
- मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए आए एग्जिट पोल ने नेताओं की बेचैनी बढ़ाई…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए आए एग्जिट पोल ने नेताओं की बैचेनी जमकर बढ़ा दी है, तो वहीं राजनीतिक दलों के एक-एक सीट का फिर से आंकलन करने को मजबूर हो गए हैं। पोल के नतीजे आने के बाद दलों ने अपने विशेषज्ञों को फिर से अंचल वार हर विधानसभा क्षेत्र का आंकलन करने पर मजबूर कर दिया है।
गौरतलब है कि मतगणना से तीन दिन पहले यानि कि बीते शुक्रवार को कई सर्वे एंजेसियों के एग्जिट पोल सामने आए, तो नेताओं की धडक़नें बढऩे लगीं। कई दलों ने मौजूदा सत्ताधारी दल भाजपा की सरकार बनाने का अनुमान जताया तो कुछ ने कांग्रेस को ड्राइविंग सीट पर बताते हुए उनके पक्ष में बहुमत का आंकड़ा जारी कर दिया। इससे इतर कुछ दूसरी एजेंसियों ने अपने स्तर पर सरकार बनाने का रुझान बता दिया। लेकिन इन संभावित नतीजों ने राजनीतिक दलों के कर्णधारों सहित कई वरिष्ठ नेताओं की धडक़नें जरूर बढ़ा रखी हैं। राजनीति से जुड़े सूत्रों की मानें तो दलों ने एग्जिट पोल सामने आते ही अपने चुनावी विशेषज्ञों की टीम तैयार कर दी और उन्हें अलग-अलग अंचलों की जिम्मेदारी देकर एक-एक सीट का विश्लेषण करने को कहा है। जानकार बताते हैं कि, दोनों दल अपने जिलों के संगठन और चुनाव प्रभारियों के अलावा प्रत्याशियों और उनके बूथ एजेंटों से चर्चा कर उनसे फीडबैक ले रहे हैं, तो उनके द्वारा समाज के प्रतिष्ठित लोगों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और कर्मचारी संगठन के नेताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। इसी आधार पर टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर शनिवार तक अपने शीर्ष नेतृत्व के पास भेजेगी। जानकारों का कहना है कि मतदान के बाद दलों के पास जो फीडबैक आया था, एग्जिट पोल में उससे उलट नतीजे बताए गए हैं। जिससे दलों का अनुमान गड़बड़ाने लगा है।
बसपा पर भी नजर
एग्जिट पोल करने वाली एक एजेंसी ने बसपा को 15 सीटें मिलने का अनुमान बताया है। इसके बाद प्रमुख दल ऐसी सीटों का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। उल्लेखनीय है कि बसपा चुनाव के दौरान ही दो दर्जन से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही थी। ऐसे में यदि एग्जिट पोल का अनुमान सही साबित हुआ, तो बसपा अगली सरकार में वजनदार स्थिति में होगी।
विंध्य-महाकौशल में सबसे ज्यादा पेंच
सूत्रों का कहना है कि एग्जिट पोल का जो अनुमान सामने आया है, उनमें कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस भाजपा के अनुमान को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। विशेषकर विंध्य और महाकौशल अंचल के एग्जिट पोल ने दोनों दलों की इन क्षेत्रों के अनुमान पर पानी फेरा है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि विंध्य में उसे ज्यादा सीटें मिलेंगी और वहां से भाजपा को भारी नुकसान होगा, लेकिन कुछ एग्जिट पोल में विंध्य में भाजपा को बढ़त में बताई जा रही है। इसी तरह महाकौशल क्षेत्र में कांग्रेस वर्ष 2018 का इतिहास दोहराने की उम्मीद लिए बैठी थी, लेकिन एग्जिट पोल ने यहां कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को आगे बताया है। कमोवेश कुछ ऐसा ही हाल निमाड़ा-मालवा में कांग्रेस और भाजपा का था, लेकिन एग्जिट के नतीजे दोनों दलों की आशाओं के विपरीत सामने आए हैं।
टिकट नहीं मिलने से नाराज बागियों से संपर्क
उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज कुछ नेताओं ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा है। इनमें से अधिकतर चंबल और विंध्य क्षेत्र से चुनाव लड़े है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस मतदान के तत्काल बाद अपने बागियों से संपर्क में है। इधर बसपा भी अपने प्रत्याशियों पर भी पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। बताया गया है कि नतीजे आते ही बसपा अपने सभी जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों को लेकर लखनऊ या दिल्ली ले जाएगी। जहां उनकी पार्टी सुप्रीमो मायावती से मुलाकात कराई जाएगी। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में ही तय होगा कि मध्यप्रदेश के बसपा विधायक किस दल का साथ देंगे।