समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में संकल्प पत्र दरकिनार

धान खरीदी
  • घोषणा 3100 रु. प्रति क्विंटल, भुगतान 2183 का…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इनदिनों समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हो रही है। लेकिन विडंबना यह है कि प्रदेश की नई सरकार ने अपने संकल्प पत्र में 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की थी, लेकिन उसे लागू नहीं किया है। इससे किसानों को 917 रूपए कम मिल रहे हैं। हालांकि भाजपा सूत्रों का कहना है कि सरकार किसानों को बाद में यह राशि बोनस के रूप में देगी। यानी प्रदेश के किसानों को धान पर मिलने वाले बोनस के लिए अभी कम से कम बजट तक इंतजार करना होगा, क्योंकि राज्य सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं है कि वह फिलहाल धान पर किसानों को बोनस दे सके। साल 2022 और 23 में प्रदेश में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। इस साल 46 लाख मैट्रिक टन लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की जा रही है। इस साल लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। अब तक 35 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। खास बात यह है कि भाजपा ने संकल्प पत्र में 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अभी अमल नहीं किया जा रहा है। किसानों को धान खरीदी पर समर्थन मूल्य 2183 रुपए प्रति क्विंटल के मान से राशि का भुगतान किया जा रहा है। इससे किसानों में नाराजगी है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 19 जनवरी तक की जाएगी। प्रदेश सरकार ने एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की थी। शुरुआती 15 दिन तक खरीदी केंद्रों पर न के बराबर किसान धान बेचने पहुंचे, क्योंकि धान की खरीदी 2183 या 3100 रुपए किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी, लेकिन जब बाद में इस संबंध में सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की तो किसानों ने खरीदी केंद्रों पर जाकर धान बेचना शुरू कर दी। धान बेचने के बाद 3100 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान की आस लगाए बैठे किसानों को झटका तब लगा, जब उन्हें 2183 रुपए के हिसाब से भुगतान किया गया।  संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम तरुण पिथोड़े का कहना है कि प्रदेश में निर्धारित केंद्रों पर धान की खरीदी जारी है। अब तक 35 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीदी की जा चुकी है। निर्धारित तिथि तक लक्ष्य से ज्यादा धान खरीदी के आसार है।
फिलहाल कोई फैसला….
खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अफसरों ने बताया कि फिलहाल धान खरीदी पर मिलने वाले बोनस को लेकर सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसलिए अभी केवल समर्थन मूल्य पर ही किसानों की धान खरीदी जा रही है। हालांकि पड़ोस के ही राज्य छत्तीसगढ़ में भाजपा ने धान खरीदी के साथ ही किसानों को बोनस का भुगतान भी शुरू कर दिया है। मप्र में वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हो सकता है कि किसानों को बोनस के लिए बजट के बाद तक इंतजार करना पड़े, क्योंकि लगभग 46 लाख टन धान खरीदने के बाद यदि 900 प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को बोनस देगी, तो राज्य सरकार के खजाने पर लगभग 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सतना जिले के ग्राम कोटर निवासी रामजी शर्मा का कहना है कि उन्होंने करीब 250 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेची है। चूंकि भाजपा ने संकल्प पत्र में 3100 रुपए में खरीदी का वादा किया था, इसलिए भाजपा की सरकार बनने पर सभी किसानों को उम्मीद थी कि सरकार 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीदी करेगी, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। किसानों को 2183 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान किया जा रहा है। यह किसानों के साथ धोखा है। सरकार को प्रति क्विंटल 917 रुपए बोनस की राशि तत्काल किसानों के खाते में डालना चाहिए। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी का कहना है कि संकल्प पत्र की घोषणाएं पूरी करने को लेकर हमारी सरकार गंभीर है। धान की खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को लेकर चर्चा चल रही है। जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा।

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