सूची जारी होते ही कांग्रेस में फूटा असंतोष का लावा

इस्तीफों के साथ ही दलबदल का दौर हुआ शुरु

निर्दलीय

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। नवरात्रि के पहले ही दिन कांग्रेस की सूची आयी तो कई सीटों पर दावेदारों में असंतोष का लावा फूट पड़ा। हालात ऐसे बने की शाम होते- होते तो कई दिग्गज दावेदार पार्टी को अलविदा कर दूसरे दलों तक की सदस्यता लेने में पीछे नहीं रहे, तो कई दावदारों ने निर्दलीय तक चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर डाली। उम्मीद से अधिक बगावत सामने आने से पार्टी में भी सनाका जैसे हालात बने हुए हैं। दरअसल पार्टी की पहली सूची का कांग्रेस को बड़ी बेसब्री से इंतजार बना हुआ था। पहली सूची में पार्टी ने 144 नाम घोषित किए हैं। हालात यह हैं कि टीकमगढ़ की खरगापुर विधानसभा, ग्वालियर ग्रामीण, सतना की नागौद के साथ ही बिजावर, दतिया, डबरा, पवई, उज्जैन, सागर की नरियावली और धार जैसी कई सीटों पर प्रत्याशी के विरोण में मोर्चा खुल चुके हैं।
धार में प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और पार्टी के मीडिया सेल के उपाध्यक्ष अजय यादव ने पार्टी छोड़ दी है। सतना जिले की नागौद से डॉ. रश्मि सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने से सभी आश्चर्य मे हैं। यहां पर पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह की टिकट तय मानी जा रही थी। इसकी वजह थी, सर्वे में उनका नाम पहले स्थान पर होना। वे 2018 में मात्र छह सौ वोट से भाजपा के नागेंद्र सिंह से चुनाव हारे थे। यही नहीं रैगांव उप चुनाव में कांग्रेस की कल्पना वर्मा को जिताने में यादवेंद्र सिंह का बड़ा योगदान था। इस वजह से ही तभी कमलनाथ सहित कई नेताओं ने उन्हें नागौद से तैयारी करने को कह दिया था। इसके बाद से ही वे क्षेत्र में सक्रिय थे। अचानक डॉ. रश्मि सिंह को टिकट देने से पूरे जिले में कांग्रेस का गणित ही गड़बड़ाता दिखने लगा है। इसकी वजह है सिंह की अपने समाज में मजबूत पकड़ और उसका प्रभाव रामपुर बघेलान, मैहर व अमरपाटन में होना है। खास बात यह है कि रश्मि सिंह पिछला चुनाव बीएसपी के टिकट पर लड़ी थीं और तीसरे नंबर पर रहीं। सिंह अब बसपा में शामिल हो गए हैं और उसके टिकट पर ही चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
नाम घोषणा से पहले ही विरोध  
रतलाम ग्रामीण में अभी प्रत्याशी के नाम की घोषणा भी नहीं हुई है, लेकिन उससे पहले ही अंर्तकलह खुलकर सामने आ चुकी है। यहां के पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा क्षेत्र में किसी भी बाहरी व्यक्ति और कर्मचारी को उम्मीदवार बनाने का विरोध अभी से शुरु कर दिया है। इस विरोध का पत्र और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। दरअसल यहां से जिन तीन नामों की चर्चा है, उनमें पूर्व जिलाध्यक्ष कोमल सिंह धुर्वे, जयस के डॉ. अभय ओहरी और जनपद सीईओ लक्षमण सिंह डिंडोर का नाम शामिल है। उधर, इंदौर में चार नंबर सीट पर राजा मंधवानी का नाम घोषित होते ही दावेदार अक्षय कांति बम के कार्यकर्ता मंधवानी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सडक़ों पर उतर आए। इस दौरान मंधवानी के पुतले भी कई चौराहों पर फूंके गए। उधर, दतिया में अवधेश नायक को उम्मीदवार बनाने के विरोध में राजेंद्र भारती समर्थकों ने नायक का पुतला जलाया और जमकर नारेबाजी की। इसी तरह से बिजावर से पार्टी ने यादव समाज को साधने के लिए उत्तर प्रदेश के चरण सिंह यादव को मैदान में उतारा है। यादव उप्र के रहने वाले हैं और दीप नारायण यादव के नजदीकी रिश्तेदार हैं। इसी तरह से खरगापुर सीट से दावेदारी कर रहे अजय सिंह यादव ने टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
ग्वालियर में भी इस्तीफा
 ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा के लिए साहब सिंह गुर्जर के नाम की घोषणा होते ही पार्टी के जिला ग्रामीण के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष कल्याण सिंह व उनके भाई केदार सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
यादवेंद्र ने साधा कमलनाथ पर जमकर निशाना  
टिकट कटने से नाराज यादवेंद्र सिंह ने मीडिया से चर्चा में कमलनाथ पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मैं मद में चूर कमलनाथ को सबक जरूर सिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि यदि टिकट सही ढंग से दिए जाते, तो विन्ध्य में कांग्रेस को 30 में से 24 सीटें मिलतीं, लेकिन कांग्रेस में अब लफंगे लोग टिकट बांट रहे हैं, जो महिलाओं का हाथ पकडक़र केक खिलाते हैं। उधर, उनके समर्थकों ने भी इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही वे आज नागौद में बड़ी सभा भी करने जा रहे हैं। इसमें वे अपने समर्थकों के बीच बसपा से चुनाव लडऩे का ऐलान करने जा रहे हैं। सभा में पूरे सतना जिले से उनके समर्थक शामिल होंगे।

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