क्या 9 का अंक दिलाएगा कांग्रेस को जीत?

  • देश भर में चर्चा का विषय बना कांग्रेस का ज्योतिषिय आंकड़ा
कांग्रेस

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। वैसे तो हम सभी जानते हैं की चुनावों में किसी भी व्यक्ति और पार्टी की जीत उसकी लोकप्रियता, उसके द्वारा कराए गए विकास कार्यों, विपक्षी की विफलता और मतदाताओं की उदारता पर निर्भर है। लेकिन उसके बाद भी शुभ दिवस, पूजा पाठ और ज्योतिष का सहारा लेना आम बात हो गई है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस ने शारदीय नवरात्रि के पहले दिन 9 बजकर 9 मिनट पर 144 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। इसके साथ ही प्रदेशभर में यह चर्चा होने लगी है कि क्या नौ का आंकड़ा कांग्रेस को जीत दिला पाएगा? गौरतलब है कि भाजपा ने अपनी चार सूचियां श्राद्व पक्ष में जारी कर अपने विकास कार्यों और मतदाताओं पर विश्वास जताया है। वहीं कांग्रेस ने सूची जारी करने के लिए नवरात्र तक का इंतजार किया था। नवरात्र के पहले दिन कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची के साथ कई बड़ी सीटों पर उम्मीदवार तय हो गए हैं। जारी की गई सूची में नौ के अंक को शुभंकर माना गया है। इसीलिए दिन और समय का खास ध्यान रखा गया है। कांग्रेस ने पहली सूची नवरात्र के पहले दिन सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर जारी की है। पहली सूची में 144 नाम हैं। कांग्रेस के 144 (1+4 + 4 = 9) प्रत्याशियों की सूची से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस ने अंकगणित के हिसाब से काम किया है। नौ के अंक को अपने लिए शुभ मानते हुए सूची जारी करने लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों को नवरात्र तक का इंतजार कराया था। कांग्रेस ने श्राद्ध पक्ष में आई भाजपा की सूची पर भी पलटवार किया था।
अंक गणित और शुभ योग
नवरात्र के पहले दिन सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर जारी हुई कांग्रेस के 144 (1+4+4 = 9) प्रत्याशियों की सूची से यह अंदाजा लगाया जा रहा है, कि कांग्रेस ने अंकगणित के हिसाब से काम किया है। नौ के अंक को अपने लिए शुभ मानते हुए सूची जारी करने लिए कांग्रेस नवरात्रि का इंतजार का रही थी। नवरात्रि का त्यौहार नौ दिन और नौ देवियों की आराधना का पर्व होता है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने नौ का अंक तय किया है, जिसके अनुसार उसने अपनी पहली सूची जारी की है। इसके पीछे गृह, नक्षत्र, चौघडिय़ा , अंक ज्योतिष और फलित ज्योतिष के शुभाशुभ योग से काम करने का प्रयास कांग्रेस की ओर से किया गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन जिस शुभ योग में कांग्रेस ने चुनावी रणभूमि में अपने प्रत्याशी उतारे हैं, उससे भाजपा या अन्य विपक्षियों पर मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक बढ़त हासिल करने की कोशिश है। कांग्रेस का मानना है सरकार बनाने का प्रबल योग संयोग गृहों की दशा और गोचर से कई गुना बढ़ जाता है।
सनातन पर भाजपा को जवाब
भाजपा को मुंह चिढ़ाने के लिए कांग्रेस नेता यह भी कह रहे हैं कि हम सनातनी हैं, इसलिए श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य नहीं करते हैं। भाजपा के नेता अक्सर कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हैं और खुद को सनातनी बताते हैं। भाजपा ने शुरुआत में भी अपनी दो सूचियों में 39-39 उम्मीदवार घोषित किए थे। इसके पीछे भी अंकगणित होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन तीसरी सूची में एक और चौथी सूची में 57 नाम सामने कर अंक गणित की बातों पर भाजपा ने विराम लगा दिया है। भाजपा ने अपनी एक सूची श्राद्ध पक्ष के दिनों में घोषित की थी, जिसके बाद से चुनाव में शुभ-अशुभ की बातें तेजी से होने लगी हैं। ऐसे में देखना होगा कि दोनों दलों के सनातनी होने के दावे और शुभ-अशुभ के खेल में जनता का आशीर्वाद किस दल को मिलता है।
कांग्रेस का योग या संयोग
मप्र में बेहद मजबूती और हर छोटी बड़ी सावधानियों को ध्यान में रखकर चुनावी मैदान में उतर रही कांग्रेस ने शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की अराधना पर्व की शुरुआत के साथ अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर अपराजेय इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। भाजपा ने जब श्राद्धपक्ष में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, तभी से कांग्रेस भाजपा पर नास्तिक होने और अशुभ योग में चुनाव मैदान में उतरने के आरोप लगाती रही है।

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