
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के संगठन अजाक्स में जारी घमासान के बीच दोनों गुटों द्वारा न केवल अपना-अपना अध्यक्ष चुन लिया गया है , बल्कि अपनी अपनी टीम भी बना ली गई है। इसकी वजह से अब इस संगठन से जुड़े अफसरों व कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। पहले संगठन के एक गुट ने संगठन के प्रांताध्यक्ष जेएन कंसोटिया को हटाकर महासचिव, सचिव सहित अन्य पदाधिकारियों को बर्खास्त किया और साधारण सभा बुलाकर ग्वालियर के पूर्व जिलाध्यक्ष चौ. मुकेश मौर्य को प्रांताध्यक्ष चुना और अब दूसरे गुट ने मौजूदा अध्यक्ष आइजेएन कंसोटिया को लगातार तीसरी बार सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया है। अहम बात यह है कि दूसरे गुट के अध्यक्ष बने मौर्य पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगा चुके हैं कि कंसोटिया लंबे समय से तानाशाहीपूर्ण तरीके से संगठन पर कब्जा किए हुए थे। वे अपने बल पर अपने हिसाब से जबरन संगठन को चलाने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने न्यायालय की अवमानना करते हुए कुछ जिलों के चुनाव कराने के विफल प्रयास किए। इसीलिए सभी पदाधिकारियों ने साधारण सभा बुलाकर उन्हें पद से हटा दिया है। अब नई कार्यकारिणी ही असली अजाक्स की कार्यकारिणी है। साथ ही संगठन के माध्यम से अधिकारी-कर्मचारियों की मांगों को शासन के सामने रखा है। इस संबंध में बहुत जल्द मुख्यमंत्री से मिलकर मांगों के संबंध में पत्र सौंपा जाएगा। उधर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के पुन: अध्यक्ष चुने गए अपर मुख्य सचिव एसीएस जेएन कंसोटिया ने ग्वालियर अजाक्स जिला अध्यक्ष मौर्य को हटाकर दूसरा अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इसके साथ ही तय किया गया है कि पुराने जिलाध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यह विवाद अब यहां तक पहुंच चुका है कि मौर्य ने एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से कंसौटिया की शिकायत तक कर दी है। इसमें उनके द्वारा सागर में आयोजित संत रविदास समागम कार्यक्रम को फैल करने का प्रयास करने का आरोप लनगाया गया है। उनका कहना है कि जानबूझ कर यह बैठक उस दिन बुलाई गई है , जब सागर में प्रधानमंत्री की सभा थी। इसकी वजह से उस कार्यक्रम में लोग शामिल नहीं हो पाए हैं।