मप्र शासन और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तय अनुपात में वहन किया जाता है। इसलिए महंगाई राहत में वृद्धि का आदेश जारी करने के पहले छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति जरूरी होती है। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा है कि ऐसा करने से राज्य के साढ़े चार लाख सेवानिवृत कर्मचारियों को 8 महीने के नुकसान के साथ महंगाई राहत में वृद्धि दी जा रही है। राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जनवरी 2023 में 42 प्रतिशत महंगाई राहत की गई थी, तब से अभी तक उनकी पेंशन में कोई वृद्धि नहीं हुई है जबकि वृद्धावस्था में घरेलू एवं कई बीमारियों के कारण आर्थिक परेशानी इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर बनी रहती है। राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारी जो वरिष्ठ जन की श्रेणी में आते हैं, उन्हें 8 महीने देरी से 4 प्रतिशत महंगाई राहत प्रदान करना न्यायोचित नहीं है। कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी राज्य के कर्मचारियों की तरह जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत महंगाई राहत प्रदान की जाए।
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को मिलेगी वेतन वृद्धि
प्रदेश में 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से लगने वाली वेतनवृद्धि में काल्पनिक वेतन वृद्धि दी जा सकेगी। वित्त विभाग ने इसको लेकर सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए है। जिसमें एक जुलाई और एक जनवरी को लगने वाली वेतन वृद्धि के मामले में विभागों को अलग से आदेश जारी करने के लिए अधिकार दिए गए हैं। उक्त निर्देशों में यह भी सामने आया है कि जो कर्मचारी इसका लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें हाईकोर्ट में केस दायर करना पड़ेगा। हालांकि, आदेश में ऐसा कोई जिक्र नहीं है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में सभी विभागों के अध्यक्ष राजस्व मंडल ग्वालियर, संभागीय आयुक्त, एचओडी और सभी कलेक्टरों को कहा गया है कि मप्र वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 की कंडिका 9 के अनुसार राज्य शासन के सभी शासकीय सेवकों के लिए संशोधित वेतन ढांचे में अगली वेतनवृद्धि की तारीख तय की जाना है। इसके अनुसार यह तारीख समान रूप से एक जुलाई तथा मप्र वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 की कंडिका 10 में तय प्रावधान के मुताबिक अगली वेतन वृद्धि के लिए हर साल की एक जनवरी तथा एक जुलाई घोषित है। वित्त के आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न याचिकाओं में दिए गए फैसलों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है कि 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले सरकारी कर्मचारी जिनके प्रकरण न्यायालय के फैसलों के अंतर्गत आते हैं। उन्हें सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त वेतन में काल्पनिक वेतनवृद्धि स्वीकृत की जाएगी। यह फैसला काल्पनिक वेतनवृद्धि केवल पेशन निर्धारण और पुनरीक्षण की गणना के लिए ही मंजूर की जाएगी। इसलिए सभी विभाग इसके आधार पर स्वयं फैसला करके आदेश जारी करेंगे।